लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली
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दूसरे परियोजनाओं में
लक्ष्मीनारायण मंदिर | |
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लक्ष्मी नारायण मंदिर | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | लक्ष्मी नारायण (विष्णु और लक्ष्मी) |
त्यौहार | जन्माष्टमी, दीपावली |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | नई दिल्ली |
देश | भारत |
भौगोलिक निर्देशांक | 28°37′58″N 77°11′56″E / 28.6327°N 77.1989°E / 28.6327; 77.1989 77°11′56″E / 28.6327°N 77.1989°E / 28.6327; 77.1989 |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | नागर शैली |
निर्माता | बी. डी. बिड़ला |
निर्माण पूर्ण | १९३९ |
लक्ष्मी नारायण मंदिर बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित यह मंदिर दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण १९३८ में हुआ था और इसका उद्घाटन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने किया था।[1] बिड़ला मंदिर अपने यहाँ मनाई जाने वाली जन्माष्टमी के लिए भी प्रसिद्ध है।
इसके अलावा यहां नवरात्रि और दीपावली के समय भी काफी आयोजन किये जाते हैं। दीपावली पर मंदिर की साज सज्जा देखने लायक होती है।[2]
इसके वास्तुशिल्प की बात की जाए तो यह मंदिर उड़ियन शैली में निर्मित है। मंदिर का बाहरी हिस्सा सफेद संगमरमर और लाल बलुआपत्थिर से बना है जो मुगल शैली की याद दिलाता है। मंदिर में तीन ओर दो मंजिला बरामदे हैं और पिछले भाग में बगीचे और फव्वारे हैं।[3]
यह मंदिर मूल रूप में १६२२ में वीर सिंह देव ने बनवाया था, उसके बाद पृथ्वी सिंह ने १७९३ में इसका जीर्णोद्धार कराया।[4] सन १९३८ में भारत के बड़े औद्योगिक परिवार, बिड़ला समूह ने इसका विस्तार और पुनरोद्धार कराया।
मुख्य बरामदे में लक्ष्मी नारायण की भव्य मूर्ति स्थापित है। साथ ही मंदिर परिसर में भगवान शिव, गौतम बुद्ध और भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर भी स्थित हैं।[5]
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