काकड़
काकड़ (Muntjac) या कांकड़ या भौंकता हिरण (Barking Deer) भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिणपूर्वी एशिया में पाया जाने वाला एक छोटे हिरण का जीववैज्ञानिक वंश है। क्रमविकास की दृष्टि से यह हिरणों में शायद सबसे पुराना है, और धरती में १५०-३५० लाख वर्ष पूर्व देखा गया था। इसके जीवाश्म फ़्रान्स, जर्मनी और पोलैंड में पाये गये हैं। वर्तमान में यह भारत से लेकर श्रीलंका, चीन, दक्षिणपूर्वी एशिया (इंडोचाइना और मलय प्रायद्वीप के उत्तरी इलाके) में रहते हैं। यह कम आबादी में पूर्वी हिमालय और म्यानमार में भी पाया जाता है। ऊष्णकटिबंधीय इलाकों में रहने के कारण इसका कोई समागम मौसम नहीं होता है और वर्ष के किसी भी समय में यह समागम कर लेते हैं; यही बात उस आबादी पर भी लागू होती है जिसे शीतोष्णकटिबन्धीय इलाकों में दाख़िल किया गया है।[1][2]
काकड़ Muntjac | |
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भारतीय काकड़ | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | जंतु |
संघ: | कौरडेटा (Chordata) |
वर्ग: | स्तनधारी (Mammalia) |
गण: | आर्टियोडैकटिला (Artiodactyla) |
उपगण: | सर्विडाए (Cervidae) |
कुल: | सर्विनाए (Cervinae) |
वंश: | मुंटिएकस (Muntiacus) राफिनेस्क, 1815 |
जातियाँ | |
12 ज्ञात जातियाँ | |
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भौगोलिक विस्तार (ब्रिटेन में मानवों द्वारा लाए गए) |
विवरण
नर के दोबारा उग सकने वाले सींग होते हैं, हालांकि इलाके की लड़ाई में वह अपने लंबे श्वानदंतों (Canine teeth) का इस्तेमाल करते हैं। काकड़ क्रम विकास के अध्ययन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि इनकी विभिन्न प्रजातियों के गुणसूत्र में काफ़ी घटबढ़ देखी गयी है। जहाँ भारतीय काकड़ में सबसे कम गुणसूत्र पाये जाते हैं: नर में ७ तथा मादा में सिर्फ़ ६, वहीं चीनी कांकड़ में ४६ गुणसूत्र होते हैं।
भारतीय काकड़
सामान्य मुनटिऍक या भारतीय काकड़ काकड़ की सबसे ज़्यादा पाई जाने वाली जाति है। यह भारत और दक्षिणपूर्वी एशिया के कई भागों में मिलती है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
Muntiacus muntjak से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
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