अफ़्रीकी झाड़ हाथी, दुनिया का सबसे बड़ा ज़मीन पर रहने वाला प्राणी
महाप्राणी, जिसे अंग्रेज़ी व कई अन्य भाषाओं में मेगाफ़ाउना (megafauna) कहते हैं, वह जानवर होते हैं जो शारीरिक आकार में बड़े या भीमकाय हों। प्राणीविज्ञान में आमतौर पर ४५ किलोग्राम से अधिक वज़न रखने वाले जानवरों को महाप्राणी कहा जाता है और इस आधार पर मानव भी एक महाप्राणी कहा जा सकता है।[1][2] इसके विपरीत आम प्रयोग में महाप्राणी केवल उन जंगली जानवरों के लिए प्रयोग होता है जो मानव-आकार के बराबर या उससे बड़े हों। इनमें हाथी, गैंडा, जिराफ़, दरियाई घोड़ा, सिंह और ऐसे अन्य जानवर आते हैं। कभी-कभी यह शब्द विशेष रूप से उन प्राणियों के लिए भी इस्तेमाल होता है जो पिछले हिमयुग में विलुप्त हो गए मैमथ जैसे महाकाय जानवरों से सम्बंधित हों।
पर्यावरणीय स्थिति
महाप्राणी पशु-पक्षी आमतौर पर लम्बी आयु रखते हैं, अपनी आबादी धीरे बढ़ाते हैं, कम गति से मरते हैं और उनके शिकार करने वाले जानवर कम होते हैं या होते ही नहीं हैं। अपनी धीमी बढ़ने वाली संख्या के कारण जब से मानव पृथ्वी पर अग्रसर हुआ है यह महाप्राणी उसके द्वारा शिकार के कारण विलुप्ति के ख़तरे में रहे हैं। उदाहरण के लिए मानवी दबाव के कारण औरोक्स (एक बड़ी जंगली गाय), भारतीय चीता और मोआ (न्यू ज़ीलैंड का एक १२ फ़ुट ऊँचा पक्षी) विलुप्त हो गए।[3]