11 सितम्बर 2001 के हमले

संयुक्त राज्य अमेरिका में 2001 के आतंकवादी हमले

11 सितंबर के हमले (जिन्हें अक्सर सितम्बर 11 या 9/11 कहा जाता है) 11 सितम्बर 2001 को संयुक्त राज्य अमेरिका पर अल-क़ायदा द्वारा समन्वित आत्मघाती हमलों की एक श्रंखला थी।उस दिन सबेरे, 19 अल कायदा आतंकवादियों ने चार वाणिज्यिक यात्री जेट वायुयानों का अपहरण कर लिया।[2][3] अपहरणकर्ताओं ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया, जिससे विमानों पर सवार सभी लोग तथा भवनों के अंदर काम करने वाले अन्य अनेक लोग भी मारे गए। दोनों भवन दो घंटे के अंदर ढह गए, पास की इमारतें नष्ट हो गईं और अन्य क्षतिग्रस्त हुईं। अपहरणकर्ताओं ने तीसरे विमान को बस वाशिंगटन डी॰सी॰ के बाहर, आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन में टकरा दिया। अपहरणकर्ताओं द्वारा वाशिंगटन डी॰सी॰ की ओर पुनर्निर्देशित किए गए चौथे विमान के कुछ यात्रियों एवं उड़ान चालक दल द्वारा विमान का नियंत्रण फिर से लेने के प्रयास के बाद, विमान ग्रामीण पेंसिल्वेनिया में शैंक्सविले के पास एक खेत में जा टकराया। किसी भी उड़ान से कोई भी जीवित नहीं बचा।

९/११ का आतंकवादी हमला

दूसरे हमले के १० मिनट बाद ली गई तस्वीर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दोनों इमारतें जलती हुई दिख रही हैं।
स्थान न्यूयॉर्क नगर,पेंटागन वर्जीनिया और पेन्सिलवेनिया के पास।
तिथि मंगलवार, ११ सितम्बर, २००१
8:46 सुबह – 10:28 सुबह (यूटीसी-4)
हमले का प्रकार वायुयान अपहरण, नरसंहार, आत्मघाती हमला, आतंकवाद
मृत्यु लगभग ३००० (१९ अपहर्ताओं को मिलाकर)
घायल ६००० से ज्यादा
अपराधी अल कायदा, ओसामा बिन लादेन के नेतृत्व में[1]
(यह भी देखें ११ सितम्बर २००१ के अमेरिकी हमलों के गुनाहगार और ११ सितम्बर २००१ के वायुयान अपहर्ता)

इन हमलों में लगभग 3,000 लोग तथा 19 अपहरणकर्ता मारे गए।[4] न्यूयॉर्क राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जून, 2009 तक अग्निशामकों एवं पुलिस कर्मियों सहित, 836 आपातसेवक मारे जा चुके हैं।[4] वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर हुए हमले में मारे गए 2,752 पीड़ितों में से न्यूयॉर्क शहर तथा पोर्ट अथॉरिटी के 343 अग्निशामक और 60 पुलिस अधिकारी थे।[5] पेंटागन पर हुए हमले में 184 लोग मारे गए थे।[6] हताहतों में 70 देशों के नागरिकों सहित नागरिकों की भारी संख्या थी।[7] इसके अलावा, वहां कम से कम एक द्वित्तीयक मृत्यु हुई थी- चिकित्सा परीक्षक के अनुसार वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ढहने से धूल में प्रकटन के कारण हुए फेफड़ों के रोग की वजह से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी।[8]

संयुक्त राज्य अमेरिका ने आतंक के विरुद्ध युद्ध शुरू करके हमले की प्रतिक्रिया व्यक्त की है: आतंकवाद को आश्रय देने वाले तालिबान को पदच्युत करने के लिए इसने अफगानिस्तान पर आक्रमण कर दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूएसए (USA) पैट्रियट एक्ट कानून भी बनाया। कई मंजय के देशों ने भी अपने आतंकवाद विरोधी कानूनों को मजबूत बनाया तथा कानून प्रवर्तक क्षमताओं का विस्तार किया। कुछ अमेरिकी शेयर बाजार हमले के बाद सप्ताह के शेष दिनों में बंद रहे तथा फिर से खुलने पर भारी घाटा, खासकर एयरलाइन और बीमा उद्योग में, दर्ज किया। अरबों डॉलर के कार्यालय स्थान के नष्ट होने से लोअर मैनहटन की अर्थव्यवस्था को गंभीर हानि का सामना करना पड़ा।

पेंटागन को हुए नुकसान के एक वर्ष के अंदर साफ कर दिया गया और मरम्मत कर दी गई तथा भवन के बगल में पेंटागन स्मारक का निर्माण किया गया। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थल पर पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 2006 में, एक नया कार्यालय टॉवर 7 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के स्थल पर पूर्ण हो गया। वर्तमान में नया 1 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थल पर निर्माणाधीन है और 2013 में पूर्ण होने पर 1,776 फुट (541मी) ऊंचाई वाली यह उत्तरी अमेरिका में सबसे ऊंची इमारत हो जाएगी। मूल रूप से तीन और टावर 2007 और 2012 के बीच उस स्थल पर बनाए जाने की उम्मीद की गई थी। 8 नवम्बर 2009 को फ्लाइट 93 नेशनल मेमोरियल की परियोजना प्रारंभ का गई थी और प्रथम चरण का निर्माण 11 सितम्बर 2011 को हमलों की दसवीं सालगिरह के लिए तैयार हो जाने का आशा है।[9]

आक्रमण

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले को दर्शाता हुआ नक्शा।
यूनाइटेड एयरलाइंस उड़ान 175 दक्षिण टॉवर से टकराए।
फ्लाइट 77 के पेंटागन से टकराने की सुरक्षा कैमरा फुटेज.[10]
दोनों टावरों के गिर जाने के बाद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का दृश्य
11 सितंबर को दक्षिणी पेंसिल्वेनिया में दुर्घटनाग्रस्त होने के पहले फ्लाइट 93 का पथ.

11 सितम्बर 2001 को जल्दी सवेरे, बोस्टन, नेवार्क और वॉशिंगटन डी॰सी॰ (वॉशिंगटन डलेस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) से सैन फ्रांसिस्को तथा लॉस एंजिल्स जा रहे चार वाणिज्यिक विमानों पर उन्नीस अपहरणकर्ताओं ने कब्जे में ले लिया।[11] प्रातः 8:46 बजे, अमेरिकी एयरलाइंस की फ्लाइट 11 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर से जा टकराई, इसके बाद प्रातः 9:03 बजे यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट 175 साउथ टॉवर से टकराई।[12][13]

अपहरणकर्ताओं के एक अन्य समूह ने प्रातः 9:37 बजे अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 77 को पेंटागन में टकरा दिया।[14] एक चौथाई उड़ान, यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 93 विमान पर सवार यात्रियों और अपहरणकर्ताओं के बीच लड़ाई के बाद प्रातः 10:03 बजे, पेंसिल्वेनिया में शैंक्सविले के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गई। माना जाता है कि इसका अंतिम लक्ष्य या तो कैपिटल (संयुक्त राज्य अमेरिका कांग्रेस का बैठक स्थल) या व्हाइट हाउस था।[15][16]

सितम्बर 2002 में वृत्तचित्र निर्माता योसरी फाउदा द्वारा आयोजित एक साक्षात्कार में अल जजीरा के पत्रकार खालिद शेख मोहम्मद और रैमजी बिनलशीभ ने कहा कि चौथा अपहृत विमान संयुक्त राज्य अमेरिका कैपिटल जा रहा था न कि व्हाइटहाउस.कैपिटल उन्होंने आगे कहा कि अल कायदा ने शुरू में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन के बजाय परमाणु प्रतिष्ठानों में अपहृत विमानों को उड़ाने की योजना बनाई थी लेकिन स्थिति "नियंत्रण से बाहर हो जाने" के डर से "उस समय के लिए" परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर हमला नहीं करने का फैसला किया गया था।[17]

कुछ यात्री केबिन एयरफोन सेवा तथा मोबाइल फोन का उपयोग करके फोन कॉल करने में[18][19] तथा यह विवरण देने में सफल हो गए कि प्रत्येक विमान पर बहुत से अपहरणकर्ता सवार थे, कि जावित्री या हानिकारक रासायनिक छिड़काव के अन्य रूप, जैसे अश्रु गैस या काली मिर्च का छिड़काव किया गया था और कि विमान पर सवार कुछ यात्रियों को चाकू से मारा गया था।[20][21][22][23] रिपोर्टों ने संकेत दिया कि दो उड़ानों के दौरान, अपहरणकर्ताओं ने विमान चालकों, उड़ान परिचारकों और कम से कम एक मामले में, एक यात्री की चाकुओं से हत्या कर दी थी।[24][25] 9/11 आयोगने यह स्थापित किया है कि दो अपहरणकर्ताओं ने हाल ही में लैदरमैन बहुप्रकार्य हस्त उपकरण खरीदे थे।[26] फ्लाइट 11 के एक उड़ान परिचारक, फ्लाइट 175 के एक यात्री और फ्लाइट 93 के यात्रियों ने बताया कि अपहरणकर्ताओं के पास बम थे, लेकिन एक यात्री ने यह भी कहा कि उसके विचार से बम नकली थे। दुर्घटना स्थलों पर विस्फोटकों के कोई अवशेष नहीं पाए गए थे और 9/11 आयोग का मानना था कि बम शायद नकली थे।[24]

यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 93 के ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग से पता चला कि फोन कॉल के माध्यम से यह जानने के बाद कि इसी प्रकार अपहृत किये गए विमानों को सवेरे इमारतों से टकरा दिया गया था, चालक दल और यात्रियों ने अपहरणकर्ताओं से विमान का नियंत्रण छीनने की कोशिश की थी।[27] फ्लाइट 93 के रिकॉर्डर की लिखित प्रतिलिपि के अनुसार एक बार यह स्पष्ट हो जाने पर कि वे विमान का नियंत्रण यात्रियों के हाथों खो देंगे, एक अपहरणकर्ता ने विमान को डगमगाने का आदेश दिया था।[28] इसके तुरंत बाद, विमान प्रातः स्थानीय समय 10:03:11 बजे (14:03:11 यूटीसी (UTC)) स्टोनीक्रीक टाउनशिप, सोमरसेट काउंटी, पेंसिलवेनिया में शैंक्सविले के समीप एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हमलों के आयोजक खालिद शेख मोहम्मद ने योसरी फाउदा के साथ 2002 में एक साक्षात्कार में बताया था कि फ्लाइट 93 का लक्ष्य संयुक्त राज्य अमेरिका कैपिटल था, जिसे कूट नाम "द फैकल्टी ऑफ लॉ" दिया गया था।[29]

वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर कॉम्प्लेक्स में हमले के दिन तीन इमारतें संरचनात्मक विफलता के कारण ढह गई थीं।[30] दक्षिण टॉवर (2 डब्ल्यूटीसी (WTC)) यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 की टक्कर से लगी आग में लगभग 56 मिनट तक जलने के बाद प्रातः 9:59 पर गिर गया था।[30] उत्तरी टॉवर (1 डब्ल्यूटीसी (WTC)) लगभग 102 मिनट तक जलने के बाद प्रातः 10:28 बजे ढह गया था।[30] जब उत्तरी टॉवर ढहा तो इसका मलबा पास की 7 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (7 डब्ल्यूटीसी (WTC)) इमारत पर गिरा, जिससे वह भी क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें आग लग गई। यह आग घंटों तक जलती रही और इमारत की संरचनात्मक मजबूती चरमरा गई, जिसके कारण सायं 5:20 बजे पूर्वी सायबान टूट कर गिर पड़ा और 5:21 पर पूरी इमारत ढह गई।[31][32]

