विशाल भारद्वाज
विशाल भारद्वाज (जन्म ४ ऑगस्ट १९६५) [१] एक भारतीय चित्रपट दिग्दर्शक, पटकथा लेखक, निर्माता, संगीत संयोजक आणि पार्श्वगायक आहे. ते हिंदी चित्रपटसृष्टीतील त्यांच्या कामासाठी ओळखले जातात आणि आठ राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कार आणि एक फिल्मफेअर पुरस्कार प्राप्तकर्ते आहेत.
Indian film director, screenwriter and composer | |
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जन्म तारीख | ऑगस्ट ४, इ.स. १९६५ बिजनोर |
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कार्य कालावधी (प्रारंभ) |
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नागरिकत्व | |
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भारद्वाज यांनी बालचित्रपट अभय (१९९५) द्वारे संगीतकार म्हणून पदार्पण केले आणि गुलजारच्या माचीस (१९९६) मधील त्यांच्या रचनांमुळे त्यांना व्यापक मान्यता मिळाली. त्यांना नवीन संगीत प्रतिभेसाठी फिल्मफेर आर.डी. बर्मन पुरस्कार मिळाला. सत्या (१९९८) आणि गॉडमदर (१९९९) या चित्रपटांसाठी त्यांनी संगीत दिले. नंतरच्यासाठी, त्याला सर्वोत्कृष्ट संगीत दिग्दर्शनासाठी राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कार मिळाला.
भारद्वाज यांनी बालचित्रपट मकडी (२००२) द्वारे दिग्दर्शनात पदार्पण केले, ज्यासाठी त्यांनी संगीत देखील दिले. विल्यम शेक्सपियरच्या तीन शोकांतिकांचं भारतीय रूपांतर लिहिण्यासाठी आणि दिग्दर्शित केल्याबद्दल त्यांनी व्यापक समीक्षकांची प्रशंसा मिळवली: मॅकबेथ वर आधारीत मकबूल (२००३), ओथेलो वर आधारीत ओमकारा (२००६), आणि हॅम्लेट वर आधारीत हैदर (२०१४). त्यांनी कमीने (२००९) ७ खून माफ (२०११), आणि मटृ की बिजली का मंडोला (२०१३) या चित्रपटाचे दिग्दर्शनही केले आहे.
याशिवाय, भारद्वाज व्हीबी पिक्चर्स या बॅनरखाली चित्रपटांची निर्मिती करतात. त्याने इश्किया (२०१०), त्याचा पुढील भाग डेढ इश्किया (२०१४), आणि तलवार (२०१५) या चित्रपटांसह सह-लेखन आणि निर्मिती केली आहे. त्यांनी त्यांच्या प्रत्येक दिग्दर्शन आणि निर्मिती उपक्रमांसाठी संगीत संच तयार केले आहे आणि गीतकार गुलजार यांच्याशी वारंवार सहकार्य केले आहे. त्यांनी पार्श्वगायिका रेखा भारद्वाजशी लग्न केले आहे.
वैयक्तिक जीवन
भारद्वाज यांचा जन्म ४ ऑगस्ट १९६५ रोजी उत्तर प्रदेशातील बिजनोर जिल्ह्यातील चांदपूर शहरात झाला.[२][३] त्यांची आई सत्या भारद्वाज गृहिणी आणि वडील राम भारद्वाज ऊस निरीक्षक होते.[४] त्यांच्या वडिलांनी हिंदी चित्रपटांसाठी कविता आणि गीतेही लिहिली.[३]
त्यांचा एक मोठा भाऊ होता ज्याने चित्रपट निर्माता होण्यासाठी मुंबईत अनेक वर्षे संघर्ष केला आणि नंतर हृदयविकाराच्या झटक्याने त्यांचे निधन झाले.[५] वयाच्या सतराव्या वर्षी त्यांनी एक गाणे तयार केले. गाणे ऐकल्यानंतर त्यांच्या वडिलांनी संगीत दिग्दर्शिका उषा खन्ना यांच्याशी चर्चा केली. यार कसम (१९८५) या चित्रपटात तिने याचा वापर केला होता.[५] भारद्वाज नंतर दिल्ली विद्यापीठाच्या हिंदू कॉलेजमध्ये पदवीचे शिक्षण घेण्यासाठी दिल्लीला गेले.[६] त्याची पत्नी, पार्श्वगायिका रेखा भारद्वाज हिला कॉलेजच्या वार्षिक कार्यक्रमात भेटले; ती त्याच्यापेक्षा एक वर्ष वरिष्ठ होती.[७]
फिल्मोग्राफी
चित्रपट | वर्ष | दिग्दर्शक | निर्माता | पटकथा लेखक | टिप्पणी |
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मकडी | २००२ | होय | होय | होय | |
मकबूल | २००३ | होय | होय | होय | |
द ब्ल्यू अंबरेला | २००५ | होय | होय | होय | राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कार, सर्वोत्कृष्ट बालचित्रपट |
ओमकारा | २००६ | होय | नाही | होय | राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कार, विशेष ज्युरी पुरस्कार फिल्मफेर सर्वोत्तम दिग्दर्शक पुरस्कार - नामांकन फिल्मफेर सर्वोत्तम संवाद पुरस्कार - नामांकन फिल्मफेर सर्वोत्तम पार्श्वसंगीत पुरस्कार - नामांकन |
बल्ड ब्रदर्स | २००७ | होय | नाही | होय | लघुपट |
नो स्मोकींग | नाही | होय | नाही | ||
दस काहानीयां | नाही | नाही | होय | ||
कमीने | २००९ | होय | होय | होय | |
इश्किया | २०१० | नाही | होय | होय | |
७ खुन माफ | २०११ | होय | होय | होय | |
मटृ की बिजली का मंडोला | २०१३ | होय | होय | होय | |
एक थी डायन | नाही | होय | होय | ||
डेढ इश्किया | २०१४ | नाही | होय | होय | |
हैदर | होय | होय | होय | राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कार, सर्वोत्कृष्ट पटकथा (संवाद) | |
तलवार | २०१५ | नाही | होय | होय | राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कार, सर्वोत्कृष्ट पटकथा (रूपांतरित) |
रंगून | २०१७ | होय | होय | होय | |
पटाखा | २०१८ | होय | होय | होय | |
मॉडर्न लव्ह: मुंबई | २०२२ | होय | नाही | होय | ॲमेझोन प्राईम |
कुत्ते | २०२३ | नाही | होय | होय | |
फुरसत | होय | नाही | होय | लघुपट | |
चार्ली चोपरा; द मिस्ट्री ऑफ सोलांग व्हॅली | होय | होय | होय | सोनीलिव्ह सिरीज | |
खुफीया | होय | होय | होय | नेटफ्लिक्स |