राहुल द्रविड़
राहुल शरद द्रविड़ (कन्नड़: ರಾಹುಲ್ ಶರದ್ ದ್ರಾವಿಡ, मराठी: राहुल शरद द्रविड) pronunciation सहायता·सूचना (जन्म - 11 जनवरी 1973) भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं, 1996 से वे इसके नियमित सदस्य रहें हैं। अक्टूबर 2005 में वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में नियुक्त किये गए और सितम्बर 2007 में उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया। १६ साल तक भारत का प्रतिनिधित्व करते रहने के बाद उन्होंने वर्ष २०१२ के मार्च में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मैट से सन्यास ले लिया। वर्तमान में ये भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के पद पर कार्यरत हैं। [2][3][4]
![]() राहुल द्रविड़ GQ मेन ऑफ़ द ईयर 2012 अवॉर्ड्स के दौरान | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
व्यक्तिगत जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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पूरा नाम | राहुल शरद द्रविड़ | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
जन्म | 11 जनवरी 1973 इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
उपनाम | द वॉल, द ग्रेट वॉल, जैमी मिस्टर डिपेंडेबल[1] | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
कद | 1.78 मी॰ (5 फीट 10 इंच) | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
बल्लेबाजी की शैली | दाहिने हाथ से बल्लेबाजी | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
गेंदबाजी की शैली | राइट आर्म ऑफ़ स्पिन | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भूमिका | बल्लेबाज़ और वैकल्पिक विकेटकीपर | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
जालस्थल | www | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राष्ट्रीय पक्ष |
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टेस्ट में पदार्पण (कैप 207) | 20 जून 1996 बनाम इंग्लैंड | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतिम टेस्ट | 24 जनवरी 2012 बनाम ऑस्ट्रेलिया | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वनडे पदार्पण (कैप 95) | 3 अप्रैल 1996 बनाम श्रीलंका | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतिम एक दिवसीय | 16 सितम्बर 2011 बनाम इंग्लैंड | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
एक दिवसीय शर्ट स॰ | 19 | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
एकमात्र टी20आई (cap 38) | 31 अगस्त 2011 बनाम इंग्लैंड | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
टी20 शर्ट स॰ | 19 | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
घरेलू टीम की जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वर्ष | टीम | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1990–2012 | कर्नाटक | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2000 | केंट | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2003 | स्कॉटिश सैलटायर्स | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2008–2010 | रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2011–2013 | राजस्थान रॉयल्स | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
कैरियर के आँकड़े | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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स्रोत : ईएसपीएन, 9 अप्रैल 2020 |
द्रविड़ को वर्ष 2000 में पांच विसडेन क्रिकेटरों में से एक के रूप में सम्मानित किया गया। द्रविड़ को 2004 के उद्घाटन पुरस्कार समारोह में आईसीसी प्लेयर ऑफ़ द ईयर और वर्ष के टेस्ट प्लेयर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[5]
लम्बे समय तक बल्लेबाजी करने की उनकी क्षमता के कारण उन्हें दीवार के रूप में जाना जाता है, द्रविड़ ने क्रिकेट की दुनिया में बहुत से रिकॉर्ड बनाये हैं। द्रविड़ बहुत शांत व्यक्ति है। "दीवार" के रूप में लोकप्रिय द्रविड़ पिच पर लम्बे समय तक टिके रहने के लिए जाने जाते हैं।
सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर के बाद वे तीसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दस हज़ार से अधिक रन बनाये हैं। 14 फ़रवरी 2007 को, वे दुनिया के क्रिकेट इतिहास में छठे और भारत में सचिन तेंडुलकर और सौरव गांगुली के बाद तीसरे खिलाड़ी बन गए जब उन्होंने एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दस हज़ार रन का स्कोर बनाया। वे पहले और एकमात्र बल्लेबाज हैं जिन्होंने सभी 10 टेस्ट खेलने वाले राष्ट्र के विरुद्ध शतक बनाया है। 182 से अधिक कैच के साथ वर्तमान में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच का रिकॉर्ड द्रविड़ के नाम है। द्रविड़ ने 18 अलग-अलग भागीदारों के साथ 75 बार शतकीय साझेदारी की है, यह एक विश्व रिकॉर्ड है।[6]
निजी जीवन
द्रविड़ का जन्म इंदौर, मध्य प्रदेश[7][6] में, कर्नाटक में रहने वाले एक मराठा परिवार[8][7] में हुआ। उनके पैतृक पूर्वज थंजावुर[9], थंजावुर के [[तमिल नाडू]] के अय्यर थे।
वे बेंगलोर कर्नाटक में बड़े हुए.[10][9] वे मराठी और कन्नड़ बोलते है। विजय उनके छोटे भाई हैं। दोनों भाई एक साधारण मध्यम वर्ग के माहौल में बड़े हुए| द्रविड़ के पिता GE Electric के लिए काम करते थे, यह एक कम्पनी है जो जेम और अन्य संरक्षित खाद्य बनाने के लिए जानी जाती है, इसीलिए सेंट जोसेफ हाई स्कूल बेंगलोर में उनकी टीम के सदस्यों ने उन्हें उपनाम दे दिया जेमी.