इन हमलों ने पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में, समाचार संगठनों और हवाई यातायात नियंत्रकों में बड़े पैमाने पर भ्रम उत्पन्न कर दिया। सभी अंतर्राष्ट्रीय नागरिक हवाई यातायात के लिए तीन दिनों के लिए अमेरिकी भूमि पर उतरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।[33] जो विमान पहले से ही उड़ान में थे उनको या तो वापस भेज दिया गया या कनाडा अथवा मैक्सिको के हवाई अड्डों पर उतरने के लिए भेज दिया गया। समाचार स्रोत दिन भर अपुष्ट और अक्सर विरोधाभासी रिपोर्टें प्रसारित करते रहे। इनमें से सर्वाधिक प्रचलित एक स्रोत ने समाचार दिया कि वाशिंगटन डी॰सी॰ में अमेरिकी राज्य विभाग के मुख्यालय पर एक कार बम में विस्फोट किया गया था।[34] पेंटागन दुर्घटना का समाचार पहली बार देने के तुरंत बाद, कुछ समाचार माध्यमों ने संक्षेप में यह भी बताया कि नेशनल मॉल में आग लग गई थी।[35] एसोसिएटेड प्रेस तार पर एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया गया कि डेल्टा एयर लाइन्स के एक विमान फ्लाइट 1989 का अपहरण कर लिया गया था। यह रिपोर्ट भी गलत निकली, संक्षिप्त समय के लिए विमान को अपहरण के खतरे में समझा गया था, लेकिन जल्दी ही नियंत्रकों को उससे जवाब मिल गया और वह सुरक्षित क्वीवलैंड, ओहायो में उतर गया।[36]

हताहतों की संख्या

मृत्यु (अपहरणकर्ताओं को छोड़कर)
न्यूयॉर्क शहरवर्ल्ड ट्रेड सेंटर2,606[37][38]
अमेरिकन 1187[39]
यूनाइटेड 17560[40]
आर्लिंगटनपेंटागन125[41]
अमेरिकन 7759[42]
शैंक्सविलेयूनाइटेड 9340[43]
कुल2,977

कुल 2996 मृत्यु हुई जिनमें 19 अपहरणकर्ता और 2,977 पीड़ित थे[44] पीड़ितों का वर्गीकरण इस प्रकार है: 246 चार विमानों में (जहां से कोई भी जीवित नहीं बचा), 2606 न्यूयॉर्क सिटी में टॉवर्स में और जमीन पर तथा 125 पेंटागन में.[37][45] पेंटागन में मारे गए 55 सैन्य कर्मियों को छोड़कर, हमलों में होने वाली सभी मौतें नागरिकों की थीं।[46]

वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर हुए हमलों में 90 से अधिक देशों ने अपने नागरिक खोए थे।[47] 2007 में, न्यूयॉर्क शहर के चिकित्सा परीक्षक कार्यालय ने 11 सितंबर के हमलों में मरने वालों की आधिकारिक सूची में फेलिसिया डन-जोन्स का नाम जोड़ा। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ढहने पर धूल के संपर्क से हुई फेफड़ों की बीमारी से डन-जोन्स की मृत्यु 9/11 के पांच महीने बाद हुई थी।[48] 2008 में लिंफोमा से मरने वाले लियोन हेवर्ड को मरने वालों की आधिकारिक सूची में 2009 में जोड़ा गया।[49]

एनआईएसटी (NIST) का अनुमान है कि हमलों के समय वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर कॉम्पलेक्स में लगभग 17,400 नागरिक थे, जबकि पत्तन प्राधिकरण से मिली घूमने वाले दरवाज़े की गिनती सुझाती है प्रातः 8:45 तक ट्विन टॉवर्स में आम तौर से 14,154 लोग अपस्थित थे।[50][51] दक्षिणी टॉवर में प्रभाव क्षेत्र के 18 लोगों सहित, प्रभाव क्षेत्र से नीचे वाले लोगों की एक बड़ी संख्या को इमारत से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था और प्रभाव क्षेत्र से एक मंजिल ऊपर के लोगों ने स्पष्टतः दक्षिणी टॉवर की सुरक्षित बची हुई सीढ़यों का प्रयोग किया।[52] उत्तरी टॉवर में प्रभाव क्षेत्र वाली तथा उससे ऊपर वाली मंजिलों पर उपस्थित कम से कम 1,366 लोग मारे गए थे और दक्षिणी टॉवर में, जहां बाहर निकालने का काम दूसरी टक्कर से पहले ही शुरू हो गया था, कम से कम 618 लोग मारे गए थे।[53] अतः मरने वाले कर्मचारियों और आगंतुकों के 90% से अधिक टक्कर वाली या उससे ऊपर वाली मंजिल पर थे।

आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सैकड़ों लोग टक्कर होते ही तत्काल मारे गए थे, जबकि शेष फंस गए लोग टॉवर ढह जाने के बाद मारे गए।[54] कम से कम 200 लोग जलते हुए टॉवरों से कूदने के कारण मारे गए (जैसा कि छायाचित्र में दिखाया गया है "गिरता हुआ आदमी"), सैकड़ों फुट नीचे सड़क पर और आस-पास की इमारतों की छतों पर जाकर गिरे.[55] प्रत्येक टॉवर में टक्कर के स्थान से ऊपर रहने वाले कुछ लोग हेलीकाप्टर बचाव की आशा में ऊपर छत की ओर गए किंतु छत की ओर जाने वाले दरवाजे बंद थे। हेलीकाप्टर से बचाव की कोई योजना नहीं बनी थी और 11 सितंबर को, घने धुएं और तीव्र गर्मी के कारण हेलीकाप्टरों से बचाव करना संभव भी नहीं हो पाता।[56]

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमलों के 6 दिन बाद अवशेष.

घटना स्थल पर पहुंच कर लोगों को बचाने और आग को बुझाने का प्रयत्न करने वाले कुल 411 आपातकालीन कार्यकर्ता मारे गये। न्यूयॉर्क सिटी फायर विभाग (एफडीएनवाई (FDNY)) ने 341 अग्निशामक और 2 एफडीएनवाई (FDNY) सहायक चिकित्सक गंवाए।[57] न्यूयॉर्क शहर पुलिस विभाग ने 23 अधिकारियों को खो दिया।[58] पत्तन प्राधिकरण पुलिस विभाग ने 37 अधिकारियों को खो दिया[59] और निजी ईएमएस (EMS) इकाइयों के 8 अतिरिक्त ईएमटी'ज (EMTs) मारे गए थे।[60][61]

101वीं-105वीं मंजिल पर स्थित एक निवेश बैंक कैंटर फिजराल्ड एल॰पी॰ ने किसी अन्य नियोक्ता की अपेक्षा काफी अधिक, 658 कर्मचारी गंवाए।[62] कैंटर के बिलकुल नीचे 93-101 मंजिल पर (फ्लाइट 11 की टक्कर का स्थल) स्थित मार्श इंक. ने 355 कर्मचारी गंवाए और एओन कॉर्पोरेशन के 175 कर्मचारी मारे गए।[63] न्यूयॉर्क के बाद, न्यू जर्सी सर्वाधिक प्रभावित राज्य रहा जिसके शहर, होबोकेन ने सबसे ज्यादा मौतें झेलीं.[64]

हमले के सप्ताहों बाद, मृतकों की संख्या 6,000 से अधिक होने का अनुमान था, लेकिन यह संख्या वास्तविक पुष्ट मौतों की दोगुनी से अधिक निकली।[65] यह शहर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के लगभग 1,600 पीड़ितों के अवशेषों की ही पहचान करने में समर्थ हो सका है। चिकित्सा परीक्षक कार्यालय ने भी "लगभग 10,000 अज्ञात हड्डियों और ऊतकों के टुकड़े एकत्र किए हैं जिनका मृतकों की सूची से मिलान नहीं हो सका है।[66] हड्डी के टुकड़े अभी 2006 में भी पाए गए जब मजदूर क्षतिग्रस्त ड्यूश बैंक की इमारत को ध्वस्त करने की तैयारी कर रहे थे। यह ऑपरेशन 2007 में पूरा हुआ। 2 अप्रैल 2010 को नृविज्ञान एवं पुरातात्विक विशेषज्ञों के एक दल ने स्टेटन आइलैंड पर फ्रेश किल्स लैंडफिल में मानव अवशेषों, मानव निर्मित कलाकृतियों तथा निजी वस्तुओं को खोजना आरंभ किया। यह आपरेशन जून 2010 में पूर्ण हो गया जिसमें 72 मानव अवशेष पाए गए, इसके साथ ही पाए गए कुल मानव अवशेष 1845 हो गए हैं। 2,753 पीड़ितों में से 1,629[67] की शिनाख्त हो पाई है। अतिरिक्त पीड़ितों की पहचान के लिए डीएनए (DNA) प्रोफाइलिंग की कोशिश जारी है।[68]

क्षति

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के खुद के 110-मंजिला ट्विन टॉवर्स के अलावा,7 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, 6 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, 5 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, 4 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, द मैरियट वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (3 डब्लूटीसी (WTC)) और वर्ल्ड फाइनेंशियल सेंटर कॉम्प्लेक्स तथा सेंट निकोलस ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च सहित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थल पर अनेक अन्य इमारतें नष्ट हो गईं या बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुईं।[69] ट्विन टॉवर्स का गिरना इतिहास में इस्पात-आधारित संरचनाओं के पूर्णतः क्रमिक रूप से ढहने के अकेले उदाहरण का प्रतिनिधित्व करता है।[70]

पेंटागन आग से क्षतिग्रस्त हुआ और आंशिक रूप से ढह गया।

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर कॉम्प्लेक्स से लिबर्टी स्ट्रीट के पार ड्यूश बैंक की इमारत को बाद में रहने योग्य न होने तथा आफिस टॉवर के अंदर विषैली स्थितियां होने के कारण बेकार घोषित कर दिया गया और उसे तोड़ने का काम चल रहा है।[71][72] 30 वेस्ट ब्रॉडवे पर स्थित द बरो ऑफ मैनहटन कम्यूनिटी कॉलेज के फिटरमैन हॉल को भी, हमलों में अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण बेकार घोषित कर दिया गया था और उसे तोड़ने का पट्ट लगा दिया गया है।[73]

90 वेस्ट स्ट्रीट और वेरीजोन इमारत सहित आस-पास की इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा था, लेकिन उन्हें बहाल कर दिया गया है।[74] वर्ल्ड फाइनेंशियल सेंटर की इमारतों, वन लिबर्टी प्लाजा, द मिलेनियम हिल्टन और 90 चर्च स्ट्रीट को मामूली नुकसान हुआ था।[75] तब के बाद से उन्हें बहाल कर दिया गया है। प्रसारण रेडियो, टेलीविजन तथा टू-वे रेडियो एंटिना टॉवरों सहित नॉर्थ टॉवर के ऊपर लगे संचार उपकरण भी नष्ट हो गए थे, किंतु शीघ्रता से संकेतों का विपथन करने और प्रसारण पुनः आरंभ करने में मीडिया स्टेशन कामयाब रहे।[69][76] आर्लिंग्टन काउंटी में पेंटागन के एक हिस्से में आग लग गई थी और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त इमारत का एक भाग ढह गया।[77]

बचाव और सुधार

पेंटागन हमले के एक घायल पीड़ित को बाहर लिकाला गया।

न्यूयॉर्क शहर के फायर विभाग (एफडीएनवाई (FDNY)) ने शीघ्रता से 200 इकइयां (आधा विभाग) स्थल पर तैनात कर दिया जिनके प्रयत्नों को पूरा करने में अनगिनत कार्यविरत अग्निशामकों तथा ईएमटी (EMTs) ने सहायता की।[78][79][80] न्यूयार्क पुलिस विभाग (एनवाईपीडी (NYPD)) ने अपनी विमानन इकाई तैनात करने के साथ-साथ आपातकालीन सेवा इकाइयों (ईएसयू (ESU)) तथा अन्य पुलिस कर्मियों को भेजा।[81] एक बार स्थल पर पहुंचने के बाद, एफडीएनवाई (FDNY), एनवाईपीडी (NYPD) और पत्तन प्राधिकरण पुलिस ने प्रयासों में समन्वय नहीं किया तथा नागरिकों के लिए निरर्थक खोज करते रहे।[78][82]

जब स्थिति बिगड़ी, तो एनवाईपीडी (NYPD) की विमानन इकाई ने पुलिस कमांडरों के लिए सूचना प्रसारित की, जिन्होंने अपने कार्मिकों को टॉवर खाली करने के आदेश जारी कर दिये; अधिकतर एनवाईपीडी (NYPD) अधिकारी इमारत के ढहने से पहले ही सुरक्षित बाहर आने में सफल हो गए।[81][82] अलग कमान पोस्ट की स्थापना और एजेंसियों के बीच असंगत रेडियो संचार के साथ, एफडीएनवाई (FDNY) कमांडरों को चेतावनियां प्रेषित नहीं की जा सकीं.

