ज्वालामुखी विवर

ज्वालामुखीय विवर, किसी ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण भूमि पर बना एक गोलाकार गड्ढा होता है। आम तौर से इस गड्ढे का फर्श समतल होता है और उसमें एक छिद्र से पिघले पत्थर, गैस और अन्य ज्वालामुखीय पदार्थ निकलते हैं। कई बार ज्वालामुखी के अन्दर लावा से भरी हुई गुफा ख़ाली हो जाने से उसकी छत बैठ जाती है और एक विवर-नुमा गड्ढा बना देती है, पर यह विवर नहीं बल्कि एक ज्वालामुखीय कुण्ड कहलाता है।

अफ़्रीका के माउण्ट कैमरून पर ज्वालामुखीय विवर
कोस्ता रीका के वोल्कान इरासू नाम के ज्वालामुखी का ज्वालामुखीय विवर

एक ज्वालामुखी विवर ज्वालामुखीय वेंट के चारों ओर एक गोलाकार अवसाद है। यह वह स्थान है जहाँ लावा, राख और चट्टान ज्वालामुखी से निकलती है। अधिकांश स्थितियों में, ज्वालामुखीय विवर ज्वालामुखी के शीर्ष पर स्थित होता है।[1]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

🔥 Top keywords: क्लियोपाट्रा ७ईद अल-अज़हानिर्जला एकादशीमुखपृष्ठविशेष:खोजभारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशभारत का केन्द्रीय मंत्रिमण्डलभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीकबीरॐ नमः शिवायप्रेमचंदतुलसीदासमौसमचिराग पासवानमहादेवी वर्मासुभाष चन्द्र बोसलोकसभा अध्यक्षखाटूश्यामजीभारतीय आम चुनाव, 2019हिन्दी की गिनतीनरेन्द्र मोदीभारत का संविधानइंस्टाग्राममुर्लिकांत पेटकररासायनिक तत्वों की सूचीसूरदासश्री संकटनाशनं गणेश स्तोत्रप्रेमानंद महाराजभारतीय आम चुनाव, 2024महात्मा गांधीभारतहनुमान चालीसाश्रीमद्भगवद्गीताभारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूचीभीमराव आम्बेडकररानी लक्ष्मीबाईसंज्ञा और उसके भेदउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूचीगायत्री मन्त्र