उनकी माँ पुष्पा, बंगलौर विश्वविद्यालय में वास्तुकला की प्रोफेसर थीं।
[11][मृत कड़ियाँ] राहुल द्रविड़ ने 4 मई 2003 को कर्नाटक के सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स बेंगलोर से डिग्री प्राप्त की। राहुल ने नागपुर की एक सर्जन डॉक्टर विजेता पेंधारकर से शादी की[12] और 11 अक्टूबर 2005 को उनके बेटे समित, का जन्म हुआ।[13]
27 अप्रैल 2009 को विजेता ने उनके दूसरे बेटे को जन्म दिया। [14][12]
प्रारम्भिक वर्ष
द्रविड़ ने 11 वर्ष की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया और अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 के स्तर पर उन्होंने राज्य का प्रतिनिधित्व किया।[15] राहुल की प्रतिभा को एक पूर्व क्रिकेटर केकी तारापोरे ने देखा जो चिन्ना स्वामी स्टेडियम में ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में कोचिंग कर रहे थे।[16] उन्होंने अपनी स्कूल टीम के लिए शतक बनाया। [10] बल्लेबाजी के साथ साथ, वह विकेट कीपिंग भी कर रहे थे। हालांकि, बाद में उन्होंने पूर्व टेस्ट खिलाड़ियों गुंडप्पा विश्वनाथ, रोजर बिन्नी, बृजेश पटेल और तारापोर की सलाह पर विकेट कीपिंग बंद कर दी।
फरवरी 1991 में उन्हें पुणे में महाराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी की शुरुआत करने के लिए चुना गया (अभी भी साथ साथ बेंगलोर में सेंट जोसेफ कोलेज ऑफ़ कामर्स में पढ़ रहे थे) साथ ही भावी भारतीय टीम के साथी अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ ने 7 वीं स्थिति में खेलते हुए बल्लेबाजी के बाद एक ड्रा मेच में 82 का स्कोर बनाया। [17]
उनका पहला पूर्ण सत्र 1991-92 में था, जब उन्होंने 63.3 के औसत पर 380 रन बना कर 2 शतक बनाये। [18] और दुलीप ट्रोफी में उन्हें दक्षिणी जोन के लिए चयनित किया गया।[19]
अंतर्राष्ट्रीय कैरियर
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/a/a6/Rahul_cropped.jpg/220px-Rahul_cropped.jpg)
द्रविड़ के कैरियर की शुरुआत एक निराशाजनक तरीके से हुई जब मार्च 1996 में विश्व कप के ठीक बाद सिंगापुर में सिंगर कप के लिए श्री लंका की क्रिकेट टीम के खिलाफ एक दिवसीय मेच खेलने के लिए उन्हें विनोद काम्बली की जगह लिया गया।
इसके बाद उन्हें टीम से हटा दिया गया और फिर से इंग्लैंड के दौरे के लिए चुना गया
उसके बाद उन्होंने सौरव गांगुली के साथ इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में शुरुआत की, जब इसी दौरे में पहले टेस्ट मैच के बाद संजय मांजरेकर घायल हो गए।
राहुल ने [20][मृत कड़ियाँ] के दौरान 95 का स्कोर बनाया। और मांजरेकर की वापसी पर 84 का स्कोर बनाते हुए तीसरे टेस्ट के लिए अपनी इस स्थिति को बनाये रखा। [21]
ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के बाद द्रविड़ ने 1996-97 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर भी इस स्थिति को बनाये रखा।
उन्होंने जोहान्सबर्ग में तीसरे टेस्ट में तीसरे नंबर पर खेलते हुए 148 और 81 के साथ अपना मेडन शतक बनाया। प्रत्येक पारी में उनका स्कोर अधिकतम था जिसने उन्हें मेन ऑफ़ दी मेच का अवार्ड दिलाया, [22][मृत कड़ियाँ]
उन्होंने 1996 में सहारा कप में पाकिस्तान के खिलाफ पहला अर्द्ध शतक बनाया, इस मेच में उन्होंने अपने दसवें मेच में, 90 का स्कोर बनाया। [23]
1998 के मध्य में इन 18 महीनों की समाप्ति तक उन्होंने एक श्रृंखला वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेली, एक श्रृंखला श्री लंका के खिलाफ खेली और एक घरेलू श्रृंखला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली, उन्होंने लगातार 56.7 के औसत पर 964 रन बनाये।
उन्होंने 11 अर्द्ध शतक लगाये लेकिन इसे ट्रिपल आंकडों में बदलने में समर्थ नहीं बन पाए. [तथ्य वांछित][18]
1998 के अंत में उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ एक टेस्ट मेच में अपना दूसरा शतक बनाया, दोनों परियों में 148 और 44 रन का अधिकतम स्कोर बना कर भी, वे भारत को हारने से नहीं रोक पाए [तथ्य वांछित][19].
1999 में न्यूजीलैण्ड के खिलाफ नव वर्ष के टेस्ट मेच में दोनों परियों में शतक बनाने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए, इससे पहले ये रिकॉर्ड विजय हजारे और सुनील गावस्कर ने बनाया था, उन्होंने 190 और 103 * रन बनाये, [24][25]: न्यूजीलैंड बनाम भारत हैमिल्टन, 2-6 जनवरी 1999.
1999 की शुरुआत में उपमहाद्वीप में उनका दौरा मध्यम रहा, उन्होंने 38.42 के औसत के साथ 269 रन बनाये, इसके बाद 1999 के अंत में न्यूजीलेंड के खिलाफ एक शतक सहित 39.8 के औसत पर 239 रन बनाये। [तथ्य वांछित][20]
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला में उनका प्रदर्शन खराब रहा। एक और घरेलू श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनका प्रदर्शन खराब रहा जिसमें उन्होंने केवल 18.7 के औसत पर 187 रन बनाये।
उसके बाद उन्होंने 200* का स्कोर बनाया। यह दिल्ली में जिम्बाब्वे के खिलाफ उनका पहला दोहरा शतक था और साथ ही दूसरी पारी में भी 70* रन बनाते हुए उन्होंने भारत को विजय प्राप्त करने में मदद की।
12 महीनों में पहली बार उन्होंने 50 को पार किया और इसके अगले टेस्ट में 162 रन बनाये, उन्होंने 43 के औसत पर दो मेच श्रृंखलाओं में 432 रन बनाए [तथ्य वांछित][21].
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/9/94/Rahul_Dravid_-_moving_the_field.jpg/220px-Rahul_Dravid_-_moving_the_field.jpg)
2001 में कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैच की श्रृंखला के दूसरे टेस्ट में द्रविड़ ने वीवीएस लक्ष्मण के साथ मिलकर खेल के इतिहास में सबसे बड़ी जीत की वापसी की।
इसे जारी रखते हुए, इस जोड़े ने मेच की दूसरी पारी में पांचवें विकेट के लिए 376 रन बनाए।
द्रविड़ ने 180 का स्कोर बनाया जबकि लक्ष्मण ने 281 रन बनाये। [26][मृत कड़ियाँ] हालाँकि द्रविड़ ने दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, यह उस दिन तक उनके सबसे अच्छे प्रदर्शनों में से एक रहा।
बाद में इसी वर्ष में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पोर्ट एलिजाबेथ में उन्होंने दूसरी पारी में 87 रन बनाते हुए, दक्षिण अफ्रीका की जीत को हार में बदल दिया। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मेच रहा। [27][मृत कड़ियाँ]
2002 वह वर्ष था जब द्रविड़ ने तेंडुलकर की छाया से उभरना शुरू किया और अपने आप को भारत के प्रमुख टेस्ट बल्लेबाज के रूप में स्थापित कर लिया। अप्रेल के महीने में, जॉर्ज टाउन, वेस्ट इंडीज में श्रृंखला के पहले टेस्ट मेच में, उन्होंने नाबाद 144 रन बनाए [28][मृत कड़ियाँ] इसकी पहली पारी में मर्विन डिल्लन की डिलीवरी पर आउट हो गए थे। बाद में उसी वर्ष में उन्होंने इंग्लैंड (3) और वेस्ट इंडीज (1) के खिलाफ लगातार चार शतक लगाये.