पहले टॉवर के ध्वस्त होने के बाद, एफडीएनवाई (FDNY) कमांडरों ने चेतावनियां तो जारी की थीं, लेकिन रेडियो रिपीटर सिस्टम्स की असम्यककार्यता के साथ तकनीकी कठिनाइयों की वजह से इमारत खाली करने के आदेश अनेक अग्निशामकों तक कभी पहुंचे ही नहीं. 9-1-1 प्रेषकों को फोन कॉलों के द्वारा सूचना मिली लेकिन इसे स्थल पर कमांडरों तक पहुंचाया नहीं जा सका।[79] हमले के कुछ ही घंटों में ठोस खोज और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था महीनों तक चौबीस घंटे चले अभियान के बाद, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थल को मई 2002 के अंत तक साफ कर दिया गया था।[83]

हमलावर और उनकी पृष्ठभूमि

हमले के कुछ ही घंटों के अंदर, एफबीआई (FBI) संदिग्ध विमान चालकों तथा अपहरणकर्ताओं के नाम तथा कई मामलों में निजी विवरण भी निर्धारित करने में सफल हुई.[84][85] मिस्र का मोहम्मद अत्ता 19 अपहरणकर्ताओं का सरगना और विमान चालकों में से एक था।[86] अत्ता अन्य अपहरणकर्ताओं के साथ हमले में मर गया था, लेकिन उसकी पोर्टलैंड उड़ान से फ्लाइट 11 के साथ संबंध नहीं बना पाने के कारण मिले उसके सामान में से प्रप्त कागजात से सभी 19 अपहरणकर्ताओं की पहचान तथा उनकी योजनाओं, उद्देश्यों तथा पृष्ठभूमियों के बारे में महत्त्वपूर्ण सुरागों की जानकारी मिली.[87] दोपहर तक, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने जर्मन खुफिया एजेंसियों की भांति ओसामा बिन लादेन को भेजे गए एक संदेश को बीच में पकड़ लिया।[88][89]

27 सितंबर 2001 को, एफबीआई (FBI) ने 19 अपहर्ताओं की तस्वीरें, उनकी संभावित राष्ट्रीयता और उपनामों के साथ जारी कर दी, कई फर्जी नाम और उसके साथ के बारे में जानकारी देशों संभव.[90] अपहर्ताओं में से पंद्रह सऊदी अरब से, दो संयुक्त अरब अमीरात से, एक मिस्र से (अत्ता) और एक लेबनान से था।[91]

हमले, पेंटबॉम (PENTTBOM) कूटनाम वाले ऑपरेशन का, 7,000 विशेष एजेंटों को शामिल करके किए गए अन्वेषण, एफबीआई (FBI) के इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे जटिल अन्वेषण था। संयुक्त राज्य सरकार ने निर्धारित किया कि ओसामा बिन लादेन के नेतृत्व वाला अल-कायदा हमलों के लिए जिम्मेदार था, साथ में एफबीआई (FBI) ने कहा "11 सितंबर के हमलों के साथ अल-कायदा और बिन लादेन का संबंध जोड़ने वाले सबूत स्पष्ट और अकाट्य हैं।[92] यूनाइटेड किंगडम की सरकार भी 11 सितंबर के हमलों में अल-कायदा और ओसामा बिन लादेन की अभियोज्यता के संबंध में समान निष्कर्ष पर पहुंची.[93]

रूढ़िवादी राजनीतिक पत्रिका द अमेरिकन स्पेक्टेटर में लिखते हुए लेखक लॉरी मायलरोई तर्क देते हैं कि 9/11 तथा समान हमलों का मुख्य शिल्पकार खालिद शेख मोहम्मद तथा उसका परिवार है, कि खालिद शेख मोहम्मद के ओसामा बिन लादेन के साथ संबंध गौण है और यह कि अल-कायदा द्वारा हमलों की जिम्मेदारी लेना तथ्य जानने के बाद की अवसरवादिता है।[94] उसी पत्रिका के एंजेलो कोडेविला मायलरोई के साथ सहमत हैं और ओसामा बिन लादेन की एल्विस प्रेस्ली के साथ तुलना करते हैं।[95] 2007 में टाइम पत्रिका में लिखते हुए सीआईए (CIA) के पूर्व अधिकारी रॉबर्ट बायर ने विरोधी दृष्टिकोण रखते हुए दावा करते हैं कि जॉर्ज डब्लू बुश प्रशासन का खालिद शेख मोहम्मद द्वारा 9/11 की जिम्मेदारी लेने का प्रचार करना तथा ऐसे ही अनेक अन्य काम यह दावा करने के झूठे प्रयास हैं कि 9/11 के सभी महत्त्वपूर्ण कर्ता पकड़े जा चुके हैं।[96]

अल-क़ायदा

अल-क़ायदा की जड़ें पीछे 1979 में खोजी जा सकती हैं जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर आक्रमण किया था. आक्रमण के तुरंत बाद, ओसामा बिन लादेन ने अफगानिस्तान की यात्रा की थी, जहां उसने अरब मुजाहिदीन को संगठित करने में मदद की तथा सोवियतों का प्रतिरोध करने के लिए मकतब अल-खिदमत (एमएके (MAK)) संगठन की स्थापना की। संघ सोवियत के साथ युद्ध के दौरान, बिन लादेन और उसके लड़ाकों को धन अमेरिका और सऊदी अरब से प्राप्त हुआ था, अमेरिकी और अधिकांश सऊदी धन पाकिस्तान की खुफिया सेवा आईएसआई (ISI) के माध्यम से आपूर्ति की गई थी।[97] 1989 में जब सोवियत संघ पीछे हट गया, तो एमएके (MAK) को पूरी मुस्लिम दुनिया में सरकारों के खिलाफ जिहाद में एक "त्वरित प्रतिक्रिया बल" में परिवर्तित कर दिया गया। अयमान अल-ज़वाहिरी के मार्गदर्शन में ओसामा बिन लादेन अधिक कट्टरपंथी बन गया।[98] 1996 में बिन लादेन ने अपना पहला फतवा जारी किया, जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी सैनिक सऊदी अरब छोड़ दें.[99]

1998 में एक में जारी किए गए दूसरे फतवे में बिन लादेन ने इसरायल के प्रति अमेरिकी विदेश नीति तथा साथ ही खाड़ी युद्ध के बाद से अमेरिकी फौजों की सऊदी अरब में लगातार उपस्थिति के प्रति अपनी आपत्तियां रेखंकित कीं.[100] कथित शिकायतों के उलटने तक अमेरिकी सेना और नागरिकों के खिलाफ हिंसात्मक कार्यवाही को प्रोत्साहित करने के लिए, यह कह कर कि संपूर्ण इतिहास में उलेमाओं ने सर्वसम्मति से माना है कि अगर दुश्मन मुस्लिम देशों को नष्ट करता है तो, जिहाद हर एक का निजी फर्ज है, बिन लादेन ने इस्लामिक ग्रंथों का उपयोग किया।[100]

हमलों की योजना

11 सितम्बर की साजिश का विचार खालिद शेख मोहम्मद से आया जिसने यह विचार 1996 में ओसामा बिन लादेन के समक्ष प्रस्तुत किया।[101] इस समय, सूडान से वापस अफगानिस्तान स्थानांतरित होकर, बिन लादेन और अल कायदा संक्रमण की अवस्था में थे।[102] बिन लादेन के अमेरिका पर हमले के इरादे के साथ, 1998 में अफ्रीकी दूतावास में बम विस्फोट तथा बिन लादेन के 1998 के फतवे से एक नया मोड़ आया।[102] दिसंबर 1998 में, निदेशक केन्द्रीय खुफिया आतंकवाद प्रतिरोधी केंद्र ने राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को रिपोर्ट दी कि अपने कर्मियों को विमान अपहरण का प्रशिक्षण देने के साथ, अल-कायदा अमेरिका (USA) में हमलों की तैयारी कर रहा था।[103]

1998 के अंत में या 1999 के आरंभ में बिन लादेन साजिश पर आगे बढ़ने के लिए मोहम्मद को मंजूरी दे दी. खालिद शेख मोहम्मद, ओसामा बिन लादेन और उनके नायब मोहम्मद आतेफ के बीच 1999 के वसंत में बैठकों का एक सिलसिला चला।[102] मोहम्मद ने, लक्ष्य के चुनाव तथा अपहरणकर्ताओं की यात्रा की व्यवस्था में सहायता सहित साजिश हेतु क्रियात्मक सहयोग प्रदान किया।[102] बिन लादेन ने मोहम्मद के चयन को पलटते हुए, लॉस एंजिल्स में यू॰एस॰ (U.S.) बैंक टॉवर जैसे महत्त्वपूर्ण लक्ष्य को खारिज कर दिया क्योंकि "ऐसे ऑपरेशन की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं था"।[104][105]

बिन लादेन ने आर्थिक सहायता के साथ, साजिश के लिए नेतृत्व प्रदान किया और वह साजिश के लिए प्रतिभागियों के चयन में शामिल था।[106] बिन लादेन ने शुरू में बोस्निया में लड़ चुके अनुभवी जिहादियों नवाफ अल-हजमी और खालिद अल-मिहधार का चयन किया था। कुआलालंपुर अल-कायदा शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मलेशिया की यात्रा करने के बाद, मध्य-जनवरी 2000 में हजमी और मिहधार संयुक्त राज्य अमेरिका में पहुंचे थे। 2000 वसंत में, हजमी और मिहधार ने सैन डिएगो, कैलिफोर्निया में उड़ान प्रशिक्षण लिया, लेकिन वे बहुत कम अंग्रेजी बोलते थे, उड़ान प्रशिक्षण में अच्छा नहीं कर सके और अंततः पहलवान अपहरणकर्ता के रूप में सेवा दी.[107][108]

1999 के अंत में हैम्बर्ग, जर्मनी से आदमियों का एक समूह अफगानिस्तान आया, जिनमें मोहम्मद अत्ता, मरवन अल-शेही, जियाद जर्राह और रैम्जी बिनालशिभ शामिल थे।[109] ये शिक्षित थे, अंग्रेजी बोल सकते थे और इन्हें पश्चिम में रहने का अनुभव था, इसलिए बिन लादेन ने इन आदमियों को साजिश के लिए चुना।[110] नए रंगरूटों के कौशल की नियमित जांच होती थी, जिससे अल-कायदा पहचान सका कि हानी हनजौर के पास पहले से ही एक वाणिज्यिक विमान चालक का लाइसेंस था।[111]

