दैनिक भास्कर
दैनिक भास्कर भारत का एक प्रमुख दैनिक हिंदी समाचारपत्र है। भारत के 12 राज्यों (व संघ-क्षेत्रों) में इसके 65 संस्करण प्रकाशित हो रहे हैं।[1]भास्कर समूह के प्रकाशनों में दिव्य भास्कर (गुजराती) और डीएनए (अंग्रेजी) और पत्रिका अहा ज़िंदगी भी शामिल हैं। 2015 में यह देश का सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला समाचार-पत्र बना। वर्ष 2021 में पत्र द्वारा कोरोनावायरस महामारी पर लेख प्रकाशित करने के कारण इसे सरकारी छापे का सामना करना पड़ा।[2]
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प्रकार | दैनिक समाचारपत्र |
संस्थापना | 1956 |
भाषा | हिन्दी |
वितरण | 29,63,407 दैनिक |
जालपृष्ठ | आधिकारिक जालस्थल |
में दैनिक भास्कर ने अपना पहला समाचार-पत्र को भोपाल में प्रकाशित किया। परंतु उस समय इसका नाम सुबह सवेरे रखा गया था। वर्ष १९५७ में ग्वालियर में अग्रेजी नाम गुड मॉर्निंग इंडिया से प्रकाशित किया। एक वर्ष पश्चात वर्ष १९५८ में पुनः नाम परिवर्तित कर इसे भास्कर समाचार रख दिया गया। वर्ष 2010 में इसका नाम पुनः परिवर्तित कर दैनिक भास्कर रखा गया, जो वर्तमान में भी है। उस समय से अब तक यह भारत का शीर्ष एक दैनिक समाचार-पत्र है।
1995 को यह मध्य प्रदेश का शीर्ष समाचार पत्र बन गया। इसके बाद हुए पाठकों में सर्वेक्षण के पश्चात इसे सबसे अधिक बढ़ता हुआ दैनिक समाचार-पत्र कहा गया। इसके बाद इसने निर्णय लिया की मध्य प्रदेश के बाहर भी इसका प्रसार करना चाहिए। इसके लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर को उपयुक्त समझा गया।
1996 में इसने जयपुर में समाचार पत्र शुरू किया। यहाँ उसने एक ही दिन में 50,000 प्रतियाँ बेच कर दूसरा स्थान प्राप्त किया। इसके लिए 2,00,000 समाचार पत्र लेने वाले परिवारों के मध्य सर्वेक्षण कराया। यह कार्य 700 सर्वेक्षक द्वारा किया गया था। उसके बाद इसने एक उदाहरण के लिए समाचार पत्र दिया और आगे के लिए केवल 1.50 रुपये लिए। जबकि इसके लिए 2 रुपये होता था। इसके बाद दैनिक भास्कर ने मध्य प्रदेश के बाहर पहली बार 19 दिसम्बर 1996 में समाचार-पत्र प्रकाशित किया। इस दिन 1,72,347 प्रतियाँ बेचकर यह इससे पहले शीर्ष पर रहे राजस्थान पत्रिका को पीछे छोड़कर पहले स्थान पर आ गया। इसके बाद 1999 में यह राजस्थान में पहले स्थान पर आ गया।
इसके बाद यह चंडीगढ़ में समाचार पत्र प्रकाशित करने के बारे में सोचा। यहाँ हिन्दी समाचार-पत्र की तुलना में अंग्रेज़ी समाचार-पत्र 6 गुणा अधिक बिकता था। इसने सर्वेक्षण का कार्य जनवरी 2000 में शुरू किया। इसने कुल 2,20,000 घरों में जाकर यह कार्य किया। इसके बाद सर्वेक्षण से यह पता लगा, कि वहाँ अंग्रेज़ी समाचार-पत्र को उसके गुणवत्ता के कारण लिया जाता था। इसके बाद इसने अपने कागज आदि की गुणवत्ता को और सुधारा। इसने हिन्दी के साथ साथ अंग्रेज़ी को मिलाकर मई 2000 में अपना प्रकाशन शुरू किया। यहाँ शीर्ष पर रहे अंग्रेज़ी समाचार-पत्र द ट्रीबिउन, जिसकी 50,000 प्रतियाँ बिकती थी। उसे पीछे छोड़ कर 69,000 प्रतियाँ बेची और प्रथम स्थान प्राप्त किया।
से लेकर 2015 तक केवल अंग्रेज़ी समाचार-पत्र ही देश में सबसे अधिक पढ़े जाने वाले समाचार-पत्र होते थे। 2015 में पहली बार दैनिक भास्कर देश का सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला समाचार-पत्र बना।
प्रकाशन स्थल
यह समाचार पत्र निम्नलिखित राज्यों व संघ-क्षेत्रों से प्रकाशित होता है : [3]
पत्रिकाएँ
इस समाचार पत्र के साथ कई पत्रिकाएँ भी होती है। जैसे रसरंग, नवरंग आदि। इसमें कुछ ऐच्छिक भी हैं। जैसे बाल भास्कर आदि।
यह दैनिक भास्कर के साथ मिलने वाली एक साप्ताहिक पत्रिका है। यह हर बुधवार को प्रकाशित होती है। इसमें लघुकथा, मुस्कुराहट, चर्चित शब्द, अपनी हिंदी, मंजूषा आदि अनुभाग होते हैं।
एक ऐच्छिक बाल पत्रिका है, जो दो सप्ताह में एक बार शुक्रवार के दिन आती है।
अन्य
समाचार पत्रों के अलावा यह यह 17 रेडियो चैनल संचालित करता है। इसके अलावा इसके जालस्थल भी चार भाषाओं में उपलब्ध है। इन सभी को मिला कर इसके पास 50 करोड़ बार इस जालस्थल को देखा जाता है। इसमें 1 करोड़ 20 लाख नए लोग आते हैं।
ऑनलाइन संस्करण
एलेक्सा के अनुसार, वेबसाइट bhaskar.com भारत की 93 वीं सबसे लोकप्रिय वेबसाइट है।[4]