अगस्त 2002, में, इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले स्टेडियम, लीड्स में श्रृंखला के तीसरे मैच में पहली पारी में 148 का स्कोर बना कर उन्होंने भारत को प्रसिद्द जीत दिलायी. [29][मृत कड़ियाँ] उन्हें इस प्रदर्शन के लिए मेन ऑफ़ दी मैच का पुरस्कार मिला। इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैच की श्रृंखला में कुल 602 रन बना कर उन्होंने मेन ऑफ़ दी सीरीज का पुरस्कार भी जीता।
2003- 2004 के दौरे में, द्रविड़ ने तीन दोहरे शतक लगाये, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान प्रत्येक के खिलाफ एक एक. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में चार मैच की श्रृंखला के दूसरे मैच में, द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की बल्लेबाजी जोड़ी ऑस्ट्रेलिया पर भारी पड़ी, ऑस्ट्रेलिया के विशाल 556 के स्कोर के जवाब में भारत ने 4 विकेट पर केवल 85 रन बनाए थे जब इस जोड़ी ने हाथ मिलाया। जब उनकी साझेदारी को तोड़ा गया तब तक वे 303 रन बना चुके थे। लक्ष्मण 148 पर आउट हो गया लेकिन द्रविड़ ने अपनी पारी को जारी रखते हुए 233 रन बनाए। उस समय, यह विदेश में किसी भारतीय के द्वारा बनाया गया अधिकतम व्यक्तिगत स्कोर था। जिस समय द्रविड़ वापस लौटा तब भारत को ऑस्ट्रेलिया की पहली परी के स्कोर तक पहुँचने के लिए 33 रन और चाहिए थे। इसके बाद द्रविड़ ने दूसरी पारी में बहुत ज्यादा दबाव के चलते नाबाद 72 रन बना कर एक प्रसिद्द विजय दिलाई. [30][मृत कड़ियाँ] द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैच की श्रृंखला में, 103.16 के औसत पर 619 रन का स्कोर बनाया और मेन ऑफ़ दी सीरीज का पुरस्कार जीता। इस दौरे के बाद के भाग में, द्रविड़ ने गांगुली की अनुपस्थिति में, मुल्तान में पहले टेस्ट मैच में भारत को पकिस्तान पर विजय दिलायी. रावलपिंडी में इस श्रृंखला के तीसरे और फाइनल मैच में, द्रविड़ ने अद्वितीय 270 का स्कोर बना कर भारत को पकिस्तान पर एक ऐतिहासिक जीत दिलायी.[31]
द्रविड़ विश्व कप में
7 वें विश्व कप (1999) में द्रविड़ ने 461 रन बनाते हुए अधिकतम रन बनाये थे.
वे एकमात्र भारतीय हैं जिन्होंने विश्व कप में दो बेक टू बेक शतक बनाये। उन्होंने केन्या के खिलाफ 110 रन बनाये और इसके बाद टाउनटन में एक मेच में 145 रन बनाये। जहाँ बाद में उन्होंने विकेट कीपिंग की। 2003 के विश्व कप के दौरान वे उपकप्तान रहे जिसमें भारत फाइनल तक पहुँचा, उन्होंने अपनी टीम के लिए दोहरी भूमिका निभाई एक बल्लेबाज की और एक विकेट कीपर की, एक अतिरिक्त बल्लेबाज का कम भी किया, भारत के लिए यह बहुत फायदे की बात थी। द्रविड़ वेस्ट इंडीज में 2007 के विश्व कप में कप्तान रहे जहाँ भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। द्रविड़ ने बांग्लादेश मैच में 14, बरमूडा मैच में 7* और श्री लंका मैच में 60 का स्कोर बनाया।
शैली
एक मजबूत तकनीक के साथ, वह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए रीढ़ की हड्डी साबित हुए. उनकी प्रारम्भिक छवि एक रक्षात्मक बल्लेबाज की बन गई थी जिसे केवल टेस्ट क्रिकेट तक ही सीमित होना चाहिए, उन्हें एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों से हटा दिया गया क्योंकि उनकी रन बनाने की गति बहुत धीमी थी।
हालांकि, अपने कैरियर में वे लगातार एकदिवसीय मैचों में रन बनाने लगे, उन्हें वर्ष के आईसीसी खिलाड़ी का पुरस्कार भी मिला।
उनका उपनाम 'द वॉल' रिबॉक विज्ञापनों में अब उनकी स्थिरता को ही बताता है। द्रविड़ ने 55.11 के औसत के साथ टेस्ट क्रिकेट में 26 शतक बनाये हैं, जिनमें 5 दोहरे शतक शामिल हैं। एक दिवसीय मैचों में हालांकि उनका औसत 39.49 का रहा है और रन रेट 71.22 की रही है। वे ऐसे कुछ ही भारतीयों में से एक हैं जो घर के बजाय बाहर अधिक औसत बनाते हैं, भारतीय पिच के मुकाबले में विदेशी पिच पर उनका औसत 10 रन अधिक का रहता है।
9 अगस्त 2006 को विदेशी टेस्ट में द्रविड़ का औसत 65.28 रहा जबके उनका कुल औसत 55.4 था। और उनका एकदिवसीय के अलावा औसत 42.03 है जबकि एकदिवसीय का औसत 39.49 है।
जिन मैचों में भारत ने जीत हासिल की उनमें द्रविड़ का औसत टेस्ट में 78.72 और एकदिवसीय में 53.40 रहा है।
द्रविड़ का एकमात्र टेस्ट विकेट था रिडले जेकब, यह 2001-2002 की श्रृंखला में वेस्ट इंडीज के खिलाफ चौथे टेस्ट के दौरान रहा। द्रविड़ ने कभी गेंदबाजी नहीं की है, पर भारत के लिए एकदिवसीय मैचों में अक्सर विकेट कीपिंग की है। उन्होंने अपने विकेट कीपिंग के दस्तानों को पहले पार्थिव पटेल को सौंपा और हाल ही में महेंद्र सिंह धोनी ने विकेट कीपिंग करना शुरू कर दिया है।
द्रविड़ अब पूरी तरह एक बल्लेबाज है, जिन्होंने 1 जनवरी 2000 के बाद से खेले गए मैचों में 63.51 का औसत बनाया है।
द्रविड़ एकदिवसीय मैचों में सबसे ज्यादा भागीदारी के दो मैचों में शामिल थे: सौरव गांगुली के साथ 318 रन का साझा, यह पहला जोड़ा था जिसने 300 रन की साझेदारी की और उसके बाद सचिन तेंदुलकर के साथ 331 रन की साझेदारी जो वर्तमान विश्व रिकॉर्ड है।
शुरू से लेकर एक डक के लिए आउट होने तक, परियों की सबसे ज्यादा संख्या का रिकॉर्ड भी उनके नाम पर दर्ज है,
एकदिवसीय मैचों और टेस्ट मैचों में क्रमशः उनका अधिकतम स्कोर 153 और 270 हैं। अद्वितीय रूप से, टेस्टों में उनका प्रत्येक दोहरा शतक उनके पिछले दोहरे शतकों से अधिक स्कोर रहा। (200*, 217, 222, 233, 270).
