आबूगीदा

स्वर व्यंजन संयोजक लीपि "अबूगीदा"

आबूगीदा ऐसी लिपि को कहा जाता है जिसमें व्यंजन और स्वर को एक ईकाई में लिखा जाये। उदाहरण के लिए देवनागरी एक आबूगीदा है, क्योंकि "क" के व्यंजन और "ओ" के स्वर को एक ही ईकाई में मिलाकर "को" लिखा जाता है। इसी तरह इथियोपिआइरित्रिया की गीइज़ लिपि में "ड" को "ደ" लिखा जाता है और यदि "डी" लिखना हो तो "ई" का स्वर इसी अक्षर में मिलाकर "ዲ" बन जाता है। इसके विपरीत अंग्रेज़ी में प्रयोग होने वाली रोमन लिपि एक आबूगीदा नहीं है, क्योंकि "क" (k) के साथ "ई" (i) जोड़ने पर भी यह दोनों अलग-अलग अक्षर ही रहते हैं, यानि कि "ki"। आबूगीदा गीइज़ भाषा से आया है। ब्राह्मी परिवार की सभी लिपियाँ आबूगीदा हैं।[1]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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