हनजौर 8 दिसम्बर 2000 को सैन डिएगो में आ गया और हाजमी से मिला। वे जल्द ही प्रशिक्षण के लिए एरिज़ोना चले गए जहां हनजौर ने पुनश्चर्या प्रशिक्षण लिया। मरवन अल-शेही मई 2000 के अंत में आया, जबकि अत्ता 3 जून 2000 को पहुंचा और जर्राह 27 जून 2000 को आया। बिनालशिभ ने कई बार संयुक्त राज्य अमेरिका के वीज़ा के लिए आवेदन किया, किंतु एक यमन के रूप में उसके वीजा की अवधि के बाद में एक अवैध आप्रवासी के रूप में रहने की आशंका के कारण इंकार कर दिया गया। अट्टा और खालिद शेख मोहम्मद के बीच समन्वय प्रदान करने के लिए हैम्बर्ग में बने रहे। हैम्बर्ग सेल के तीन सदस्यों ने दक्षिण फ्लोरिडा में विमान चालक प्रशिक्षण लिया।

2001 वसंत में, पहलवान अपहरणकर्ता संयुक्त राज्य अमेरिका में पहुंचने शुरू हुए।[112] जुलाई 2001 में, अत्ता बिनालशिभ से स्पेन में मिला, जहां उन्होंने अंतिम लक्ष्य के चयन सहित साजिश के विवरण का समन्वय किया। बिनालशिभ ने बिन लादेन का यह संदेश भी दिया कि हमले, यथासंभव जल्दी से जल्दी किए जाएं.[113]

ओसामा बिन लादेन

ओसामा बिन लादेन की संयुक्त राज्य अमेरिका के विरुद्ध जेहाद की घोषणा तथा 1998 में अमेरिकी नागरिकों की हत्या करने के लिए उसके और अन्य के हस्ताक्षर से जारी फतवे को जांचकर्ताओं द्वारा ऐसे कृत्य करने की उसकी प्रेरणा के रूप में देखा गया।[114]

शुरू में बिन लादेन ने इनकार किया, लेकिन बाद में घटनाओं में भागीदारी स्वीकार कर ली।[1][115] 16 सितंबर 2001 को कतर के अल-जजीरा सेटेलाइट टेलीविजन पर प्रसारित एक वक्तव्य पढ़ते हुए बिन लादेन ने हमलों में उसके शामिल होने से इनकार कियाः "मैं जोर देकर कहता हूं कि मैं ने यह काम नहीं किया है, ऐसा लगता है कि यह काम किन्हीं व्यक्तियों द्वारा अपनी स्वयं की प्रेरणा से किया गया है।"[116] इस इन्कार को अमेरिका और दुनिया भर में समाचार चैनलों पर प्रसारित किया गया।

नवंबर 2001 में अमेरिकी सेना ने जलालाबाद, अफगानिस्तान में एक नष्ट मकान से बरामद एक वीडियो टेप बरामद किया जिसमें ओसामा बिन लादेन खालिद अल-हरबी से बात कर रहा था। टेप में लादेन ने यह माना था कि उसे हमलों का पूर्वज्ञान था।[117] इस टेप को 13 दिसम्बर 2001 से विभिन्न समाचार नेटवर्क पर प्रसारित किया गया। टेप पर उसकी विकृत छवि के लिए टेप स्थानान्तरण की तकनीक को जिम्मेदार ठहराया गया है।[118] बिन लादेन को पूर्वज्ञान होने के विस्तृत घटनाक्रम का खुलासा सितम्बर 2002 में एक वृत्तचित्र निर्माता योसरी फाउदा द्वारा खालिद शेख मोहम्मद और रैम्जी बिनालशिभ के साथ आयोजित एक साक्षात्कार में हुआ: अमेरिका में शहादत ऑपरेशन शुरू करने का निर्णय अल-कायदा की सैन्य समिति द्वारा 1999 के आरंभ में लिया गया था;हमले के लिए तारीख (9/11/01) पर निर्णय लेने के बाद, अत्ता ने 29 अगस्त 2001 को बिनालशिभ को सूचना दी और बिन लादेन को यह सूचना 6 सितम्बर 2001 को दी गई थी।[119]

27 दिसम्बर 2001 को, बिन लादेन का एक दूसरा वीडियो जारी किया गया था। इस वीडियो में वह कहता है कि, "हमारे लोगों को मारने वाले इसरायल का समर्थन करने से अमेरिका को रोकने के उद्देश्य से अमेरिका के खिलाफ आतंकवाद प्रशंसा का हकदार है, क्योंकि यह अन्याय की प्रतिक्रिया थी," लेकिन उसने हमलों की जिम्मेदारी स्वीकार करना बंद कर दिया।[120]

2004 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव से कुछ पहले, टेप किए अपने बयान में बिन लादेन ने सार्वजनिक रूप से अमेरिका पर हमले में अल-कायदा की भागीदारी स्वीकार की और इन हमलों के साथ अपना सीधा संपर्क स्वीकार किया। उसने कहा कि हमले किए गए थे, "क्योंकि हम आज़ाद हैं।..और अपने देश के लिए पुनः आजादी हासिल करना चाहते हैं। जिस प्रकार आप हमारी सुरक्षा को कमजोर समझते हैं, उसी प्रकार हम आपकी सुरक्षा को कमजोर समझते हैं।"[121] ओसामा बिन लादेन ने कहा कि उसने जी टूर पर अपने अनुयायियों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला करने के लिए निदेश दिया था।[122] इस वीडियो में उसने कहा, "अल्लाह उस पर मेहरबान हो, हम कमांडर जनरल मोहम्मद अत्ता के साथ सहमत हुए थे कि बुश और उनके प्रशासन को सूचना मिलने से पहले, सारा ऑपरेशन 20 मिनट के अंदर क्रियान्वित हो जाना चाहिए।"[115] सितंबर 2006 में अल जज़ीरा द्वारा प्राप्त एक अन्य वीडियो ओसामा बिन लादेन को रैम्जी बिनालशिभ तथा दो अपहरणकर्ताओं, हम्जा अल-गामदी और वैल अल-शेहरी के साथ हमलों की तैयारी करते हुए दिखाता है।[123]

खालिद शेख मोहम्मद

खालिद शेख मोहम्मद पाकिस्तान में उसके पकड़े जाने के बाद.

अरबी टेलीविजन चैनल अल जज़ीरा के पत्रकार योसरी फाउदा ने सूचना दी कि अप्रैल 2002 में, खालिद शेख मोहम्मद ने "पवित्र मंगलवार के ऑपरेशन" में रैम्जी बिनालशिभ के साथ अपनी भागीदारी स्वीकार की थी।[124][125][126] 9/11 आयोग की रिपोर्ट ने निर्धारित किया है कि 9/11 हमलों के प्रमुख शिल्पी खालिद शेख मोहम्मद की संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रति शत्रुता, "वहां उसके एक छात्र के रूप में अनुभव से नहीं, बल्कि अमेरिका की इसरायल को समर्थन देने वाली विदेश नीति के साथ उसकी उग्र असहमति से" उपजी थी।[102]

मोहम्मद अत्ता से उसे प्रेरणा मिली. अत्ता का एक पूर्व सहपाठी, राल्फ बॉडेन्सटीन के अनुसार "इस क्षेत्र में इसरायली राजनीति को अमेरिकी संरक्षण ने उसके दिल पर सर्वाधिक असर डाला था।"[127] मोहम्मद अत्ता के साथ फ्लाइट 11 पर सवार एक अपहरणकर्ता, अब्दुलअजीज अल-उमरी अपनी वीडियो इच्छा में कहा, "जो मुझे सुन रहे हैं तथा वो सब जो मुझे देख रहे हैं, उनके लिए मेरा काम एक पैगाम है, इसी के साथ एक पैगाम है काफिरों के लिए कि हारे हुओ, अरब प्रायद्वीप छोड़ दो और फिलिस्तीन में कायर यहूदियों की तरफ मदद का हाथ बढ़ाना बंद कर दो."[128]

खालिद शेख मोहम्मद 1993 की वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बमबारी का भी सलाहकार और वित्तपोषक था। वह हमले में प्रमुख बॉम्बर, रैम्जी यूसुफ का चाचा भी है।

खालिद शेख मोहम्मद को 1 मार्च 2003 को रावलपिंडी, पाकिस्तान में सीआईए के साथ काम कर रहे पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों द्वारा पकड़ा गया था और अभी ग्वातोनामो बे (कारावास) में रखा गया है।[129] मार्च 2007 में अमेरिका में सुनवाई के दौरान शेख मोहम्मद ने यह कहते हुए "9/11 ऑपरेशन के लिए मैं शुरू से आखिर तक जिम्मेदार था," फिर से हमलों की जिम्मेदारी कबूल की।[126][130] मोहम्मद ने यह स्वीकारोक्ति जलचातना (waterboarding) के अधीन रहने के बाद की।[131] नवम्बर 2009 में, अमेरिका के अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने घोषणा की कि मोहम्मद और चार अभियुक्त सह-षड़यंत्रकारियों को ग्वांटानामो बे, क्यूबा से न्यूयॉर्क में ग्राउंड जीरो के नजदीक असैनिक अदालत में मुकदमे की सुनवाई के लिए स्थानांतरित किया जाएगा। मुकदमे की तारीख नहीं दी गई थी। होल्डर ने विश्वास व्यक्त किया कि बचाव पक्ष को निष्पक्ष सुनवाई का मौका मिलेगा, जो जनता और दुनिया के लिए खुली होगी।[132]

अन्य अल-क़ायदा सदस्य

जकेरियस मुसावयी के मुकदमे में "खालिद शेख मोहम्मद की गवाही के लिए प्रतिस्थापन" में ऑपरेशन के विवरण से पूर्णतः वाकिफ पांच लोगों की पहचान की गई है। वे हैं, ओसामा बिन लादेन, खालिद शेख मोहम्मद, रैम्जी बिनालशिभ, अबु तुरब अल-उर्दुनी और मोहम्मद आतिफ.[133] आज तक, केवल सतही लोगों पर हमलों के लिए मुकदमा चला है या सजा हुई है। बिन लादेन पर अभी तक औपचारिक रूप से हमलों का अभियोग नहीं लगाया गया है।[134]

26 सितंबर 2005 को न्यायाधीश बाल्टासर गरजों के निदेश पर स्पेनिश उच्च न्यायालय ने अबू दाहदाह को 9/11 हमले में षड़यंत्र के लिए तथा आतंकवादी संगठन अल-कायदा का सदस्य होने के कारण 27 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई. उसी समय, अन्य 17 अल-कायदा के सदस्यों को छः साल से ग्यारह साल के बीच दंड की सजा सुनाई.[135][136] 16 फ़रवरी 2006 को स्पेनिश सुप्रीम कोर्ट ने दाहदाह के दंड को घटा कर 12 वर्ष कर दिया क्योंकि उनके विचार से उसकी षड़यंत्र में भागीदारी सिद्ध नहीं हो पाई थी।[137]

मंशा/उद्देश्य

हमलों के उद्देश्यों में से एक, सऊदी अरब में अमेरिकी उपस्थिति है।[138] अमेरिका द्वारा इसराइल का समर्थन,[139] और इराक के खिलाफ प्रतिबंध.[140] अल-क़ायदा ने अगस्त 1996 के फतवे[141] तथा फरवरी 1998 में प्रकाशित एक छोटे फतवे सहित, हमलों से पूर्व घोषणाओं में ये उद्देश्य स्पष्ट रूप से व्यक्त किये थे।[142] हमलों के बाद, बिन लादेन और अल ज़वाहिरी ने अतिरिक्त वीडियो टेप और ऑडियो टेप प्रकाशित किये, जिनमें से कुछ में हमले के कारणों को दोहराया गया था। दो विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण प्रकाशन थे बिन लादेन के 2002 के "अमेरिका के लिए पत्र",[143] तथा 2004 का बिन लादेन का वीडियो टेप.[144] बिन लादेन और अल-कायदा द्वारा प्रत्यक्ष घोषणाओं के अलावा, कई राजनीतिक विश्लेषकों ने हमलों के लिए प्रेरणाओं की कल्पना की हैं।

