जिब्राल्टर जलसन्धि
जिब्राल्टर जलसन्धि पूर्व में भूमध्य सागर को पश्चिम में अटलांटिक महासागर से जोड़ती है। इसके उत्तर में यूरोप के स्पेन और जिब्राल्टर क्षेत्र हैं जबकि दक्षिण में उत्तरी अफ़्रीका के मरोक्को और सेउटा क्षेत्र हैं। अपने सबसे क़रीबी बिन्दु पर यूरोप और अफ़्रीका के महाद्वीपों में केवल 14.3 किमी की ही दूरी है। क्योंकि यह भूमध्य सागर और अटलांटिक महासागर के बीच में यातायात का एक सिकुड़ा हुआ बिन्दु है इसलिये इस जलसन्धि पर क़ब्ज़ा करना ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है। मध्यकाल के आरम्भ में उत्तर अफ़्रीका से आए अरबों ने इस जलसंधि को लांघकर स्पेन पर क़ब्ज़ा किया था और स्पेनियों ने कई सौ वर्ष बाद उन्हें जलसंधि के पार खदेड़कर अपना साम्राज्य फिर स्थापित किया था।
जिब्राल्टर जलसन्धि Strait of Gibraltar | |
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तटवर्ती क्षेत्र | मोरक्को स्पेन |
अधिकतम चौड़ाई | 14.3 कि॰मी॰ (47,000 फीट) |
औसत गहराई | 300 मी॰ (980 फीट) से 900 मी॰ (3,000 फीट) |
भौगोलिक इतिहास व भविष्य
आज से 59 लाख वर्ष पूर्व जिब्राल्टर जलसन्धि धीरे-धीरे बन्द हो गई और भूमध्य सागर और अटलांटिक का सम्पर्क टूट गया। समय के साथ भूमध्य सागर सूखता गया और इसके पानी में नमक का संकेंद्रण (कोन्सन्ट्रेशन) बढ़ता गया। अनुमान लगाया जाता है कि यदि आज जिब्राल्टर जलसन्धि बन्द हो जाए तो 1000 वर्षों में भूमध्य सागर का अधिकतर पानी सूख जाएगा और यह एक फैली हुई नमक से भरी द्रोणी बन जाएगी। आज से लगभग 53.3 लाख सालों पहले जलसन्धि खुलने लगी। यह पहले तो रुक-रुक के हुआ लेकिन फिर जलसन्धि पूरी तरह खुल गई। इस से अटलांटिक महासागर का पानी भयंकर बहाव से भूमध्य सागर में गिरने लगा। अनुमान लगाया जाता है कि भूमध्य सागर को पूरी तरह भरने में कुछ महीनो से लेकर 2 वर्षों तक का समय लगा।[1][2] भूमध्य सागर का फ़र्श अटलांटिक से लगभग 1 किमी नीचे है और इस प्रवाह में आधुनिक अमेज़न नदी से 1000 गुना अधिक प्रतिसैकिंड की जलमात्रा दहाड़ती हुई भूमध्य सागर में गिरी होगी।[1]
भविष्य में अफ़्रीका और यूरोप की लगातार कम होती दूरी से आज से लाखों वर्ष बाद यह जलसन्धि फिर से बन्द हो जाएगी और भूमध्य सागर में शुष्किकरण फिर होने लगेगा।