साथ ही, एक ही कप्तान की कप्तानी के तहत मैचों में रनों के स्कोर के उच्चतम प्रतिशत योगदान का रिकॉर्ड भी द्रविड़ के नाम पर दर्ज है, जिनमें कप्तान ने 20 से अधिक टेस्ट जीते। [32] 21 वें टेस्ट मैच में भारत ने सौरव गांगुली के नेतृत्व में जीत हासिल की। द्रविड़ ने इन जीटोंमें अपनी भूमिका निभाई, उन्होंने 102,84 का रिकॉर्ड औसत बनाया और 2571 रन पूरे किये जिनमें 32 परियों में 9 शतक, तीन दोहरे शतक और 10 अर्द्ध शतक रहे।
उन्होंने उन 21 मैचों में भारत के द्वारा बनाये गए कुल रनों में लगभग 23 प्रतिशत का योगदान दिया, जो टीम के द्वारा बनाये गए रनों में से प्रत्येक 4 में से 1 रन है।
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/9/9f/Rahul_Dravid_Graph.png/350px-Rahul_Dravid_Graph.png)
उन्हें वर्ष 2000 के विसडेन क्रिकेटरों में से एक की उपाधि दी गई। हालाँकि मुख्य रूप से एक रक्षात्मक बल्लेबाज द्रविड़ ने 15 नवम्बर 2003 को हैदराबाद में न्यूजीलैण्ड के खिलाफ 22 गेंदों पर नाबाद 50 रन (स्ट्राइक दर-227.27) बनाये, यह भारतीयों में दूसरा सबसे तेज अर्द्ध शतक है।
केवल अजित आगरकर इस दृष्टि से द्रविड़ से आगे हैं। उन्होंने केवल 21 गेंदों पर 67 रन बनाये हैं।
2004 में, द्रविड़ को भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया। 7 सितम्बर 2004 को, उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद, आईसीसी द्वारा वर्ष के इनाग्रल खिलाडी और वर्ष के टेस्ट खिलाडी का पुरस्कार दिया गया, (इससे सम्बंधित चित्र नीचे दिया गया है।)
पिछले वर्ष में द्रविड़ के 95.46 के औसत ने उन्हें एकमात्र भारतीय बना दिया जो वर्ष की टेस्ट टीममें बने रहे।
18 मार्च 2006 को, द्रविड़ ने मुंबई में इंग्लैंड के खिलाफ अपना सौवां टेस्ट खेला।
2005 में,देवेन्द्र प्रभुदेसाई के द्वारा लिखी गई राहुल द्रविड़ की एक जीवनी प्रकाशित हुई, 'दी नाईस गाय हू फिनिश्ड फस्ट'
2005 आईसीसी पुरस्कारों में वे एकमात्र भारतीय थे जिनका नाम वर्ल्ड वन डे इलेवन के लिए दिया गया।
2006 में, यह घोषित किया गया कि वे वेस्ट इंडीज में 2007 के विश्व कप तक भारतीय टीम के कप्तान रहेंगे.
हालांकि इंग्लैंड सीरीज के बाद, व्यक्तिगत कारणों की वजह से उन्होंने भारतकी कप्तानी को छोड़ दिया। महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे कप्तान के रूप में कमान संभाली. और अनिल कुंबले ने उन्हें टेस्ट मैचों में प्रतिस्थापित किया।
2007 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला में खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें एकदिवसीय दस्ते से हटा दिया गया।
द्रविड़ रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक के लिए खेलने के लिए गए और उन्होंने मुंबई के खिलाफ 218 का स्कोर बनाया।
2008 में उन्होंने पर्थ टेस्ट की पहली पारी में, 93 रन बनाये, यह मैच का अधिकतम स्कोर था, इसने भारत को जीतने में और श्रृंखला को 1-2 बनाने में मदद की।
हालांकि, उन्हें इसके बाद की एक दिवसीय ट्रिक श्रृंखला के लिए चयनकर्ताओं द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया था।
2008 में टेस्ट मैच में एक बेरन रन के बाद द्रविड़ के ऊपर मिडिया का दबाव बहुत अधिक बढ़ गया कि वे या तो रिटायर हो जाएँ या उन्हें हटा दिया जाए.
मोहाली में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में उन्होंने 136 का स्कोर बनाया और गौतम गंभीरके साथ एक तिहरा शतक लगाया.
टेस्ट मैचों में 10000 रन पूरे कर लेने के बाद, उन्होंने कहा कि "यह सुनिश्चितता के लिए गर्व का क्षण है।
मेरे लिए, आगे बढ़ते हुए, मैंने भारत के लिए खेलने का सपना देखा.जब मैं पीछे देखता हूँ, संभवतया मैंने अपनी उम्मीदों से ज्यादा कर दिखाया है, जैसा कि मैंने पिछले 10-12 सालों के दौरान प्रदर्शन किया है।
मैंने ऐसा करने की महत्वाकांक्षा कभी नहीं रखी क्योंकि-यह खेल में मेरी दीर्घायु का केवल एक प्रतिबिम्ब है।[33]
ट्वेंटी 20 कैरियर
ट्वेंटी 20 मैचों में आरएस द्रविड़ का रिकॉर्ड[34] | ||||||
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League | Matches | Runs | HS | 100s | 50s | Avg. |
टी20ई[35] | 1 | 31 | 31 | 0 | 0 | 31.00 |
आईपीएल[36] | 89 | 2174 | 75* | 0 | 11 | 28.23 |
चैंपियंस लीग ट्वेंटी20[37] | 15 | 282 | 71 | 0 | 1 | 23.50 |
राहुल द्रविड़ ने आईपीएल 2008, 2009 और 2010 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेले। बाद में उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए 2013 में चैंपियंस लीग ट्वेंटी20 के फाइनल में और 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग के प्ले ऑफ को अंजाम दिया। द्रविड़ ने ट्वेंटी 20 के बाद से सेवानिवृत्ति की घोषणा की सितंबर 2013 में अक्टूबर 2013 में चैंपियंस लीग ट्वेंटी20 खेल रहा था।[38]
व्यक्तिगत रिकार्ड
टेस्ट
- द्रविड़ तीसरे भारतीय (दुनिया में छठे) हैं जिन्होंने 10,000 से अधिक टेस्ट रन बनाये हैं।
- वे टेस्ट इतिहास में अधिकतम शतकों की साझेदारी में शामिल रहें हैं- 76 (5 अप्रैल 2009).
