राबर्ट्सगंज
राबर्ट्सगंज (Robertsganj), जिसका औपचारिक नाम है सोनभद्र नगर (Sonbhadra City) है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के सोनभद्र ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]
राबर्ट्सगंज Robertsganj सोनभद्र नगर | |
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![]() रॉबर्ट्सगंज में ईको प्वाइंट | |
निर्देशांक: 24°41′N 83°04′E / 24.69°N 83.06°E 83°04′E / 24.69°N 83.06°E | |
देश | ![]() |
प्रान्त | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | सोनभद्र ज़िला |
ऊँचाई | 330 मी (1,080 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 36,689 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 231216 |
दूरभाष कोड | +91-5444 |
वाहन पंजीकरण | UP-64 |
विवरण
यह शहर उत्तर प्रदेश के दक्षिणी पूर्वी कोने पर स्थित है। सोनभद्र जिले का गठन 4 मार्च 1989 को मिर्जापुर जनपद के दक्षिणी हिस्से को अलग करके बनाया गया। सोन, कर्मनाशा, चंद्रप्रभा, रिहंद, रेणू, घग्गर इत्यादि नदियां इसके ग्रामीण इलाकों से होकर बहती हैं। इस शहर का नामकरण ब्रिटिश-राज में अंग्रेजी सेना के फिल्ड मार्शल फ्रेडरिक रॉबर्ट के नाम पर हुआ था।
साहित्यिक संदर्भ
देवकीनंदन खत्री के सुप्रसिद्ध उपन्यास चंद्रकांता और चंद्रकांता संतति के कथा की पृष्ठभूमि विजयगढ़ है। विजयगढ़ का किला राबर्ट्सगंज के पास और सोनभद्र जिले में ही स्थित है।
भूगोल
यह शहर विन्ध्य और कैमूर की पहाड़ियों के बीच छोटा नागपुर पठार पर स्थित है। आस-पास के क्षेत्रों में बहुतायत में मिलने वाली गुफाओं के भित्ति-चित्र और चट्टानों पर की गई चित्रकारी से इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि ये क्षेत्र प्रागैतिहासिक काल से ही मानव की गतिविधियों का केंद्र रहा है। रॉबर्ट्सगंज की समुद्रतल से औसत ऊंचाई 330 मीटर है। रॉबर्ट्सगंज उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में आता है जहां गर्मियों और सर्दियों के तापमान में काफी अंतर पाया जाता है। ग्रीष्मकाल में यहां का औसत तापमान 32 से 42 सेंटीग्रेड के बीच तथा शीतकाल में 2 से 15 सेंटीग्रेड के बीच रहता है। जुलाई से अक्टूबर के बीच इस शहर का मौसम सुहावना रहता है। [3]
जनसांख्यिकी
साल 2011 की भारत की जनगणना के मुताबिक रॉबर्ट्सगंज सोनभद्र जिले का एक नगरपालिका परिषद है। रॉबर्ट्सगंज की कुल जनसंख्या 36,689 है जिसमें पुरुषों की आबादी 19,294 और महिलाओं की आबादी 17,395 है।[4]
पर्यटन स्थल
इस शहर के बाहरी इलाकों में कई सुंदर प्राकृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं:
- विजयगढ़ दुर्ग
- वीर लोरिक का पत्थर
- सलखन जीवाश्म पार्क
- नगवा बांध
- लखनिया दरी
- रिहंद बांध
- अगोरी दुर्ग
- रेनुकूट रेडूकेश्ववर मंदिर