जहाँगीर

चतुर्थ मुग़ल बादशाह

जहाँगीर अकबर के जेष्ठ पुत्र थे। मुराद और दानियाल उनके छोटे भाई थे। मुराद और दानियाल पिता के जीवन में शराब पीने की वजह से मर चुके थे। जहांगीर का प्रथम विवाह 1585 ई. में मानबाई से हुआ जो आमेर के राजा भगवानदास की पुत्री व मान सिंह की बहन थी। इसके बाद उनका दूसरा विवाह मारवाड़ के राजा उदयसिंह की पुत्री जगतगोसाई से हुआ। सलीम अकबर की मृत्यु के पश्चात नूरुद्दीन मोहम्मद जहांगीर के उपनाम से मुग़ल बादशाह बने। 1605 ई. में कई उपयोगी सुधार लागू किए। कान और नाक और हाथ आदि काटने की सजा रद्द कीं। शराब और अन्य नशा हमलावर वस्तुओं का हकमा बंद। कई अवैध महसूलात हटा दिए। प्रमुख दिनों में जानवरों का ज़बीहह बंद. फ़्रीआदीं की दाद रस्सी के लिए अपने महल की दीवार से जंजीर लटका दी। जिसे जंजीर संतुलन कहा जाता था।[1]1605 ई. में उसके सबसे बड़े बेटे ख़ुसरो ने विद्रोह कर दिया। और आगरे से निकलकर पंजाब तक जा पहुंचा। जहांगीर ने उसे हराया। सिखों के 5वें गुरु अर्जुन देव, जो ख़ुसरो की मदद कर रहे थे, को फांसी दे दी गयी। 1614 ई. में राजकुमार खुर्रम शाहजहां ने मेवाड़ के राणा अमर सिंह को हराया। 1620 ई. में कानगड़ह स्वयं जहांगीर ने जीत लिया। 1622 ई. में कंधार क्षेत्र हाथ से निकल गया। जहांगीर ही समय में अंग्रेज सर 'टामस रो' राजदूत द्वारा, पहली बार भारतीय व्यापारिक अधिकार करने के इरादे से आया। 1623 ई. में खुर्रम ने विद्रोह कर दिया। क्योंकि नूरजहाँ अपने दामाद शहरयार को वली अहद बनाने की कोशिश कर रही थी। अंत 1625 ई. में बाप और बेटे में सुलह हो गई।[2]

सलीम जहाँगीर
मुगल सम्राट
शासनावधि3 नवंबर 1605 - 28 अक्टूबर 1627
(21 साल, 359 दिन)
राज्याभिषेक24 नवंबर 1605, आगरा
पूर्ववर्तीअकबर
उत्तरवर्तीशाहजहाँ
जन्मसलीम
31 अगस्त 1569
फ़तेहपुर सीकरी में शेख सलीम चिश्ती की कुटिया में हुआ
निधन28 अक्टूबर 1627(1627-10-28) (उम्र 58)
चिंगारी सिरी
समाधि
जहाँगीर का मकबरा, शाहदरा लाहौर,
जीवनसंगीनूर जहाँ

मभांवती बाई (शाह बेगम)
जगत गोसाई
साहिब जमाल
मलिका जहाँ
नूरुन्निसा बेगम
ख़ास महल
कर्मसी

सालिहा बानो बेगम (पादशाह बेगम)
संताननिसार बेगम
खुसरौ मिर्ज़ा
परवेज़
बहार बनू बगुम
शाह जहाँ
शहरयार
जहाँदार
घरानातिमुरिड
राजवंश मुग़ल
पिताअकबर
मातामरियम उज़-ज़मानी
धर्मइस्लाम

सम्राट जहांगीर अपनी आत्मकथा 'तुजुक-ए-जहाँगीरी'में लिखते हैं कि गुलाब से इत्र निकलने की विधि नूरजहां बेगम की मां (अस्मत बेगम) ने आविष्कार किया था। जहांगीर चित्रकारी और कला का बहुत शौकीन था। उसने अपने हालात एक किताब तज्जुके जहांगीर में लिखे हैं। उसे शिकार से भी प्रेरित थी।अफीम और शराब के जादा सेवन के कारण अंतिम दिनों में बीमार रहता था। 28 अक्टूबर 1627 ई. में कश्मीर से वापस आते समय रास्ते में ही भीमवार नामक स्थान पर निधन हो गया। लाहौर के पास शहादरा में रावी नदी के किनारे दफनाया गया। जहांगीर के समय को चित्रकला का स्वर्णकाल कहा जाता है।

जहाँगीर
जन्म: 31 अगस्त 1569 मृत्यु: 28 अक्टूबर 1627
राजसी उपाधियाँ
पूर्वाधिकारी
अकबर
मुगल सम्राट
1605-1627
उत्तराधिकारी
शाहजहां

मुग़ल सम्राटों का कालक्रम

बहादुर शाह द्वितीयअकबर शाह द्वितीयअली गौहरमुही-उल-मिल्लतअज़ीज़ुद्दीनअहमद शाह बहादुररोशन अख्तर बहादुररफी उद-दौलतरफी उल-दर्जतफर्रुख्शियारजहांदार शाहबहादुर शाह प्रथमऔरंगज़ेबशाह जहाँजहांगीरअकबरइस्लाम शाह सूरीशेर शाह सूरीबाबर



सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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