हुत्काह
हुत्काह (Painted spurfowl) (Galloperdix lunulata) तीतर कुल का एक पक्षी है जो कि मध्य भारत से लेकर दक्षिण भारत के झाड़ियों या पथरीले इलाकों में आवास करता है।
हुत्काह painted spurfowl[1] | |
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हुत्काह | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | जन्तु |
संघ: | रज्जुकी |
वर्ग: | पक्षी |
गण: | गॉलिफ़ॉर्मिस |
कुल: | फ़ॅसिनिडी |
उपकुल: | पर्डिसिनी |
वंश: | गैलोपर्डिक्स |
जाति: | जी. लुनुलाटा |
द्विपद नाम | |
गैलोपर्डिक्स लुनुलाटा (वैलेनसिअनिस, १८२५) | |
चित्र:हुत्काह.jpg | |
आवास का क्षेत्र | |
पर्यायवाची | |
फ़्रैंकोलिनस हार्डविक्की |
पर्याय
इस पक्षी को ओडीशा तथा सिंहभूम में असकोल, गोंड में हुत्काह, तमिल में कल्ल-कोली तथा तेलुगु में जित्ता-कोडी कहा जाता है।[3] इस पक्षी का कोई हिन्दी नाम नहीं है क्योंकि अब यह हिन्दी भाषी क्षेत्रों में नहीं पाया जाता है।
विवरण
अपने अंग्रेज़ी नाम के अनुसार यह काफ़ी रंग-बिरंगा पक्षी है। इसको मुर्गी और तीतर के बीच का बताया जाता है। इसकी गर्दन, पीठ और पेट में चमकीले पंख होते हैं, डैने गोल तथा घुमावदार और छोटे होते हैं। इसकी पूंछ तीतर की तरह ही दिखाई देती है। इसके पंखों का फैलाव १४ से १६ से.मी. होता है और वज़न लगभग २५० से ३०० ग्राम होता है। मादा नर से थोड़ी छोटी होती है।[4]
आवास
इसका आवास क्षेत्र गंगा, यमुना और सिंधु नदियों के दक्षिण से लेकर पूरे दक्षिण भारत तक फैला हुआ है। हालांकि पक्षी विज्ञानियों ने यह तय किया है कि छोटी जंगली मुर्गी का आवास पश्चिमी दक्षिण भारत में है तथा हुत्काह का आवास पूर्वी दक्षिण भारत में है।[3] चौंकाए जाने पर पहले तो यह पथरीली चोटियों की ओर ऊपर को भागते हैं लेकिन ज़्यादा परेशानी में उड़कर पत्थरों के साथ-साथ नीचे की ओर काफ़ी तेज़ी से आते हैं। यह ३००० फ़ीट से नीचे ही पाया जाता है[4]
आहार
यह सभी प्रकार के बीज, छोटे कीड़े-मकोड़े खाने के आदि हैं लेकिन इनको विशेषकर महुआ के फूल भाते हैं।[4]