गोपालगंज

गोपालगंज (Gopalganj) भारत के बिहार राज्य के गोपालगंज ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]

गोपालगंज
गोपालगंज शेरों का शहर
गोपालगंज
थावे मंदिर, गोपालगंज
थावे मंदिर, गोपालगंज
गोपालगंज is located in बिहार
गोपालगंज
गोपालगंज
बिहार में स्थिति
निर्देशांक: 26°28′N 84°26′E / 26.47°N 84.43°E / 26.47; 84.43 84°26′E / 26.47°N 84.43°E / 26.47; 84.43
ज़िलागोपालगंज ज़िला
प्रान्तबिहार
देश भारत
जनसंख्या (2011)
 • कुल2,562,012
भाषा
 • प्रचलितहिन्दी, भोजपुरी अँग्रेजी

विवरण

गोपालगंज सारन प्रमंडल अंतर्गत एक शहर एवं जिला है। गंडक नदी के पश्चिमी तट पर बसा यह भोजपुरी भाषी जिला ईंख उत्पादन के लिए जाना जाता है। प्रबुद्ध खबर यूट्यूब चैनल गोपालगंज की आवाज है! मध्यकाल में चेरों राजाओं तथा अंग्रेजों के समय यह हथुवा राज का केंद्र रहा है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख, बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री एवं भूतपूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद का गृह जिला है। थावे दुर्गा मंदिर , नेचुआ जलालपुर दुर्गा मंदिर, रामबृक्ष धाम,बुद्ध मंदिर, बेलवनवा हनुमान मंदिर,दिधवादुबौली सिंहासनी मंदिर,बहुरहवा शिव धाम(हथुआ),पुरानी किला(हथुआ),गोपाल मंदिर(हथुआ) प्रमुख दर्शनीय स्थल है। गोपालगंज उत्तर बिहार का अंतिम जिला है जो उत्तर प्रदेश के सीमा के समीप है। गोपालगंज मेंं 14 प्रखण्ड एव 234 पंचायत है ।

इतिहास

वैदिक स्रोतों के मुताबिक आर्यों की विदेह शाखा ने अग्नि के संरक्षण में सरस्वती तट से पूरब में सदानीरा (गंडक) की ओर प्रस्थान किया। अग्नि ने उन्हे गंडक के पास अपने राज्य की स्थापना के लिए कहा जो विदेह कहलाया। आर्यों की एक शाखा सारन में बस गया। महाजनपद काल में यह प्रदेश कोशल गणराज्य का अंग बना। इसके पश्चात यह शक्तिशाली मगध के मौर्य, कण्व और गुप्त शासकों के महान साम्राज्य का हिस्सा रहा। सारन में मिले साक्ष्य यह साबित करते हैं कि लगभग ३००० ईसा पूर्व में भी इस हिस्से में आबादी कायम थी। संभव है कि आर्यों के यहाँ आनेपर सत्ता संघर्ष हुआ हो। इस्वी के शुरूआत से इ क्षेत्र के राजा बघोचिया भूमिहार रहलन, जिनकर साम्राज्य (बघोच साम्राज्य) पूर्वांचल समेत आज के छपरा, सिवान आउर गोपालगंज जिले पर कायम रहे। बघोच साम्राज्य का बाद कल्याण पुर राज भइल, ओकरा बाद हुस्सेपुर राज्य कायम भइल। ऐजा के लोग आपन लगान इहे राजा के देहत रहे। ओकरा बाद अंगरेजन के अइला का बाद एजा के 99 वीं पीढी के राजा फतेह बहादुर शाही सन 1767 इस्वी में अंग्रेजन से लड़ गऐलन आउर तत्कालीन हुस्सेपुर राज्य के पतन हो गइल। बाद में ऊहे राजपरिवार के लोग हथुआ आउर तमकुही नाम के दू गो अलग-अलग राज बनवले जवन अभी तक कायम बा। शोरे के व्यापार के चलते सबसे पहले डचों का यहाँ आगमन हुआ लेकिन बक्सर युद्ध के बाद १७६५ में अंग्रेजों ने यहाँ अपना आधिपत्य कायम कर लिया। स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान गोपालगंज की भूमि आजादी की माँग के नारों के बीच उथल-पुथल भरा रहा। २ अक्टुबर १९७२ को यह सारन से अलग स्वतंत्र जिला बना।