11 सितम्बर को हुए आतंकवादी हमले और खोबर टावर की बमबारी के पीछे, सऊदी अरब में खाड़ी युद्ध के बाद अमेरिकी सेना की निरंतर उपस्थिति का हाथ माना जाता है,[142] संयुक्त राज्य अमेरिका के दूतावास पर 1998 की बमबारी (7 अगस्त) अमेरिकी दलों को सऊदी अरब भेजे जाने के आठ साल बाद हुई.[145] बिन लादेन ने पैगम्बर मुहम्मद के "अरब में काफिरों की स्थायी उपस्थिति" पर रोक लगाने की व्याख्या की।[146]1996 में बिन लादेन ने एक फतवा जारी किया, जिसमें अमेरिकी सेनाओं को सऊदी अरब से बहार निकल जाने के लिए कहा गया।1998 के फतवे में अल-कायदा ने लिखा "सात साल से अधिक समय से इस्लाम की भूमि के पवित्रतम स्थानों, अरब प्रायद्वीप पर, संयुक्त राज्य अमेरिका कब्जा किए हुए है, इसकी दौलत को लूट रहा है, इसके शासकों को हुक्म दे रहा है, इसके लोगों का अपमान कर रहा है, पड़ौसियों को आतंकित कर रहा है और प्रायद्वीप में इसके अड्डों को पड़ौसी मुस्लिम लोगों से लड़ने के लिए हरावल दस्तों में परिवर्तित कर रहा है।[147] 1999 में रहीमुल्ला युसूफजाई के साथ साक्षात्कार में बिन लादेन ने कहा, उन्होंने महसूस किया कि अमेरिकी "मक्का के बहुत नजदीक" थे और इसे पूरे मुस्लिम विश्व के लिए उकसाने वाला माना।[148]

नवंबर 2002 में अपने "अमेरिका के लिए पत्र" में बिन लादेन ने इसरायल को संयुक्त राज्य अमेरिका के समर्थन को एक प्रेरणा बताया: इसरायल का निर्माण और उसकी निरंतरता सबसे बड़े अपराधों में से एक है और आप इन अपराधियों के नेता हैं। और बेशक इसरायल के लिए अमेरिकी समर्थन की मात्रा को समझाने या साबित करने की कोई जरूरत नहीं है। इसरायल का निर्माण एक अपराध है जिसे मिटा देना चाहिए। प्रत्येक और हर व्यक्ति जिसके हाथ इस अपराध में योगदान करके प्रदूषित हुए हैं, उसे इसकी कीमत चुकानी होगी और भारी कीमत चुकानी होगी।"[149] 2004 और 2010 में, बिन लादेन ने फिर से 11 सितंबर के हमलों और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा इसरायल के समर्थन के बीच संबंध को दोहराया।[150][151][152] मियरशीमर और वॉल्ट सहित कई विश्लेषक भी संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वारा इसरायल के समर्थन को हमलों के लिए प्रेरणा मानते हैं।[148][153]

1998 के फतवे में अल-कायदा ने इराक पर प्रतिबंध की, अमरीकियों को मारने के कारण के रूप में पहचान की हैः "मुजाहिद-यहूदी गठबंधन द्वारा की गई इराकी लोगों की महातबाही के बावजूद, बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने के बावजूद, जो दस लाख को पार कर चुकी है, इस सब के बावजूद, अमेरिकी एक बार फिर से भयानक कत्लेआम को दोहराना चाहते हैं, जैसे कि वे अति क्रूर युद्ध या विखंडन और विनाश के बाद थोपी गई लंबी नाकेबंदी से अभी संतुष्ट नहीं हैं।..इस आधार पर और अल्लाह के आदेश की अनुपालना में, हम मुसलमानों के लिए यह फतवा जारी करते हैं: "अमेरिकियों और उनके सहयोगियों- नागरिक या सैनिक- को मारने का फैसला हर मुसलमान का जाती फर्ज है। .."[147]

अल कायदा द्वारा प्रकाशित उद्देश्यों के अलावा, विश्लेषकों ने इस्लामी दुनिया के पश्चिमी दुनिया से पिछड़ जाने के कारण उत्पन्न अपमान, सहित अन्य उद्देश्य सुझाए हैं, यह विसंगति हाल के भूमंडलीकरण के कारण खास तौर पर दिखाई देती है।[154][155] एक अन्य अनुमानित मकसद था, अल कायदा के समर्थन हेतु और सहयोगियों को प्रेरित करने की उम्मीद के साथ, इस्लामी दुनिया के खिलाफ एक अधिक व्यापक युद्ध के लिए अमेरिका को भड़काने की इच्छा।[156]

परिणाम

अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू. बुश को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बारे में बताया गया।

तत्काल प्रतिक्रिया

9/11 हमलों का अमेरिकी लोगों पर तत्काल और जबर्दस्त प्रभाव पड़ा।[157] देश में अन्यत्र रह रहे अनेक पुलिस अधिकारियों और बचाव कार्यकर्ताओं ने ट्विन टावर्स के अवशेषों से शवों को निकालने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए, न्यूयॉर्क शहर तक की यात्रा के लिए अपने कार्यों से अवकाश लिये.[158] 9/11 के बाद के सप्ताहों में पूरे अमेरिका में रक्तदान में भी भारी उछाल देखा गया।[159][160]

3000 से अधिक बच्चे माता-पिता दोनों या दोनों में से एक के बिना रह गए।[161] इन वास्तविक हानियों, आशंकित जीवन हानियों तथा हमलों के बाद के माहौल में संरक्षित पर्यावरण के प्रति बच्चों की प्रतिक्रियाओं को भली-भाँति प्रलेखित किया गया है, जैसे उनके प्रभाव जीवित बचे देख-रेख करने वालों पर हुए थे।[162][163][164]

अमेरिका में तथा कनाडा सहित कई अन्य देशों में सभी गैर-आपातकालीन नागरिक विमानों को तत्काल जमीन पर उतारने को बाध्य करने के लिए इतिहास में पहली बार एस॰सी॰ए॰टी॰ए॰एन॰ए॰ (SCATANA) लागू किया गया,[165] जिससे पूरी दुनिया में दसियों हजारों यात्री फंस गए।[166] फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा अमेरिकी हवाई क्षेत्र में किसी भी प्रकार की उड़ान को बंद कर दिया गया जिसके परिणामस्वरूप लगभग पाँच सौ उड़ानें या तो वापस भेज दी गई या अन्य देशों को पुनर्निर्दिष्ट कर दी गईं। पुनर्निर्दिष्ट उड़ानों में से कनाडा 226 आईं और बड़ी संख्या में जमीन पर खड़े विमानों तथा फंसे हुए यात्रियों से निपटने के लिए ऑपरेशन येलो रिबन शुरू किया गया।[167]

हमलों के बाद सैन्य अभियान

वरिष्ठ नीति कर्मचारी स्टीफन कैम्बोन द्वारा लिखे गए नोट के अनुसार, 11 सितम्बर दोपहर में 2:40 बजे, रक्षा सचिव डोनाल्ड रम्सफेल्ड इराकी भागीदारी के सबूत ढूंढने के लिए अपने सहयोगियों को तेजी से आदेश जारी कर रहे थे। "उत्तम जानकारी जल्दी. फैसला करो क्या एस.एच. (S.H.) पर वार के लिए पर्याप्त है" - मतलब है सद्दाम हुसैन - "एक ही समय में. सिर्फ यूबीएल (UBL) नहीं" (ओसामा बिन लादेन), कैम्बोन के नोट्स में रम्सफेल्ड को कहते हुए उद्धृत किया गया है। "तेज चलने की जरूरत है - नजदीकी छोटे लक्ष्य रखो - बड़े पैमाने पर जाओ - सब समेट लो. बातें संबंधित हों या नहीं."[168][169]

नाटो (NATO) परिषद ने घोषणा की कि संयुक्त राज्य अमेरिका पर हमले सभी नाटो देशों पर हमले माने गए थे और, इसलिए, नाटो (NATO) चार्टर के अनुच्छेद 5 के अनुरूप है।[170] ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री जॉन हॉवर्ड जो हमले के समय अमेरिका के अधिकृत दौरे पर थे, ने ऑस्ट्रेलिया वापस पहुंच कर एनजस (ANZUS) संधि का अनुच्छेद चतुर्थ लागू कर दिया। हमलों के तत्काल बाद में, ओसामा बिन लादेन तथा अल कायदा को न्याय की दहलीज़ तक लाने और अन्य आतंकवादी नेटवर्क को पनपने से रोकने के स्पष्ट लक्ष्य के साथ बुश प्रशासन ने आतंक के विरुद्ध युद्ध घोषित कर दिया। इन लक्ष्यों को, आतंकवादियों को शरण देने और वैश्विक निगरानी और खुफिया साझेदारी में वृद्धि करने वाले देशों के खिलाफ आर्थिक और सैन्य प्रतिबंध जैसे माध्यमों से पूरा किया जाएगा।

अमेरिका के बाहर, आतंकवाद पर अमेरिकी वैश्विक युद्ध का दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेशन तथा आतंकवाद से सीधे जुड़ा सबसे बड़ा ऑपरेशन, अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा अफगनिस्तान से तालिबान शासन को उखाड़ फेंकना था। संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी सैन्य तैयारी बढ़ाने वाला अकेला देश नहीं था, अन्य उल्लेखनीय उदाहरण हैं फिलीपीन्स और इण्डोनेशिया, वे देश जिनमें इस्लामी आतंकवाद के साथ उनके अपने अंदरूनी संघर्ष हैं।[171][172]

घरेलू प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति बुश ने 20 सितंबर 2001 को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया।

हमलों के बाद, राष्ट्रपति बुश का कार्य अनुमोदन दर्ज़ा 90% तक पहुंच गया।[173] 20 सितंबर 2001 को, अमेरिकी राष्ट्रपति ने उस दिन की घटनाओं के बारे में, बीच के नौ दिनों में किए गए बचाव और सुधार के प्रयासों तथा उन घटनाओं की प्रतिक्रिया में उनके इरादों के बारे में, राष्ट्र को संबोधित किया और अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया। इसके अतिरिक्त, न्यूयॉर्क शहर के मेयर (0} रूडी गुलियानी ने, अत्यधिक दर्शनीय भूमिका निभाई, जिसने उन्हें न्यूयॉर्क में तथा राष्ट्रीय स्तर पर उच्च प्रशंसा दिलाई.[174]

हमलों के पीड़ितों की सहायता के लिए कई राहत कोष तत्काल स्थापित किए गए, जिनहें हमलों में जीवित बचे लोगों तथा हमलों के शिकारों के परिवारों, जैसे 9/11 का परिवार गठबंधन, को आर्थिक सहायता प्रदान करने का कार्य सौंपा गया। शिकारों की क्षतिपूर्ति की समय सीमा, 11 सितम्बर 2003 तक मारे गए लोगों के परिवारों से 2,833 आवेदन प्राप्त हो चुके थे।[175]

सरकार की निरंतरता और नेताओं की निकासी के लिए आपात योजनाओं को हमलों के लगभग तुरंत बाद कार्यान्वित कर दिया गया था।[166] हालांकि कांग्रेस को फरवरी 2002 तक नहीं बताया गया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार की निरंतरता स्थिति के अधीन था।[176]

