नरेन्द्र मोदी सरकार की विदेश नीति

नरेन्द्र मोदी सरकार की विदेश नीति को मोदी सिद्धान्त भी कहते हैं। २६ मई, २०१४ को सत्ता में आने के तुरन्त बाद से ही मोदी सरकार ने अन्य देशों के साथ सम्बन्धों को नया आयाम देने की दिशा में कार्य करना आरम्भ कर दिया।

श्रीमती सुषमा स्वराज भारत की विदेश मंत्री थी । दक्षिण एशिया के अपने पड़ोसियों से सम्बन्ध सुधारना मोदी की विदेश नीति के केन्द्र में है। इसके लिए उन्होने १०० दिन के अन्दर ही भूटान, नेपाल, जापान की यात्रा की। इसके बाद अमेरिका, म्यांमार, आस्ट्रेलिया और फिजी की यात्रा की।

श्रीमती सुषमा स्वराज ने भी बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, सिंगापुर, वियतनाम, बहरीन, अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, यूएसए, यूके, मॉरीसस, मालदीव, यूएईदक्षिण कोरिया, चीन, ओमान, और श्रीलंका की यात्रा की है।

अब माना जाने लगा है कि नरेन्द्र मोदी ने विश्व के बारे में भारत की सोच में आमूल परिवर्तन कर दिया है। [1]

९वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं के साथ मोदी
नरेन्द्र मोदी का 'विदेश नीति दल'
सुषमा स्वराज
परराष्ट्र मन्त्री
वीके सिंह
Minister of State for External Affairs
विजय गोखले
विदेश सचिव
अजीत डोभाल
National Security Advisor

प्रमुख पहल

जुलाई २०१७ में जी-२० हैम्बर्ग शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति ड्नाल्ड ट्रम्प के साथ नरेन्द्र मोदी

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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