- उन्होंने गांगुली की कप्तानी में जीते गए 21 टेस्ट मैचों में भारत के द्वारा बनाये गए कुल रनों का 23 प्रतिशत स्कोर किया है (102.84 के बल्लेबाजी औसत के साथ) यह एक ही कप्तान की कप्तानी में जीते गए मैचों में टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी भी बल्लेबाज के योगदान का उच्चतम प्रतिशत है, जहाँ कप्तान ने 20 से अधिक टेस्ट जीते हैं।
- शुरुआत से लेकर क्रमागत टेस्टों में दूसरी सबसे लम्बी लकीर जिसमें उन्होंने एडम गिलक्रिस्ट(96) के पीछे बुखार के कारण अहमदाबाद में 95 वां टेस्ट छोड़ दिया।
- वे एकमात्र खिलाडी हैं जिसने देश से बाहर टेस्ट खेलने वाले प्रत्येक राष्ट्र के खिलाफ शतक बनाया है।[39][40]
- वे देश से बाहर भारत के लिए किसी भी विकेट के लिए सर्वोच्च साझेदारी में शामिल रहे हैं, ये साझेदारी 2006 में लाहौर में पकिस्तान के खिलाफ वीरेंद्र सहवाग के साथ बनाये गए, इस साझेदारी में 410 रन बनाये गए। (साथ ही, यह एक कप्तान और एक उप कप्तान के बीच उच्चतम साझेदारी रही। केवल पंकज रॉय और वीनू मांकड़ ने भारत के लिए साझेदारी में अधिक रन बनाये हैं, उन्होंने चेन्नई में न्यूजीलैंड के खिलाफ 413 रन बनाये (6-11 जनवरी 1956)
- द्रविड़ उन तीन बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्होंने चार लगातार परियों में टेस्ट शतक लगाये. अन्य दो हें जैक फिन्ग्लटन और एलन मेलविल्ले. द्रविड़ ने तीन मैचों में इंग्लेंड के खिलाफ और एक मैच में वेस्ट इंडीज के खिलाफ क्रमशः 115, 148, 217 और 100* का स्कोर बना कर यह उपलब्धि हासिल की। केवल एवर्टन वीक्स ने लगातार पांच पारियों में शतक लगा कर शतकों का अधिक लम्बा क्रम बनाया है।[41]
- लगातार 7 टेस्ट मैचों में द्रविड़ ने 50 या अधिक रन बनाये, इस दृष्टि से भारतीय बल्लेबाजों में वे केवल तेंडुलकर (८) से पीछे हैं। आईवीऐ रिचर्ड्स 11 के साथ अधिकतम का रिकॉर्ड रखते हैं।
- वह वर्तमान में उन बल्लेबाजों में दूसरे स्थान पर हैं, जिन्होंने टेस्ट में अधिकतम रन बनाये हैं (अप्रेल 2009 तक 6430) केवल सचिन तेंडुलकर (7165) ने अधिक टेस्ट रन बनाए है।
- उन्होंने 94 टेस्टों की 150 परियाँ 3 नंबर पर खेली हैं। उन्होंने इस स्थिति में 8000 से अधिक रन बनाए हैं। ये दोनों तथ्य विश्व रिकॉर्ड के रूप में दर्ज हैं।
- वे सुनील गावस्कर के बाद दूसरे भारतीय बल्लेबाज हैं जिन्होंने एक टेस्ट में दो बार जुड़वां शतक बनाया है। गावस्कर और पोंटिंग मात्र बल्लेबाज हैं जिन्होंने एक टेस्ट में तीन बार जुड़वां शतक बनाये हैं।
- मात्र दो भारतीयों में से एक हैं जिन्होंने 5 डबल शतक बनाये। (प्रत्येक पिछले से अधिक है 200* जिम्बाब्वे के खिलाफ, 217 इंग्लेंड के खिलाफ, 222 न्यूजीलैंड के खिलाफ, 233 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, 270 पकिस्तान के खिलाफ).
- विश्व में एक गैर विकेटकीपर (184) के द्वारा कैचों की अधिकतम संख्या का रिकॉर्ड द्रविड़ के नाम पर है।
- शुरूआती जोड़े के आलावा, तेंडुलकर के साथ साझेदारी करते हुए, उन्होंने किसी भी अन्य जोड़े से अधिक रन बनाये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में किसी जोड़े के द्वारा साझेदारी में के शब्दों में तीसर सर्वश्रेष्ठ स्थान पर हैं।[42]
एकदिवसीय
- द्रविड़ तीसरे भारतीय हैं (दुनिया में छठे) जिन्होंने एक दिवसीय मैचों में 10,000 से अधिक रन बनाये हैं।
- द्रविड़ के नाम एकदिवसीय क्रिकेट में 83 अर्धशतक हैं। इस मामले में सचिन तेंदुलकर, जैक्स कैलिस, व कुमार संगकारा के बाद वह चौथे स्थान पर हैं।
साझेदारी रिकार्ड
- एकमात्र बल्लेबाज जो 300 से अधिक रन बनाते हुए, दो वनडे मैचों की साझेदारी में शामिल रहा है।
- पहले बल्लेबाज जो सौरव गांगुली के साथ टाउनटन में श्रीलंका के खिलाफ 1999 के विश्व कप के मैच में एक क्रिकेट विश्व कप में 300 रनों की साझेदारी में शामिल रहे।
- वे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सभी तीन उच्चतम चौथे विकेट की साझेदारी में शामिल रहें हैं, जिनमें से दो युवराज सिंह के साथ हैं।
- एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा साझेदारी में शामिल रहें हैं, उन्होंने 1999-2000 में हैदराबाद में सचिन तेंदुलकर के साथ न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 331 रनों की साझेदारी की।
विश्व कप के रिकार्ड
- 1999 के विश्व कप में वे 461 रनों के स्कोर के साथ रन बनाने में अग्रणी रहे हैं।
- एसी गिलक्रिस्ट (149) के बाद एक विश्व कप में एक विकेटकीपर द्वारा बनाया गया दूसरा सर्वोच्च स्कोर (145) द्रविड़ ने ही बनाया है।
- जिम्बाब्वे डेव होज्तोन के बाद वह एकमात्र दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज हैं जिन्होंने विश्व कप में एक एकदिवसीय सौ बनाये।
- मार्क वॉ के बाद वे दूसरे बल्लेबाज हैं जिन्होंने विश्व कप में बैक टू बैक सौ बनाये।
कप्तानी रिकार्ड
- वे सचिन तेंडुलकर के साथ चौथे स्थान पर हैं, जिनकी कप्तानी में भारत ने अधिकतम मैच जीते।
अन्य रिकार्ड
- 120 लगातार वनडे में उन्हें डक पर आउट नहीं किया गया है।
- सचिन तेंडुलकर (93) और इंजमाम उल हक (83) के बाद अर्द्ध शतकों की उच्चतम संख्या.