अमेरिका के अंदर, मातृभूमि सुरक्षा विभाग का सृजन करते हुए, कांग्रेस ने मातृभूमि सुरक्षा अधिनियम 2002 पारित किया और राष्ट्रपति बुश ने उस पर हस्ताक्षर किए, इससे समकालीन इतिहास का अमेरिकी सरकार का सबसे बड़ा पुनर्गठन हुआ। कांग्रेस ने यूएसए पैट्रियट एक्ट भी यह कहते हुए पारित किया, कि इससे आतंकवाद और अन्य अपराधों का पता लगाने तथा मुकदमा चलाने में सहायता मिलेगी।

नागरिक स्वतंत्रता समूहों ने पैट्रियट अधिनियम की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे कानून प्रवर्तन करने के लिए नागरिकों की गोपनीयता का अतिक्रमण होगा और कानून-प्रवर्तन तथा घरेलू सूचना संग्रहण में न्यायिक निरीक्षण समाप्त हो जाएगा।[177][178][179] बुश प्रशासन ने अमेरिका और विदेश के लोगों के बीच टेलीफोन तथा ई-मेल संचार को बिना वारंट के छुप कर सुनने के की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की गुप्त कार्यवाही आरंभ करने के लिए 9/11 को एक कारण के रूप में लागू कर दिया है।[180]

नफरत सम्बन्धी अपराध

9/11 हमलों के बाद मध्य पूर्वी तथा अन्य मध्य पूर्वी-दिखने वाले लोगों के खिलाफ अनेक उत्पीड़न की घटनाओं तथा नफरत संबंधी अपराधों की रिपोर्ट दर्ज हुई हैं।[181][182] सिख भी निशाना बनाए गए हैं क्योकि सिख पुरुष आम तौर से पगड़ी पहनते हैं जो कि पारंपरिक रूप से मुसलमानों के साथ जोड़ी जाती है। मौखिक गाली-गलौज, मस्जिदों तथा अन्य धार्मिक इमारतों पर हमलों की सूचनाएं मिली थीं (एक हिंदु मंदिर पर अग्निबम फेंकने, लोगों पर हमले, जिनमें एक कत्ल शामिल हैः बलबीर सिंह सोढी को 15 सितम्बर 2001 को घातक रूप से गोली मारी गई। वह, दूसरों की तरह, एक सिख था जिसे गलती से मुसलमान समझ लिया गया।[181])

बॉल स्टेट यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार मध्यपूर्वी समझे गए लोग उसी प्रकार नफरत के शिकार हुए जैसे उस समय में इस्लाम को मानने वाले हुए थे। अध्ययन में इस्लाम के सदस्य, अरब और अन्य मध्य पूर्वी मूल के लोगों के प्रति नफरत के अपराधों में इसी प्रकार की वृद्धि पाई गई।[183]

साउथ एशियन अमेरिकन एडवोकेसी ग्रूप साल्ट (SAALT) ने दक्षिण एशियाई या मध्य पूर्वी मूल के अमेरिकियों के साथ 11 सितम्बर और 17 सितम्बर के बीच हुए बर्बरता, आगजनी, हमले, गोलीबारी, उत्पीड़न और धमकियों के 645 पूर्वाग्रही मामलों को प्रलेखित किया है।[184][185]

मुस्लिम अमेरिकन प्रतिक्रिया

शीर्ष संयुक्त राज्य अमेरिका मुस्लिम संगठन 9/11 हमलों की निंदा करने में चुस्त निकले और उन्होंने अमेरीकी मुस्लिमों का आह्वान किया कि वे आगे आएं और अपनी बुद्धि और संसाधनों के साथ प्रभावितों और उनके परिवारों के कष्टों को कम करने में सहायता करें.[186] शीर्ष संगठनों में, इस्लामिक सोसायटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका, अमेरिकी मुस्लिम एलायंस, अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स, इस्लामिक सर्किल ऑफ नॉर्थ अमेरिका और शरिया स्कॉलर एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका शामिल थे। बड़े पैमाने पर मौद्रिक दान के साथ साथ, कई इस्लामी संगठनों ने रक्तदान अभियान शुरू किया, शिकारों को चिकित्सा सहायता, भोजन और आश्रय प्रदान किए।[187][188][189]

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

एक न्यूयॉर्क सिटी अग्निशामक ऊपर दक्षिण टॉवर के अवशेष देखते हुए।

दुनिया भर में जन माध्यमों और सरकारों द्वारा हमलों की निंदा की गई। दुनिया भर में, राष्ट्रों ने अमेरिका के पक्ष में समर्थन और एकजुटता की पेशकश की।[190] अधिकांश मध्य पूर्वी देशों में नेताओं और अफगानिस्तान ने, हमलों की निंदा की। तत्काल आधिकारिक बयान "अमेरिकी काउबॉय अपने मानवता के प्रति अपराधों के फल काट रहे हैं" के साथ इराक एक उल्लेखनीय अपवाद था।[191]

हमलों के बाद अफगानिस्तान के दसियों हजारों लोगों ने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रतिक्रिया के डर से पलायन करने का प्रयास किया। पाकिस्तान जो पहले से ही पिछले अफगान संघर्ष से कई अफगान शरणार्थियों का घर बना हुआ था, ने 17 सितंबर को अफगानिस्तान के साथ अपनी सीमा बंद कर दी. हमलों के लगभग एक महीने बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका ने अल कायदा को शरण देने के लिए तालिबान शासन को हटाने में अंतरराष्ट्रीय बलों के एक व्यापक गठबंधन का नेतृत्व किया।[192] पाकिस्तान के अधिकारी अनिच्छा[193] से तालिबान के खिलाफ युद्ध में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ पंक्तिबद्ध हुए।[193] पाकिस्तान शासन ने संयुक्त राज्य अमेरिका को तालिबान ठिकानों पर हमले के लिए अपने सैन्य हवाई अड्डे और सैन्य अड्डे उपलब्ध करवाए तथा 600 से अधिक संदिग्ध अल-कायदा सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिन्हें उसने अमेरिका को सौप दिया।[194]

कनाडा, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, जर्मनी, भारत और पाकिस्तान सहित कई देशों ने आतंकवाद विरोधी विधेयक पेश किए और अल कायदा से संबंधों के संदिग्ध व्यापारिक और निजी बैंक खातों पर रोक लगा दी गई।[195][196] इटली, मलेशिया, इण्डोनेशिया। इंडोनेशिया और फिलीपींस सहित अनेक देशों की कानून प्रवर्तन तथा खुफिया एजेंसियों ने दुनिया भर में उग्रवादियों के ठिकाने तोड़ने के घोषित उद्देश्य के लिए, संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया था।[197][198]

इसने अमेरिका में कुछ विवाद पैदा कर दिए, जैसे बिल ऑफ राइट्स डिफेंस कमिटी जैसे आलोचकों का तर्क है कि संघीय निगरानी पर पारंपरिक प्रतिबंध (जैसे सार्वजनिक बैठकों की कोइनटेलप्रो (COINTELPRO) द्वारा निगरानी) यूएसए पैट्रिअट एक्ट द्वारा तार-तार हो गया है।[199] अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन और लिबर्टी जैसे संगठनों ने तर्क दिया कि कुछ नागरिक अधिकार संरक्षण भी अवरुद्ध हो रहे थे।[200][201]

संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्यूबा में ग्वांटानामो बे पर अवैध शत्रु लड़ाकों को रखने के लिए एक निरोध केंद्र स्थापित किया। इन नजरबंदियाँ की वैधता पर अन्यों के साथ यूरोपीय संसद, अमेरिकी राज्यों के संगठन तथा एमनेस्टी इंटरनेशनल ने प्रश्न खड़े किए हैं।[202][203][204]

हमलों के तुरंत बाद हुई अंतरराष्ट्रीय घटनाओं और प्रतिक्रियाओं ने नस्लवाद के खिलाफ विश्व सम्मेलन 2001 को प्रभावित किया, जो मतभेदों और अंतरराष्ट्रीय प्रत्यारोपों के साथ तीन दिन पूर्व ही समाप्त हो गया।[205]

जैसा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ, हमलों के बाद के माहौल ने अन्य देशों में मुसलमानों और गैर मुसलमानों के बीच जातीय तनाव में वृद्धि की।[206]

षड्यंत्रकारी सिद्धांत

षड़यंत्र सिद्धांतकार हमलों के आधिकारिक संस्करण, उनके पीछे की मंशा, उसमें शामिल दल तथा स्वतंत्र जांच में लगे दलों पर प्रश्न उठाते हैं। कुछ षड़यंत्र सिद्धांत हमलों के कारण के रूप में एक झूठे झंडे के माध्यम से सैन्यीकरण और पुलिस शक्ति में वृद्धि लाने को देखते हैं।

9/11 षड़यंत्र सिद्धांतों के समर्थकों में से कुछ ने अनुमान लगाया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के अंदर लोगों के पास हमलों की विस्तृत जानकारी थी और जान-बूझ कर उन्हें न रोकने का विकल्प चुना या अल-कायदा से बाहर के लोगों द्वारा योजना बनाई गई और क्रियान्वित किया गया या हमलों में सहायता की गई। कुछ षड़यंत्र सिद्धांतकार दावा करते हैं कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर विमानों के टकराने से नहीं गिरा बल्कि इसके बजाय इसे विस्फोटकों द्वारा गिराया गया। नियंत्रित विध्वंस परिकल्पना को राष्ट्रीय मानक एवं तकनीकी संस्थान ने अस्वीकार कर दिया, जो अपने अनुसंधान के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि जेट विमानों की तेज गति के साथ अनुवर्ती आग दोनों टॉवर्स के ढहने का कारण बनी.[207][208]

दीर्घकालिक प्रभाव

आर्थिक परिणाम

हमलों के एक दिन बाद उपग्रह से मैनहटन का दृश्य जिसमें धुएं का गुब्बार दिखाई दे रहा है।
एक न्यूयॉर्क शहर अग्निशामक वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के मलबे में अपना रास्ता बनाने के लिए 10 और बचाव कार्यकर्ताओं को बुलाता है।

हमलों का संयुक्त राज्य अमेरिका और विश्व बाजार पर एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव हुआ था।[209] न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवायएसई (NYSE)), अमेरिकी शेयर बाजार (एएमईएक्स (AMEX) और नैसडैक (NASDAQ)) 11 सितंबर को नहीं खुले थे और 17 सितंबर तक बंद रहे। जब शेयर बाजार फिर से खुले, डाउ जोन्स औद्योगिक औसत (डीजेआईए (DJIA)) शेयर बाजार सूचकांक 684 पाइंट या 7.1% गिर कर 8921 अंक पहुंच गया, जो एक दिन में गिरावट का एक रिकार्ड था।[210]

सप्ताह के अंत तक, डीजेआईए (DJIA) 1,369.7 पाइंट (14.3%) गिर चुका था, जो तब की, इतिहास की एक सप्ताह में सबसे बड़ी गिरादट थी, हालांकि बाद में 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान इसको भी पार कर गया था।[211] अमेरिकी शेयरों ने एक सप्ताह में मूल्य में 14 खरब डॉलर खो दिए।[211] यह वर्तमान संदर्भ में 1.98 trillionडॉलर के बराबर है। [212]

9/11 हमलों के बाद के तीन महीनों मेंन्यूयॉर्क शहर में, लगभग 430,000 रोजगार-प्रति माह तथा 2.8 अरब डॉलर की मजदूरी का नुकसान हुआ। आर्थिक प्रभाव मुख्य रूप से शहर के निर्यात अर्थव्यवस्था क्षेत्र पर केंद्रित थे।[213] शहर के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2001 के अंतिम तीन तथा 2002 के सभी महीनों में $27.3 खरब की गिरावट का अनुमान है। संघीय सरकार ने सितंबर 2001 में न्यूयॉर्क शहर सरकार को $11.2 अरब की तत्काल सहायता प्रदान की तथा 2002 के आरंभ में $10.5 अरब आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं के लिए दिए।[214]

