पेहवा

पेहवा (Pehowa) या पेहोवा या पिहोवा भारत के हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र ज़िले में स्थित एक नगर है। इसका पुराना नाम पृथूदक (Prithudak) था। यह एक हिन्दू तीर्थ है।[1][2][3]

पेहवा, पेहोवा, पिहोवा
Pehowa
सरस्वति नदी व मंदिर
सरस्वति नदी व मंदिर
पेहवा is located in हरियाणा
पेहवा
पेहवा
हरियाणा में स्थिति
निर्देशांक: 29°59′N 76°35′E / 29.98°N 76.58°E / 29.98; 76.58 76°35′E / 29.98°N 76.58°E / 29.98; 76.58
देश भारत
राज्यहरियाणा
ज़िलाकुरुक्षेत्र ज़िला
ऊँचाई224 मी (735 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल38,853
भाषा
 • प्रचलितहरियाणवी, हिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
वाहन पंजीकरणHR 41
वेबसाइटharyana.gov.in

इतिहास

महाभारत में कहा गया है कि

पुण्यामाहु कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्रात्सरस्वती। सरस्वत्माश्च तीर्थानि तीर्थेभ्यश्च पृथुदकम॥
कुरुक्षेत्र पवित्र है और सरस्वती कुरुक्षेत्र से भी पवित्र है। सरस्वती तीर्थ अत्यंत पवित्र है, किन्तु पृथूदक इनमें सबसे अधिक पावन व पवित्र है॥

महाभारत, वामन पुराण, स्कन्द पुराण, मार्कण्डेय पुराण आदि अनेक पुराणों एवं धर्मग्रन्थों के अनुसार इस तीर्थ का महत्व इसलिए ज्यादा हो जाता है कि पौराणिक व्याख्यानों के अनुसार इस तीर्थ की रचना प्रजापति ब्रह्मा ने पृथ्वी, जल, वायु व आकाश के साथ सृष्टि के आरम्भ में की थी। 'पृथुदक' शब्द की उत्पत्ति का सम्बन्ध महाराजा पृथु से रहा है। इस जगह पृथु ने अपने पिता की मृत्यु के बाद उनका क्रियाकर्म एवं श्राद्ध किया। अर्थात जहां पृथु ने अपने पिता को उदक यानि जल दिया। पृथु व उदक के जोड़ से यह तीर्थ पृथूदक कहलाया।

वामन पुराण के अनुसार गंगा के तट पर रहने वाले रुषंगु नामक ऋषि ने अपना अन्त समय जानकर मुक्ति की इच्छा से गंगा को छोड़कर पृथुदक में जाने के लिए अपने पुत्रों से आग्रह किया था। क्योंकि उसका कल्याण गंगा द्वार पर संभव नहीं था। पद्मपुराण के अनुसार जो व्यक्ति सरस्वती के उत्तरी तट पर पृथुदक में जप करता हुआ अपने शरीर का त्याग करता है, वह नि:संदेह अमरता को प्राप्त करता है।

पेहवा में गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के महान शासक मिहिर भोज का अश्व केंद्र था,यंहा घोडो का व्यापार होता था। उन्हे भोज देव भी कहा गया है। पेहवा से गुर्जर प्रतिहार शासक मिहिर भोज का एक अभिलेख भी प्राप्त हुआ है।

आवागमन

  • वायु मार्ग - पिहोवा के सबसे नजदीक चण्डीगढ़ तथा दिल्ली हवाई अड्डा है। चण्डीगढ़, दिल्ली से पर्यटक कार, बस और टैक्सी द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152 द्वारा आसानी से पिहोवा तक पहुंच सकते हैं।
  • रेल मार्ग - रेलमार्ग से पिहोवा पहुंचने के लिए पर्यटकों को पहले कुरूक्षेत्र या अम्बाला आना पड़ता है।
  • सड़क मार्ग - दिल्ली से पर्यटक कार, बस और टैक्सी द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152 द्वारा कुरुक्षेत्र तक, तदोपरांत पिहोवा तक पहुंच सकते हैं। चण्डीगढ़ से राष्ट्रीय राजमार्ग 65 से सीधा पिहोवा तक पहुंच सकते हैं। पंजाब में पटियाला से भी सड़क मार्ग द्वारा पिहोवा तक आ सकते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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