कप्तानी
उपलब्धियाँ
- राहुल द्रविड़ मात्र दूसरे भारतीय हैं जिन्होंने एक विश्व कप में उच्चतम रन बनाये हैं। (पहले सचिन तेंडुलकर हैं - दो बार - 1996, 2003) उन्होंने अपने पहले विश्व कप, 1999 के विश्व कप में 461 रन बनाये।
- राहुल द्रविड़ ने 2006 में वेस्ट इंडीज में उन्हीं के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। 1971 के बाद से, भारत ने वेस्ट इंडीज में कभी भी कोई टेस्ट श्रृंखला नहीं जीती। 1986 के बाद से यह उनकी पहली प्रमुख श्रृंखला रही, (2005 में जिम्बाब्वे के खिलाफ जीत) जो भारतीय उप महाद्वीप के बाहर विजयी हुई।
- द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम ने सर्वोच्च एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रमागत जीतों के पिछले रिकॉर्ड को बनाये रखा, जिसमें भारतीय टीम ने 2003 में सौरव गांगुली की कप्तानी में लगातार (8) विजयें हासिल की थीं। बाद में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 2008-2009 में लगातार 9 बार जीत हासिल करके इस रिकॉर्ड को बेहतर बनाया।
- उनकी कप्तानी के दौरान भारतीय टीम ने वेस्ट इंडीज के लगातार 14 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में जीत के रिकॉर्ड को तोडॉ॰ इन 17 मैचों की जीत में द्रविड़ 15 के कप्तान रहे जबकि शेष 2 की कप्तानी सौरव गांगुली ने संभाली. इस लकीर को 20 मई 2006 को तोड़ दिया गया जब भारत सबीना पार्क, जमाइका में 1 रन से वेस्ट इंडीज से हार गया।
- राहुल द्रविड़ पहले कप्तान हैं जिनके नेतृत्व में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को दक्षिण अफ्रीका की धरती पर टेस्ट मैच में हरा दिया।
- वे भारत से तीसरे कप्तान थे जिन्होंने इंग्लेंड में टेस्ट श्रृंखला जीती। यह उपलब्धि 21 साल के बाद हासिल हुई। दो अन्य कप्तान कपिल देव(1986) और अजीत वाडेकर (1971) है।
- उन्होंने टेस्ट और एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय दोनों में 10,000 रन बनाये हैं, तेंडुलकर और लारा के बाद वे इस उपलब्धि को हासिल करने वाले तीसरे बल्लेबाज हैं। पोंटिंग एकमात्र अन्य व्यक्ति हैं जिन्होंने यह कर दिखाया है।
- वे एक गैर विकेट कीपर के द्वारा टेस्ट क्रिकेट में अधिकतम कैच का रिकॉर्ड भी रखते हैं।
आलोचना
- उन्होंने मार्च 2004 में जो फैसला लिया, उस पर सबसे ज्यादा बहस हुई, जब वे घायल कप्तान सौरव गांगुली की भूमिका निभा रहे थे। भारत की पहली पारी को एक बिंदु पर घोषित कर दिया गया जब सचिन तेंडुलकर दूसरे दिन 16 ओवर पर 194 पर थे।[43]
- राहुल द्रविड़ ने टेस्टों में भारत का नेतृत्व करते हुए एक मिश्रित रिकॉर्ड बनाया। भारत 2006 में कराची टेस्ट हार गया, पाकिस्तान इस श्रृंखला को 1-0 से जीता। मार्च 2006 में, भारत मुंबई टेस्ट हार गया, 1985 के बाद से पहली बार इंग्लैंड भारत में टेस्ट जीता। फ्लिन्तोफ़ की क्षमता ने इस श्रृंखला में 1-1 से जीत दर्ज करायी. हालांकि कराची में हार का कारण यह माना गया की कई भारतीय बल्लेबाजों ने बुरा प्रदर्शन किया, लेकिन मुंबई की हार को द्रविड़ के इस गलत फैसले का नतीजा माना गया कि एक फ्लैट सूखी पिच पर पहले गेंदबाजी की जाए. जिससे बाद में स्थिति बिगड़ गई और भारतीयों को रन लेने में बहुत परेशानी हुई।
- इंडियन प्रीमियर लीग में 2008 के खेल के बाद जब बंगलौर रॉयल चेलेंजर्स 8 में से सातवें स्थान पर आई तो विजय माल्या ने उनकी आलोचना की कि उन्होंने टीम में सही संतुलन नहीं बनाया है।[44]
- जब भारत डीएलएफ कप के फाइनल में नहीं पहुँच पाया, तो पूर्व आल-राउंडर रवि शास्त्री ने भारतीय स्कीपर राहुल द्रविड़ की आलोचना की, कि यह पर्याप्त धनात्मक नहीं है और ग्रेग चैपल को बहुत से फैसले लेने होंगे। [45]
जब उनसे प्रतिक्रिया की उम्मीद की गई तो द्रविड़ ने कहा कि शास्त्री, एक 'निष्पक्ष आलोचक'हैं लेकिन टीम की आंतरिक निर्णय प्रक्रिया को 'लागू नहीं' कर सकते[46]
टीमें
अंतर्राष्ट्रीय
- भारत(वर्तमान)
- एसीसी एशियाई XI
- आईसीसी दुनिया XI
भारतीय प्रथम-वर्ग
- कर्नाटक
- दक्षिण जोन
अंग्रेजी काउंटी
- केंट
- स्कॉटलैंड
समयरेखा
- 1973-11 जनवरी 1973 को इंदौर में जन्मे.
- 1984-के एस सी ऐ के चिन्नास्वामी स्टेडियम, बेंगलौर में उन्होंने एक ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर, में भाग लिया। जहाँ पूर्व क्रिकेटर केकी तारापोरे जो कोच में बदल गए थे, ने उनकी प्रतिभा को देखा (एक और केकी तारापोरे था [मुंबई, मृतक] जिससे लोग नाम को लेकर भ्रमित होते थे।
- उन्होंने एक अनौपचारिक मैच में अपने स्कूल सेंट जोसेफ की टीम के लिए सेंट एंथोनी के खिलाफ अपना पहला शतक लगाया.
- केरला के खिलाफ कर्नाटक की स्कूल टीम के लिए दोहरा शतक लगाया.
- अंडर 15 कर्नाटक टीम के लिए चुने गए।
- गुंडप्पा विश्वनाथ, रोजर बिन्नी, बृजेश पटेल और कोच केकी तारापोर की सलाह पर उन्होंने विकेट कीपिंग बंद कर दी।
- 1985- लड़कों के बाल्डविन हाई स्कूल के खिलाफ सेंट जोसेफ हाई स्कूल के लिए कोतोनियन शील्ड अंतर स्कूल प्रतियोगिता (जूनियर) में एक शतक लगा कर एक अद्भुत कौशल के रूप में बेंगलौर में अपनी पहचान बनायीं.
- 1991- महाराष्ट्र के खिलाफ रणजी शुरुआत.
- 1996 -रणजी फाइनल में दोहरा शतक, तमिल नाडू के खिलाफ
- 1996-लॉर्ड्स, इंग्लेंड में टेस्ट की शुरुआत, जब संजय मांजरेकर घायल हो कर घर वापिस लौट गए और नवजोत सिंह सिद्धू का कप्तान अजहरुद्दीन के द्वारा 95 रन बना लेने के बाद उनसे झगडा हो गया।
- 1997-मदन टेस्ट सौ (148) तीसरा टेस्ट, जोहानसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ.