9/11 हमलों से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के पास लोअर मैनहटन में छोटे व्यवसायों को भी चोट पहुंची, जहां उनमें से लगभग 18,000 नष्ट हो गए या विस्थापित हुए। लघु व्यवसाय प्रशासन ऋणों, संघीय सरकार सामुदायिक विकास खंड अनुदान तथा आर्थिक क्षति आपदा ऋणों के द्वारा सहायता प्रदान की गई।[214] लोअर मैनहटन कार्यालय स्थल का कुछ 31,900,000 वर्ग फुट (2,960,000 मी2) क्षतिग्रस्त हुआ या नष्ट हो गया।[215]

बहुत लोग सोच रहे थे कि क्या इन नौकरियों वापसी होगी और क्षतिग्रस्त कर आधार ठीक हो पाएगा।[216] 9/11 के आर्थिक प्रभावों का अध्ययन दर्शाते हैं कि आमने-सामने वित्तीय सेवा उद्योगों की आवश्यकता के कारण मैनहट्टन कार्यालय अचल संपत्ति बाजार और कार्यालय रोजगार आरंभ के अनुमान से कम प्रभावित हुए थे।[217][218]

हमलों के बाद उत्तरी अमेरिका का हवाई क्षेत्र कई दिन तक बंद रहा और वापस खुलने पर हवाई यात्रा में कमी आई जिसके कारण इसकी यात्रा क्षमता में 20% की कटौती हुई और संघर्षरत अमेरिकन एयरलाइन उद्योग की वित्तीय समस्याएं और बढ़ गई।[219]

स्वास्थ्य पर प्रभाव

एक अकेला अग्निशामक न्यूयॉर्क शहर में मलबे और धुएं के बीच खड़ा है।

ट्विन टावर्स के पतन से उत्पन्न हजारों टन विषाक्त मलबे में ज्ञात कैंसरकारी तत्वों सहित 2,500 से अधिक संदूषक थे।[220][221] कई लोगों का दावा है कि मलबे से सीधे संपर्क में आने के कारण बचाव और राहत कार्यकर्ताओं में कमजोर कर देने वाली बीमारियां उत्पन्न हुईं।[222][223] उदाहरण के लिए, 3 सितंबर 2007 को एनवायपीडी (NYPD) अधिकारी फ्रैंक मैक्री की फेफड़ों के कैंसर से, जो उनके पूरे शरीर में फैल चुका था, मृत्यु हो गई। उनके परिवार का दावा है कि दुर्घटना स्थल पर कई-कई घंटे काम करने के कारण उन्हें कैंसर हुआ था और उन्होंने सेवा के दौरान मृत्यु परिलाभ हेतु दावा दायर किया है, जिस पर नगर को निर्णय करना शेष है।[224]

स्वास्थ्य पर प्रभावों का भी लोअर मैनहटन और पास के चाइनाटाउन में कुछ निवासियों, छात्रों तथा कार्यालय कर्चारियों तक प्रसार हुआ है।[225] अनेक मौतों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ढहने से उत्पन्न विषैली धूल के साथ जोड़ा गया है तथा पीड़ितों के नाम वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्मारक में शामिल किए जाएंगे.[226] इस प्रकार की वैज्ञानिक अटकलें भी हैं कि वायु में विभिन्न विषैले उत्पादों के संपर्क से भ्रूण विकास पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। इस संभावित खतरे के कारण वर्तमान में एक प्रसिद्ध बाल पर्यावरणीय स्वास्थ्य केंद्र उन बच्चों का विश्लेषण कर रहा है, जिनकी माताएं वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ध्वंस के समय गर्भवती थीं तथा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर टॉवर्स के पास रहती थीं या कार्य करती थीं।[227] अप्रैल 2010 में जारी किए गए बचाव कार्यकर्ताओं के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन कार्यकर्ताओं का अध्ययन किया गया था, उन सभी के फेफड़े दुर्बल हो गए थे और यह कि 30% से 40% कार्यकर्ता लगातार उन लक्षणों की शिकायत कर रहे थे जो हमले के प्रथम वर्ष में आरंभ हुए थे और जिनमें अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है या बहुत कम सुधार हुआ है।[228]

हमलों से संबंधित बीमारियों के परिचारक लागत पर कानूनी विवाद अभी भी न्यायिक प्रणाली में हैं। 17 अक्टूबर 2006 को संघीय न्यायाधीश एल्विन हेलरस्टीन ने बचाव कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य मुआवजा देने से इंकार करने के न्यूयॉर्क शहर के फैसले को खारिज कर दिया है, जिससे शहर के खिलाफ बड़ी संख्या में वाद दाखिल होने की संभावनायें बन गई हैं।[229] सरकारी अधिकारियों को हमलों के बाद के शुरुआती सप्ताहों में ही लोगों से लोअर मैनहटन लौट आने का सार्वजनिक आग्रह करने के लिए दोषी ठहराया गया है। हमलों के परिणामस्वरूप ईपीए (EPA) के प्रशासक क्रिस्टीन टॉड व्हिटमैन की, क्षेत्र को पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित घोषित करने के लिए तीखी आलोचना की गई थी।[230] हमलों के परिणामस्वरूप ईपीए (EPA) द्वारा वायु की गुणवत्ता से संबंधित व्याख्याओं और घोषणाओं में दखल देने के लिए राष्ट्रपति बुश की आलोचना की गई।[231] इसके अलावा, मेयर गुलियानी की वित्तीय उद्योग कर्मियों से शीघ्र वॉल स्ट्रीट क्षेत्र में लौटने का आग्रह करने के लिए आलोचना की गई थी।[232]

कुछ अमेरिकी यात्रा के लिए विमानों का उपयोग करने के परिणामों पर चिंतित हो गए और बदले में ऑटो वाहनों का उपयोग करने लगे. इसके परिणामस्वरूप आगामी वर्ष में 1,595 "अतिरिक्त" राजमार्ग मौतों का अनुमान लगाया गया है।[233]

अन्वेषण

एफबीआई अन्वेषण

हमले के तुरंत बाद, फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने अमेरिका के इतिहास की सबसे बड़ी पूछताछ पेंटबॉम (PENTTBOM) शुरू की थी। एफबीआई (FBI) ने सीनेट को बताया कि हमलों से अल कायदा और बिन लादेन का संबंध होने के "स्पष्ट और अकाट्य" सबूत हैं।[234]

9/11 आयोग

2002 के अंत में, हमलों से संबंधित तैयारियों एवं तात्कालिक प्रतिक्रियाओं सहित सभी परिस्थितियों का संपूर्ण लेखा-जोखा तैयार करने के लिए न्यू जर्सी के भूतपूर्व गवर्नर थॉमस कीन की अध्यक्षता में नेशनल कमीशन ऑन टेररिस्ट अटैक्स अपॉन द यूनाइटेड स्टेट्स (9/11 कमीशन) का गठन किया गया था।[235] 22 जुलाई 2004 को 9/11 आयोग ने 9/11 आयोग रिपोर्ट जारी कर दी थी। आयोग और उसकी रिपोर्ट आलोचना के विषय रहे हैं।[236][237]

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का ढहना

6 डब्ल्यूटीसी: एक वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आंशिक रूप से ढही इमारतों में से एक.

ट्विन टॉवर्स और 7 डब्लूटीसी (7 WTC) के ढहने की एक संघीय तकनीकी भवन एवं अग्नि सुरक्षा जांच, संयुक्त राज्य अमेरिका के वाणिज्य विभाग के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नोलोजी (एनआईएसटी (NIST)) द्वारा की गई। इस जांच के लक्ष्य थे, यह निर्धारित करना कि इमारत क्यों ढही, चोटों और मृत्यु की सीमा, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के डिजाइन और प्रबंधन में अपनाई गई प्रक्रिया।[238] 1 डब्ल्यूटीसी (1 WTC) और 2 डब्ल्यूटीसी (2 WTC) के ढहने की जांच अक्टूबर 2005 में संपन्न हुई थी और के 7 डब्ल्यूटीसी (7 WTC) के ढहने की जांच अगस्त 2008 में संपन्न हुई.[239][240]

रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि ट्विन टॉवर्स की स्टील अवसंरचना की अग्निरोधकता विमानों की आरंभिक टक्कर में उड़ गई थी, यदि ऐसा नहीं हुआ होता तो संभवतः टॉवर्स खड़े रहे होते.[241] पर्ड्यू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में पुष्टि की गई है कि, अगर मुख्य स्तंभों पर से उष्मीय रोधन को रगड़ कर साफ कर दिया गया होता और स्तंभ तापमान को लगभग700 °से. (1,292 °फ़ै) तक बढ़ा दिया गया होता, तो ढहना आरंभ करने के लिए अग्नि ही पर्याप्त होती.[242][243]

मूल जांच के निदेशक डब्ल्यू जीन कॉर्ली ने टिप्पणी की कि "टावरों ने वास्तव में आश्चर्यजनक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया। इमारतें आतंकवादी विमानों के कारण नीचे नहीं गिरीं, यह तो आग थी जो उसके बाद आई। यह सिद्ध हो गया था कि आप एक टावर के कुल स्तंभों में से दो तिहाई बाहर निकाल लो और इमारत फिर भी खड़ी रहेगी।"[244] आग ने छतों के आधार कमजोर कर दिए थे, जिससे छतें झुक गई थीं। झुकी हुई छतों ने बाहरी इस्पात स्तंभों को उस बिंदु की ओर खींचा जहां बाहरी स्तंभ अंदर की तरफ झुके हुए थे। मूल स्तंभों को क्षति के साथ, झुके हुए बाहरी कॉलम इमारत को और अधिक सहारा नहीं दे सके, जिसकी वजह से इमारत ढह गई। इसके अलावा, रिपोर्ट का दावा है कि टावरों की सीढ़ियां पर्याप्त रूप से मजबूत नहीं बनाई गई थी कि टक्कर वाले क्षेत्र से ऊपर के लोगों को बच निकलने का आपातकालीन मार्ग मिल सकता।[245] एनआईएसटी (NIST) ने निष्कर्ष निकाला कि 7 डब्लूटीसी (WTC) अनियंत्रित आग के कारण छतों के धरनी तथा शहतीर गर्म हो गए और तदनंतर "इसके कारण महत्त्वपूर्ण टेक स्तंभ नाकाम हो गए और अग्नि-प्रेरित गिरने की क्रमिक प्रक्रिया से पूरी इमारत जमीन पर आ गई"।[240][240]

सीआईए की आंतरिक समीक्षा

पूर्व में वर्गीकृत सीआईए अध्यक्ष की दैनिक टिप्पणी, दिनांकित 6 अगस्त 2001 के अंश जिस में उल्किलेख है कि एक विदेशी खुफिया सेवा से प्राप्त अपुष्ट रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि बिन लादेन इस्लामी उग्रवादी कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए एक विमान का अपहरण कर सकता है।

सीआईए (CIA) के महानिरीक्षक ने सीआईए (CIA) के 9/11-पूर्व के प्रदर्शन की आंतरिक समीक्षा की और आतंकवाद का सामना करने के लिए हर संभव प्रयास नहीं करने पर वरिष्ठ सीआईए (CIA) अधिकारियों की कठोरता से आलोचना की। उन्होंने 9/11 के दो अपहरणकर्ताओं, नवाफ अल-हज्मी और खालिद अल-मिहधार के अमेरिका में प्रवेश करने पर उन्हें न रोक पाने और उनसे संबंधित सूचना एफबीआई (FBI) के साथ साझा करने में असफलता के लिए अधिकारियों की आलोचना की।[246]