भूगोल

गोपालगंज जिले का विस्तार २५ १२ से २६३९ उत्तरी अक्षांश तथा ८३५४ से ८४५५ पूर्वी देशांतर के बीच है। गोपालगंज जिला के उत्तर में पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारन, दक्षिण में सिवान एवं छपरा, पूर्व में मुजफ्फरपुर एवं पूर्वी चंपारन तथा पश्चिम में उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिला है। कुल क्षेत्रफल २०३३ वर्ग किलोमीटर है जहाँ लगभग २२ लाख लोग रहते हैं। गोपालगंज, बरौली, सिधवलिया, मीरगंज, भोरे , कटेया, सासामुसा एवं विजयीपुर यहाँ का मुख्य शहरी अधिवास है।

  • नदियाँ - गंडक, झरही, दाहा, खनुआ, तथा सारन

जनसांख्यिकी

२०११ जनगणना के अनुसार -

  • कुल जनसंख्या- 2,562,012
  • स्त्री-पुरुष अनुपात- 1021 / 1000
  • ग्रामीण जनसंख्या- 93.65%
  • शहरी जनसंख्या- 6.35%

प्रशासनिक विभाजन

  • अनुमंडल - गोपालगंज एवं हथुआ
  • प्रखंड - गोपालगंज, भोरे, माझा, उचकागाँव, कुचायकोट, कटेया, विजयपुर, बरौली, हथुआ, बैकुंठपुर, फुलवरिया, थावे, पंचदेवरी, एवं सिधवलिया

कृषि एवं उद्योग

गोपालगंज जिला एक समतल एवं उपजाऊ भूक्षेत्र है। गंडक नहर एवं इससे निकलने वाली वितरिकाएँ सिंचाई का मुख्य स्रोत है। चावल, गेहूँ, ईंख तथा मूंगफली जिले की प्रमुख फसलें हैं। चावल एवं रोटी ही लोगों का मुख्य भोजन है। गोपालगंज में कृषि आधरित उद्योग विकसित हुए हैं जिसमे चीनी मिल तथा दाल मिल के अलावे कुटीर उद्योग प्रमुख है। वर्तमान में ५ बड़े तथा ३० लघु उद्योग इकाईयाँ कार्यरत हैं।[3] गोपालगंज, सिधवलिया, सासामुसा एवं हथुवा प्रमुख औद्योगिक केंद्र है।

शिक्षा

  • प्राथमिक विद्यालय- 290
  • माध्यमिक विद्यालय- 100
  • उच्चतर माध्यमिक विद्यालय- 8
  • डिग्री महाविद्यालय:- सभी 5 अंगीभूत महाविद्यालय जय प्रकाश नारायण विश्वविद्यालय के अंतर्गत आते हैं।
  • व्यवसायिक शिक्षा:- पॉलिटेक्निक कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र, एक्युप्रेशर काउंसिल, सैनिक स्कूल