- 1997- पहला एक दिवसीय का शतक (107), पकिस्तान के खिलाफ, इंडीपेनडेंस कप, चेन्नई.
- 1998- बंगलादेश में एकदिवसीय टूर्नामेंट से हटा दिया गया।
- 1999- हैमिल्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ दोनों परियों में शतक (190, 103)
- 1999-विश्व कप में 2 शतकों और तीन अर्द्ध शतकों सहित 461 रन.
- 1999- 2000 इंग्लिश काउंटी दौरे के लिए केंट के साथ सहमति.
- 2001-पाँचवे विकेट के लिए 180 का स्कोर बनाया जबकि वीवीएस लक्ष्मण ने 281 रन बनाये,376 रन बना कर भारत ने ईडन गार्डन में ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया और ऑस्ट्रलिया की 16 टेस्टों में लगातार जीत की लकीर को तोड़ डाला।
- 2004- कैरियर के सर्वोत्तम 270 रन, रावलपिंडी में पकिस्तान के खिलाफ.
- 2005-सौरव गांगुली को टेस्ट में सफलता दिलाई और एकदिवसीय कप्तान बने।
- 2005- देवेन्द्र प्रभुदेसाई के द्वारा "द नाईस गाय हू फिनिश्ड फर्स्ट " कोच ग्रेग चैपल द्वारा जारी
- 2006- लाहौर में पकिस्तान के खिलाफ कप्तान के रूप में अपना पहला शतक लगाया.
- 2006-मुल्तान में सहवाग के साथ एक उल्लेखनीय 410 रन की भागीदारी में योगदान दिया।
- 2006- भारत का नेत्रित्व करते हुए दक्षिण अफ्रीकी धरती पर पहली बार टेस्ट में सफलता हासिल की।
- 2007-वेस्ट इंडीज में आयोजित 2007 क्रिकेट विश्व कप में भारत का नेतृत्व किया।
- 2007-इंग्लैंड के भारत के दौरे के बाद, भारतीय कप्तानी से इस्तीफा.
- 2007- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खराब श्रृंखला के बाद एक दिवसीय टीम से हटा दिया जाना.
- 2008-29 मार्च को चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला के पहले टेस्ट मैच में टेस्ट में 10000 के ऐतिहासिक स्कोर तक पहुँचना,
- 2009-6 अप्रैल को वेलिंगटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में, 182 केच पूरे करके टेस्ट क्रिकेट में केच का रिकॉर्ड बनाया।
कैरियर के मुख्य बिंदु
टेस्ट
टेस्ट की शुरुआत: इंग्लैंड के खिलाफ, लॉर्ड्स, 1996.
- द्रविड़ का टेस्ट बल्लेबाजी का क्रिकेट का बेहतरीन स्कोर 270 जो पकिस्तान के खिलाफ रावलपिंडी में बनाया गया। 2003-2004.
- उनका सर्वश्रेष्ठ टेस्ट गेंदबाजी का आंकडा 18 के लिए १ वेस्ट इंडीज, सेंट जॉन के खिलाफ सामने आया। 2001-2002.
- वे सुनील गावस्कर और सचिन तेंडुलकर के बाद तीसरे भारतीय हैं जिन्होंने 10,000 से अधिक टेस्ट रनों का स्कोर बनाया।
- वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 9000 रन बनाने वाले सबसे तेज बल्लेबाज है। पूर्व भारतीय कप्तान ने 2006 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 176 वीं पारी खेलते हुए ब्रायन लारा के पहले के रिकार्ड को तोड़ दिया
- उन्होंने एक क्षेत्ररक्षक के रूप में अधिकतम 184 केच लिए हैं, उन्होंने मार्क वॉघ के पुराने 181 रनों के रिकॉर्ड को तोडा जब वेलिंग्टन के बेसिन रिजर्व में तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में न्यूजीलेंड के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने शुरूआती बल्लेबाज टिम मेकलनतोष का केच लिया।
एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय
एकदिवसीय शुरुआत: श्रीलंका, सिंगापुर, 1995 -1996
- द्रविड़ का सर्वोत्तम 153 का एकदिवसीय बल्लेबाजी स्कोर 1999-2000 में हैदराबाद में न्यूजीलेंड के खिलाफ बनाया गया।
- 43 के लिए 2 का उनका सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय गेंदबाजी का आंकडा 1999-2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोची में बनाया गया।
- 10000 रन बनाने वाले छठे खिलाडी और तीसरे भारतीय. उन्होंने श्री लंका के खिलाफ 66 रन बनाते हुए श्रृंखला 1-1 पर बराबर करके बेरियर को तोड़ डाला।
उपलब्धियाँ
पुरस्कार
- 1999:1999 विश्व कप के सीएट क्रिकेटर
- 2000: वर्ष 2000[47][22]के विसडेन क्रिकेटर
- 2004: सर गारफील्ड सोबर्स ट्राफी विजेता (वर्ष के आईसीसी प्लेयर के लिए सम्मानित किये गए।) पुरस्कृत[48][23]
- 2004: पद्मश्री[49][24]
- [48]
- 2006: आईसीसी की टेस्ट टीम के कप्तान[50][25]
टेस्ट मैच- मेन ऑफ़ दी सीरीज अवार्ड:
# | श्रृंखला | दौरा | श्रृंखला प्रदर्शन |
---|---|---|---|
1 | इंग्लैंड टेस्ट श्रृंखला में भारत | 2002 | 602 (4 मैच, 6 पारी, 3 X 100, 1 X 50); 10 कैच |
2 | सीमा-गावस्कर ट्राफी (ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में भारत) | 2003/04 | 619 रन (4 मैच, 8 पारी, 1 X 100, 3 X 50); 4 कैच |
3 | वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज में भारत | 2006 | 496 रन (4 मैच, 7 पारी, 1 X 100, 4 X 50); 8 कैच |
टेस्ट मैच - मेन ऑफ़ दी मैच अवार्ड:
श्रृंखला संख्या | विपक्ष | स्थल | दौरा | मैच प्रदर्शन |
---|---|---|---|---|