मई 2007 में डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी दोनों के सीनेटर्स ने एक विधेयक तैयार किया जो सीआईए की आंतरिक जांच रिपोर्ट खुलेआम प्रस्तुत करेगा। एक समर्थक सीनेटर रॉन वायडन ने कहा "अमेरिका के लोगों को यह जानने का हक है कि 9/11 से पूर्व के उन महत्त्वपूर्ण महीनों में सेंट्रल खुफिया एजेंसी क्या कर रही थी।... मैं इस पर क्रूरता और उग्रता से हमला करने जा रहा हूं जब तक यह जनता के सामने नहीं आ जाता।" रिपोर्ट में 9/11 हमले के पहले और बाद में व्यक्तिगत सीआईए कर्मियों की जिम्मेदारी की जांच की गई है। रिपोर्ट 2005 में पूरी हो गई थी, लेकिन इसकी जानकारी जनता के लिए कभी जारी नहीं की गई।[247]

पुनर्निर्माण

हमले के दिन न्यूयॉर्क शहर के मेयर रुडी गुलियानी ने घोषणा की, "हम पुनर्निर्माण करेंगे. हम पहले से अधिक मजबूत होकर इससे बाहर निकलेंगे, राजनीतिक तौर पर अधिक मजबूत, आर्थिक रूप से अधिक मजबूत. क्षितिज फिर से परिपूर्ण किया जाएगा।"[248] द लोअर मैनहटन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, जिसे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थल पर पुनर्निर्माण के प्रयासों में समन्वय का काम दिया गया था, की पुनर्निर्माण के प्रयासों हेतु प्रचुर धन होने के बावजूद कुछ न कर पाने के लिए आलोचना की गई।[249][250]

मुख्य स्थल के आसन्न 7 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण 2006 में पूर्ण हो गया था और पाथ (PATH) स्टेशन को 2003 के अंत में खोल दिया गया था। मुख्य वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थल पर पुनर्निर्माण कार्य में 2006 के अंत में तब तक विलंब हुआ जब तक पट्टेदार लैरी सिल्वरस्टीन और पत्तन प्राधिकरण न्यूयॉर्क एवं न्यू जर्सी के मध्य नई इमारतों के वित्तपोषण पर समझौता नहीं हो गया।[251] 1 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर वर्तमान में स्थल पर निर्माणाधीन है और 2011 में निर्माण पूर्ण होने पर 1,776 फुट (541 मीटर) ऊंवर्तमान में स्थल पर निर्माणाधीन चाई वाली, सिर्फ टोरंटो के सीएन (CN) टॉवर के बाद, उत्तरी अमेरिका में सबसे ऊंची इमारतों में से एक होगी।[252][253]

2007 और 2012 के बीच स्थल पर जहां मूल टॉवर खड़े थे, उससे एक ब्लॉक पूर्व में, तीन टॉवर और बनाए जाने की आशा थी। 2000 के दशक के अंत की मंदी के बाद स्थल स्वामियों ने कहा कि नए टॉवरों के निर्माण में 2036 तक विलंब हो सकता है।[254] पेंटागन के क्षतिग्रस्त अनुभाग का पुनर्निर्माण और कब्जा हमलों के एक साल के अंदर ही कर लिया गया था।[255]

स्मारक

हमलों के तुरंत बाद के दिनों में दुनिया भर में कई स्मारक और रतजगे आयोजित किए गए।[256][257][258] इसके अलावा, लोगों ने ग्राउंड जीरो के आस पास मृत और लापता लोगों के चित्र लगाए। एक गवाह ने वर्णन किया "जो मारे गए थे, उन मासूम पीड़ितों के चेहरों से दूर चले जाने में असमर्थ हूं. उनकी तस्वीरें फोन बूथ, स्ट्रीट लाइट, मेट्रो स्टेशनों की दीवारों पर, हर जगह हैं। हर बात ने मुझे एक विशाल अंतिम संस्कार की याद दिलाई, शांत और उदास, लेकिन बहुत अच्छे लोग. पहले, न्यू यॉर्क ने मुझे एक ठंडा एहसास दिया था, अब लोग दूसरों की मदद करने के लिए पहुंच रहे हैं।[259]

ए ट्रिब्यूट इन लाइट हमलों की सालगिरह पर जैसा जर्सी सिटी से 2004 में देखा गया।

पहले स्मारकों में से एक था, द ट्रिब्यूट इन लाइट, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के पदचिह्नों पर 88 सर्चलाइटें स्थापित की गई थी जिनमें से आकाश की ओर दो ऊर्ध्वाधर प्रकाश के स्तंभ निकलते थे।[260] न्यूयॉर्क में, स्थल पर एक उपयुक्त स्मारक का डिजाइन बनाने के लिए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थल स्मृति प्रतियोगिता आयोजित की गई।[261] अगस्त 2006 में विजेता डिजाइन, रिफ्लेक्टिंग एबसेंस, का चयन किया गया, जिसमें टॉवर्स के पदचिह्नों में दो प्रतिबिंबित तालाबों का जोड़ा है, इसके चारों तरफ एक भूमिगत स्मृति स्थल में पीड़ितों के नामों की सूची है।[262] अनेक पीड़ितों के परिवारों की शिकायतों पर प्रतिक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय स्वतंत्रता केंद्र का परित्याग होने के कारण स्थल पर एक संग्रहालय बनाने की योजना स्थगित कर दी गई है।[263]

पेंटागन स्मारक पूर्ण हो गया और इसे हमलों की सातवीं सालगिरह पर, 11 सितम्बर 2008 को जनता के लिए खोल दिया गया है।[264][265] इसमें एक भूदृश्य उद्यान है जिसमें पेंटागन की ओर मुख किए 184 बेंच लगाई गई हैं।[266] जब वर्ष 2001-2002 में पेंटागन की मरम्मत की गई थी, तो फ्लाइट 77 के इमारत से टकराने के स्थान पर स्थित एक निजी चैपल और एक इनडोर स्मारक को भी शामिल कर लिया गया था।[267]

शैंक्सविले पर एक स्थाई फ्लाइट 93 राष्ट्रीय स्मारक बनाने की योजना है जिसमें दुर्घटनास्थल के चारों ओर एक वृत्त बनाते हुए वृक्षों का एक चित्रांकित कुंज होगा जो विमान के मार्ग द्वारा दो भागों में विभाजित होगा जबकि विंड चाइम्स पर पीड़ितों के नाम अंकित होंगे.[268] एक अस्थायी स्मारक दुर्घटना स्थल से500 गज़ (457 मी॰) पर स्थित है।[269]न्यूयॉर्क शहर के अग्निशामकों ने शैंक्सविले स्वयंसेवी अग्नि विभाग को एक स्मारक दान किया था। यह वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के स्टील से निर्मित एक क्रॉस है जिसे पेंटागन के आकार के एक प्लेटफार्म के शीर्ष पर रखा गया है।[270] इसे 25 अगस्त 2008 को फायरहाउस के बाहर स्थापित किया गया था।[271]

कई अन्य स्थायी स्मारकों का अन्यत्र निर्माण किया जा रहा है, अन्य कई अन्य स्थायी स्मारकों का अन्यत्र निर्माण किया जा रहा है, अन्य संगठनों के साथ पाड़ितों के परिवारों द्वारा छात्रवृत्तियां एवं दान स्थापित किए जा रहे हैं।[272]

न्यूयॉर्क शहर में हर सालगिरह पर, उदास पार्श्वसंगीत के साथ उस स्थान पर मरने वाले पीड़ितों के नाम पढ़े जाते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति भी पेंटागन में एक स्मारक प्रार्थना सभा में आते है।[273] शैंक्सविले और पेनसिल्वेनिया में छोटी सेवाएं आयोजित की जाती हैं जिनमें आमतौर पर राष्ट्रपति की पत्नी भाग लेती हैं।

डब्ल्यू टी सी पीड़ितों के लिए अंतिम विश्राम स्थल

हमलों के बाद, स्टैटन द्वीप पर फ्रेश किल्स लैंडफिल को अस्थाई तौर पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नष्ट होने से निकले अधिकांश मलबे को प्राप्त करने और संसाधित करने के लिए पुनः खोला गया था। मलबे में अधिकतर धूल और छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में अनेक पीड़ितों के अवशेष शामिल थे। अगस्त 2005, 17 वादियों ने, 1000 अन्य रिश्तेदारों के समर्थन का दावा करते हुए, अदालत में एक मामला दायर किया था कि न्यूयॉर्क शहर, फ्रेश किल्स लैंडफिल से लगभग दस लाख टन मलबा हटा कर किसी अन्य स्थान पर ले जाए और वहां इसकी छटनी करके अवशेषों को कब्रिस्तान में रखा जाए। वादियों के वकील नॉर्मन सीगल ने कहा "यह तो अधमता होगी: क्या हम सैकड़ों शरीर के भागों तथा मानव अवशेषों को कूड़े के ढेर पर छोड़ देने के लिए तैयार हैं?" शहर का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील, जेम्स ई. टायरेल ने तर्क दिया "आप में विशिष्ट विवरण देकर यह कहने की क्षमता होनी चाहिए कि यह मेरे शरीर का भाग है। यहाँ जो सब छोड़ा गया है वह एक समान धूल का ढेर है।"[274][275]

26 मार्च 2010 को 9/11 के शिकार लोगों के परिवारों को एक नोटिस प्राप्त हुआ कि शहर द्वारा फ्रेश किल्स लैंडफिल में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के अवशेषों के लिए छंटनी (सिफ्टिंग) प्रक्रिया का आयोजन किया जाएगा। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 14 लाख डॉलर की अनुमानित लागत वाले इस ऑपरेशन में तीन महीने का समय लगेगा। मानवविज्ञानी और अन्य प्रशिक्षित पेशेवर लोग ध्यानपूर्वक सामग्री का मूल्यांकन एवं खोज करेंगे और संभावित अवशेषों को आगे जांच के लिए मुख्य चिकित्सा परीक्षक के कार्यालय की प्रयोगशालाओं में भेजा जाएगा।[276]

4 अक्टूबर 2010 को संयुक्त राज्य अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 9/11 शिकारों के कुछ परिवारों द्वारा दायर की गई, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की साइट से प्राप्त सामग्री की, निपटान से पहले मानव अवशेषों के लिए एक अधिक संपूर्ण परीक्षा की आवश्यकता हेतु अपील को खारिज कर दिया। उन्होंने दावा किया कि कुछ सामग्री (1.65 मिलियन में से 223,000 टन) की या तो छानबीन नहीं की गई है या फिर पर्याप्त छानबीन नहीं की गई है और एक गड्ढा उस सामग्री का उपयुक्त विश्राम स्थल नहीं हो हो सकता जिसमें अभी भी शिकारों के अवशेष हो सकते हैं। (अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार, 2,752 मृत लोगों में से लगभग 1100 न तो कभी भी बरामद हुए और न किसी की पहचान हुई.) शहर के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने सामग्री को गड्ढे में भेजने से पहले 10 महीने तक, मानव अवशेषों के लिए ध्यान से सामग्री की जांच की थी। निचली संघीय अदालत न्यूयॉर्क सिटी के खिलाफ परिवारों के मुकदमे पहले ही खारिज कर चुकी थी।[277]

इन्हें भी देखें

Terrorism portal
New York City portal
Virginia portal
Aviation portal
  • 11 सितंबर के परिवार
  • फ्लाइट 93
  • 2001 की आतंकवादी घटनाओं की सूची.
  • 9/11 के बाद के कानूनी मुद्दे
  • उत्तरजीवी रजिस्ट्री
  • यूनाइटेड 93


सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

September 11 के बारे में, विकिपीडिया के बन्धुप्रकल्पों पर और जाने:
शब्दकोषीय परिभाषाएं
पाठ्य पुस्तकें
उद्धरण
मुक्त स्रोत
चित्र एवं मीडिया
समाचार कथाएं
ज्ञान साधन

मल्टीमीडिया

स्मारक


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