मीर प्रकाशन


मीर प्रकाशन (रूसी: Издательство "Мир", इज़दातेल्स्त्वो मीर; अंग्रेज़ी: Mir Publishers) सोवियत संघ के ज़माने में वहाँ का एक मुख्य किताबों का प्रकाशक था। सोवियत संघ के १९९१ में टूट जाने के बाद भी यह रूस में चलता रहा है। इसकी स्थापना सन् १९४६ में सोवियत संघ के मंत्री-परिषद् में लिए गए एक निर्णय से हुई थी और इसका पूरा ख़र्चा सोवियत संघ की सरकार उठाती थी, जिस वजह से इसकी पुस्तकें बहुत ही कम दाम में मिला करती थीं। मीर विशेष रूप से तकनीकी और वैज्ञानिक किताबें और पाठ्यपुस्तकें छापता था जिनमें से अधिकतर उच्च दर्जे के सोवियत वैज्ञानिक, गणितज्ञ, इंजिनियर और अध्यापकों द्वारा लिखी जाती थीं।

मूल रूप से रूसी और सोवियत संघ की अन्य भाषाओँ में छपने वाली मीर की किताबें अक्सर अंग्रेज़ी और अन्य ग़ैर-सोवियत भाषाओँ में अनुवादित हुआ करती थीं। भारत, अफ़्ग़ानिस्तान, मिस्र और सोवियत संघ से मित्रता रखने वाले अन्य देशों में यह अपने उच्च स्तर और कम दाम के कारण बहुत लोकप्रीय थीं और कई कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में औपचारिक रूप से शामिल की जाती थीं। अध्ययन की किताबों के अलावा मीर विज्ञान कथा (साइंस फ़िक्शन) संकलन और उपन्यास भी छापता था और वह भी बहुत लोकप्रीय थे।[1][2][3]

नाम का अर्थ

रूसी भाषा में 'मीर' (Мир) शब्द का अर्थ 'विश्व' होता है। लेकिन इसका एक और अर्थ 'शान्ति' भी है। ध्यान दें कि सोवियत संघ के कुछ अंतरिक्ष स्टेशनों का नाम भी मीर हुआ करता था।[4]

सोवियत संघ के टूटने के बाद

१९९१ में सोवियत संघ ख़त्म हो गया लेकिन मीर चलता रहा। इसका निजीकरण हो गया और यह सरकारी कम्पनी नहीं रहा। कोलोस (Kolos, Колос), त्रान्सपोर्त​ (Transport, Транспорт), ख़ीमिया (Khimiya, Химия), मेतालुरगिया (Metallurgiya, Металлургия), लेगप्रोम्बितिज़्दात​ (Legprombitizdat, Легпромбытиздат) और एनेरगोएतोमिज़्दात​ (Energoatomizdat, Энергоатомиздат) जैसे कुछ अन्य सरकारी प्रकाशक भी मीर प्रकाशन में विलय करके उसका हिस्सा बना दिए गए। जब तक सोवियत संघ और उसकी साम्यवादी सरकार रही तब तक मीर का मक़सद सोवियत संघ में हुई भरपूर वैज्ञानिक तरक्की को दर्शाना और बढ़ाना था। सोवियत संघ के अंत के बाद यह ध्येय नहीं रहा और साथ-ही-साथ मीर को सरकारी पैसा मिलना भी बंद हो गया। फिर भी सोवियत ज़माने में छपी पुस्तकों के भरे गोदाम मौजूद थे और उन्हें बड़ी मात्रा में निर्यात किया गया। भारत, मध्य पूर्व और दक्षिण अमेरिका के पुस्तकालयों में अक्सर बहुत सी मीर की किताबें मिलती हैं।

२००८ में मीर को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा और वह अदालत में एक दिवालिया केस में फँस गया। २ जून २००९ में मोस्को की अदालत ने मीर को इस मुक़द्दमे से रिहा करते हुए कहा की कम्पनी अपने कर्ज़दारों की पूरी रक़म अदा कर चुकी है।[5]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

🔥 Top keywords: क्लियोपाट्रा ७ईद अल-अज़हानिर्जला एकादशीमुखपृष्ठविशेष:खोजभारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशभारत का केन्द्रीय मंत्रिमण्डलभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीकबीरॐ नमः शिवायप्रेमचंदतुलसीदासमौसमचिराग पासवानमहादेवी वर्मासुभाष चन्द्र बोसलोकसभा अध्यक्षखाटूश्यामजीभारतीय आम चुनाव, 2019हिन्दी की गिनतीनरेन्द्र मोदीभारत का संविधानइंस्टाग्राममुर्लिकांत पेटकररासायनिक तत्वों की सूचीसूरदासश्री संकटनाशनं गणेश स्तोत्रप्रेमानंद महाराजभारतीय आम चुनाव, 2024महात्मा गांधीभारतहनुमान चालीसाश्रीमद्भगवद्गीताभारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूचीभीमराव आम्बेडकररानी लक्ष्मीबाईसंज्ञा और उसके भेदउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूचीगायत्री मन्त्र