1 | दक्षिण अफ्रीका | वांडरर्स, जोहानसबर्ग | 1996/97 | पहली पारी:148 (21 X 4); 1 कैच दूसरी पारी: 81 (11 X 4); 1 कैच |
2 | वेस्ट इंडीज | बौर्दा, जॉर्ज टाउन | 1996/97 | पहली पारी: 92 (8 X 4, 1 X 6) |
3 | इंग्लैंड | हेडिंग्ले, लीड्स | 2002/03 | पहली पारी: 148 (23 X 4) दूसरी पारी: 3 कैच |
4 | इंग्लैंड | ओवल, लंदन | 2002/03 | पहली पारी: 217 (28 X 4); 3 कैच |
5 | न्यूजीलैंड | मोटेरा, अहमदाबाद | 2003/04 | पहली पारी: 222 (28 X 4, 1 X 6); 2 कैच दूसरी पारी: 73 (6X 4); 1 कैच |
6 | ऑस्ट्रेलिया | एडिलेड ओवल, एडिलेड | 2003/04 | पहली पारी: 233 (23 X 4, 1X 6); 1 कैच दूसरी पारी: 72 * (7 X 4); 2 कैच |
7 | पाकिस्तान | रावलपिंडी | 2003/04 | पहली पारी: 270 (34 X 4, 1 X 6) दूसरी पारी: 1 कैच |
8 | पाकिस्तान | ईडन गार्डन, कोलकाता | 2004/05 | पहली पारी: 110 (15 X 4, 1 X 6); 1 कैच दूसरी पारी: 135 (15X4) |
9 | वेस्ट इंडीज | सबीना पार्क, किंग्स्टन | 2006 | पहली पारी: 81 (10X4) दूसरी पारी: 68 (12X4); 1 कैच |
वनडे मैच - मैच पुरस्कार के मैन:
श्रृंखला संख्या | विपक्ष | स्थल | सत्र | मैच प्रदर्शन |
---|---|---|---|---|
1 | पाकिस्तान | टोरंटो | 1996 | 46 (93 गेंद, 3 X 4) |
2 | दक्षिण अफ्रीका | किंग्समेड, डरबन | 1996/97 | 84 (94 गेंद, 5 X 4, 1 X 6); 1 कैच |
3 | न्यूजीलैंड | टॉपो | 1998/99 | 123* (123 गेंद, 10 X 4, 1 X 6) |
4 | न्यूजीलैंड | ईडन पार्क, ऑकलैंड | 1998/99 | 51 (71 गेंद, 5 X 4, 1 X 6) |
5 | वेस्ट इंडीज | टोरंटो | 1999 | 77 (87 गेंद, 6 X 4, 2 X 6); 4 कैच |
6 | ज़िम्बाब्वे | बुलावायो | 2001 | 72* (64 गेंद, 7 X 4, 1 X 6) |
7 | श्रीलंका | एड्गबेड्सटन, बर्मिंघम | 2002 | 64 (95 गंद, 5 X 4, 1 X 6); 1 कैच |
8 | संयुक्त अरब अमीरात | दम्बुल्ला | 2004 | 104 (93 गेंद, 8 x 4); 1कैच, 1 स्टम्पिंग |
9 | वेस्ट इंडीज | दम्बुल्ला | 2005 | 52* (65 गेंद, 7 x 4), 1 कैच |
10 | श्रीलंका | विदर्भ और सीए ग्राउंड, नागपुर | 2005/06 | 85 (63 गेंद, 8 x 4, 1 x 6); 1 कैच |
11 | दक्षिण अफ्रीका | मुंबई | 2005 /06 | 78* (106 गेंद, 10 x 4) |
12 | पाकिस्तान | आबू धाबी | 2005 /06 | 92(116 गेंद, 10 x 4); 1 कैच |
13 | वेस्ट इंडीज | सबीना पार्क, किंग्स्टन | 2006 | 105(102 गेंद, 10 X 4, 2 x 6); 1 कैच |
14 | इंग्लैंड | एड्गबेड्सटन | 2007 | 92 * (63 गेंद, 7 x 4, 1 x 6) |
विवाद
गेंद-छेड़छाड़ हादसा
जनवरी 2004 में द्रविड़ जिम्बाब्वे में एक वन दे मैच के दौरान गेंद के साथ छेड़छाड़ करने के दोषी पाए गए। मैच रेफरी क्लाइव लॉयड कहा कि गेंद में किसी उर्जाकारी का प्रयोग किया गया है जो एक अपराध है, हालाँकि द्रविड़ खुद्र इस बात से इनकार रहे थे कि उन्होंने ऐसा इरादतन किया है। [51] लॉयड सत्र इस बात जोर दिया कि इस बात को टेलीविजन फुटेज पर दिखाया जाए कि भारत का एक स्टार बल्लेबाज मंगलवार की रात गब्बा में न्यूजीलेंड पारी के दौरान गेंद पर जानबूझ कर कुछ चिपका [1] देता है, जो आईसीसी की आचार संहिता की धारा 2.10 का उल्लंघन है।
भारतीय टीम के कोच जॉन राइट द्रविड़ के बचाव में कहते हैं कि "यह गलती जानबूझ कर नहीं की गई।" द्रविड़ आईसीसी के नियमों के कारण घटना पर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि द्रविड़ का कार्य "सिर्फ एक दुर्घटना" है।
आत्मकथाएँ
राहुल द्रविड़ के कैरियर पर 2 आत्मकथाएँ लिखी गई हैं:
- राहुल द्रविड़ - एक जीवनी वेदाम जयशंकर द्वारा लिखित (आई एस बी एन 817476481 X). प्रकाशक: UBSPD प्रकाशन. तिथि: जनवरी 2004[53][26]
- ए नाईस गाय हू फिनिश्ड फर्स्ट देवेन्द्र प्रभुदेसाई के द्वारा लिखित.प्रकाशक: रूपा प्रकाशन. दिनांक: नवम्बर 2005[54][27]
समर्थन
- रिबॉक: 1996 - वर्तमान[55][28]
- पेप्सी: 1997 वर्तमान[56][29]
- किस्सान : अज्ञात[57][30]
- कैस्ट्रॉल: 2001- वर्तमान[58][31]
- हच: 2003
- कर्नाटक पर्यटन: 2004[59][32]
- मैक्स लाइफ: 2005 - वर्तमान[60][33]
- बैंक ऑफ बड़ौदा : 2005 - वर्तमान[61][34]
- सिटिजन: 2006 - वर्तमान[62][35]
- स्काईलाइन कंस्ट्रक्शन: 2006 - वर्तमान[63][36]
- सनसुई: 2007 - वर्तमान[64][37]
- जिलेट: 2007- अब
सामाजिक प्रतिबद्धताएं :
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- क्रिकइन्फो प्लेयर प्रोफाइल: राहुल द्रविड़
- क्रिकेट फंडाज साक्षात्कार राहुल द्रविड़ के साथ
- HowSTAT! राहुल द्रविड़ पर सांख्यिकीय प्रोफ़ाइल
- PwC बल्लेबाज रैंकिंग
पूर्वाधिकारी सौरव गांगुली | भारतीय टेस्ट कप्तान २००५-०६ | उत्तराधिकारी अनिल कुंबले |
पूर्वाधिकारी सौरव गांगुली | भारतीय एकदिवसीय कप्तान २००५-०६ | उत्तराधिकारी महेंद्र सिंह धोनी |
पूर्वाधिकारी प्रथम | सर गारफील्ड सोबर्स ट्रॉफी २००४ | उत्तराधिकारी एंड्रयू फ़्लिंटफ़ एवं जैक कालिस |