शानू लहिरी
शानु लहिरी (२३ जनवरी १९२८ - १ फरवरी २०१३) एक बंगाली चित्रकार और कला शिक्षक थी। वह कोलकाता की सबसे प्रमुख महिला सार्वजनिक कलाकारों में से एक थी, कोलकाता में शहर को सुशोभित करने और आक्रामक राजनैतिक घोषणाओं को छिपाने के लिए व्यापक भित्तिचित्र कला ड्राइव का उपक्रम किया।[1]
शानू लहिरी | |
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जन्म | २३ जनवरी १९२८ कोलकाता |
मौत | 1 फ़रवरी २०१३ कोलकाता | (उम्र 85)
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | चित्रकार, |
प्रसिद्धि का कारण | कोलकाता में सार्वजनिक कला और ग्रैफीति कला |
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
लहिरी का जन्म २३ जनवरी १९२८ को कोलकाता (तब कलकत्ता) में मजूमदार परिवार में हुआ था। वह कला और क्राफ्ट, कलकत्ता के गवर्नमेंट कॉलेज की छात्र थी, जहां से उन्होंने १९५१ में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। वह एआईएफएसीएस के राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक प्राप्त करने के लिए कॉलेज का पहली छात्र थी।[2]
जीवनी
लहिरी बंगाल कला ऑफ आर्ट की एक चित्रकार थी। चित्रों की उनकी पहली प्रदर्शनी १९५० में हुई थी।[3] १९६० में उन्होंने पेरिस जाने के लिए एक छात्रवृत्ति प्राप्त की, जिसमें भारत और विदेशों में दोनों चित्रकला प्रदर्शनों की एक श्रृंखला थी।
१ फरवरी, २०१३ को उनका कोलकाता में निधन हो गया। उन्होंने अपनी आंखों का दान किया, और केरटोला श्मशान में उसका अंतिम संस्कार किया गया।