राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड(एनएसआईसी) भारत सरकार का एक उद्यम है। यह देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का उन्नयन करने, उन्हें सहायता देने तथा उनके विकास में वृद्धि करने का कार्य करता है। लगभग पांच दशक पूर्व इसकी स्थापना की गई थी और तबसे निगम ने देश व विदेशों में नए एवं लघु उद्यमों का उन्नयन कार्य किये एवं अपनी वित्त पोषण, मार्केटिंग, कच्चा माल वितरण स्कीमें व प्रौद्योगिकी सहायता कार्यक्रम किये। इनके माध्यम से अनेक सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु इकाइयों की विकास में सहायताएवं परियोजनाओं व उत्पादों का निर्यात बढ़ाने का कार्य करता है। यह निगम देश भर में फैले शाखा कार्यालयों व तकनीकी सेवा केन्द्रों के नेटवर्क माध्यम से अपना प्रचालन कार्य करता। इसके अतिरिक्त एनएसआईसी प्रशिक्षण व इंक्यूबेशन केन्द्र खोल कर इस बारे में प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाता है तथा व्यापक व्यावसायिक जन-शक्ति के साथ उद्यम क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार सेवाओं का पैकेज उपलब्ध कराता है।[2]
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प्रकार | सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम |
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प्रमुख व्यक्ति | रविन्द्र नाथ (ध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक)[1] |
मातृ कंपनी | लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम, भारत सरकार |
वेबसाइट | nsic |
कार्यकलाप
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम विशेष रूप से बनाई गई योजनाओं के सेट के साथ लघु उद्यमों को सहायता देने के अपने मिशन को आगे बढाता है, जिससे ये लघु उद्योग एक प्रतिस्पर्धी बन सकें तथा लाभप्रद स्थिति में पहुंच सकें। इन योजनाओं में विपणन सहायता, ऋण सहायता, प्रौद्योगिकी सहायता तथा अन्य सहायता सेवाएं शामिल हैं।[2]
शाखाएं एवं सेवा केन्द्र
एनएसआईसी तकनीकी सेवा केन्द्र निम्नलिखित स्थानों पर स्थित हैं
केन्द्र का नाम | केन्द्र बिन्दु क्षेत्र |
चेन्नई | चमड़ा व फुटवियर |
हावड़ा | जनरल इंजीनियरी |
हैदराबाद | इलेक्ट्रॉनिक तथा कम्प्यूटर एप्लीकेशन |
नई दिल्ली | मशीन टूल्स व उनसे जुड़े कार्य |
राजकोट् | ऊर्जा, ऑडिट तथा ऊर्जा संरक्षण कार्यकलाप |
राजपुरा | घरेलू बिजली के उपकरण |
अलीगढ़ | ताला क्लस्टर तथा डाई एवं टूल मेकिंग |
नीमका | जनरल इंजीनियरी |
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम अपने तकनीकी सेवा केन्द्रों और विस्तार केन्द्रों के माध्यम से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को निम्नलिखित सहायता सेवाएं प्रदान करता है[2]:
- नई तकनीकों को अपनाने के लिए परामर्श देना।
- मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के माध्यम से सामग्री जांच की सुविधाएं देना।
- कैड सहित उत्पाद का डिजाइन।
- मशीनिंग, ई.डी.एम., सी.एन.सी. आदि में कॉमन सुविधा सहायता।
- चयनित केन्द्रों पर ऊर्जा तथा पर्यावरण सेवाएं।
- कौशल उन्नयन के लिए क्लास रूम व प्रैक्टीकल प्रशिक्षण।