पर्यटन स्थल

  • थावे: गोपालगंज में थावे स्थित हथुवा राजा द्वारा बनवाया गया दुर्गा मन्दिर सबसे महत्वपूर्ण स्थल है। जिला मुख्यालय से इसकी दूरी मात्र ५ किमी है। चैत्र महीने में यहाँ विशाल मेला लगता है। मंदिर के पास ही देखने योग्य एक विशाल पेड़ है जिसका वानस्पतिक वर्गीकरण नहीं किया जा सका है। मन्दिर की मूर्ति एवं विशाल पेड़ के बारे में कई कहानियाँ प्रचलित है।
  • दिघवा दुबौली: गोपालगंज से ४० किलोमीटर दक्षिण-पूरब तथा छपरा मशरख रेल लाईन पर ५६ किलोमीटर उत्तर में दिघवा-दुबौली एक गाँव है जहाँ पिरामिड के आकार के दो टीले हैं ऐसा विश्वास किया जाता है कि ये टीले यहाँ शासन कर रहे चेरों राजा द्वारा बनवाए गए थे
  • हुसेपुर: गोपालगंज से २४ किलोमीटर उत्तर-पचिम में झरनी नदी के किनारे हथवा महाराजा का बनवाया किला अब खंडहर की अवस्था में है। यह गाँव पहले हथुवा नरेश की गतिविधियों का केंद्र था। किले के चारों तरफ बने खड्ड अब भर चुके हैं। किले के सामने बने टीला हथुवा राजा की पत्नी द्वारा सती होने का गवाह है।
  • लकड़ी दरगाह: पटना के मुस्लिम संत शाह अर्जन के दरगाह पर लकड़ी की बहुत अच्छी कासीगरी की गयी है। रब्बी-उस-सानी के ११ वें दिन होनेवाले उर्स पर यहाँ भाड़ी मेला लगता है। कहा जाता है कि इस स्थान की शांति के चलते शाह अर्जन बस गए थे और उन्होंने ४० दिनों तक यहाँ चिल्ला किया था। * कुचायकोट गोपालगंज जिला का सबसे बडा प्रखण्ड है। कुचायकोट प्रखण्ड में बेलवनवा हनुमान मन्दिर, नेचुआ जलालपुर रामबृक्ष धाम ,बुद्ध मंदिर,दुर्गा मंंदिर, कुचायकोट बंगलामुखी माँ मन्दिर,सूर्य मंदिर, बंगरा शिवं मंंदिर प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
  • भोरे गोपाल गंज जिला का एक प्रखण्ड है। भोरे से 2 किलोमीटर दक्षिण में शिवाला और रामगढ़वा डीह स्थित है। शिवाला में शिव का मंदिर व पोखरा है। रामगढ़वा डीह के बारे में यह मान्य़ता है कि यहाँ महाभारत काल के राजा भुरिश्वा की राजधानी थी। इस स्थान पर आज भी महलों के खण्डहरों के भग्नावशेष मिलते हैं तथा प्राचीन वस्तुएँ खुदाई के दौरान निकलती हैं। महाराज भुरिश्वा महाभारत के युद्ध में कौरवों के चौदहवें सेनापति थे। महाराज भुरिश्वा के नाम पर ही इस जगह का नाम भोरे पड़ गया।
  • हथुआ: यह गोपालगंज जिले का एक अनुमंडल हैं. बीच हथुआ में स्थित गोपालमंदिर हैं जहा पर एक पोखरा और संगीत महाविद्यालय हैं और एक मैरिज हॉल भी हैं। यह गोपालमंडिर शाम 4 बजे खुलता हैं। यहां पर कई सारे महाविद्यालय तथा प्राथमिक विद्यालय एवं माध्यमिक विद्यालय भी है। यहां पर गोपेश्वर महाविद्यालय सैनिक स्कूल तथा डॉ राजेंद्र प्रसाद हाई स्कूल+2 तथा इंपीरियल स्कूल भी है जो कि हथुआ के राजा का है है जोकि अत्यंत ही पर्यटन स्थान है। यहां पर गली मंडी के आगे एक पुराने किला भी है जोकि अत्यंत खूबसूरत जगह है। यहां पर एक बोरावा शिव धाम जो की बड़ा कोईरोली में स्थित है। यहां पर एक और धाम है जिसका नाम है बेलवती धाम है जोकि महाइचा में स्थित है यह अत्यंत ही खूबसूरत पर्यटन स्थान है यहां पर अनेक देवी देवताओं के मंदिर तथा उनकी खूबसूरत मूर्तियां हैं। तथा यहां पर एक हथवा पैलेस भी है जिसमें 300 के आसपास रूम है जोकि अत्यंत खूबसूरत एवं पर्यटन का स्थान है।

यातायात एवं संचार व्यवस्था

सड़क मार्ग

गोपालगंज जिले से वर्तमान में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग तथा दो राजकीय राजमार्ग गुजरती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 85 छपरा से सिवान होते हुए गोपालगंज जाती है। लखनऊ से शुरू होनेवाली राष्ट्रीय राजमार्ग 27 जिले से गुजरते हुए मुजफ्फरपुर और बरौनी जाती है। राजकीय राजमार्ग संख्या ४५, ४७, ५३ तथा ९० की कुल लंबाई ५२ किलोमीटर है।[4] सार्वजनिक यातायात मुख्यतः निजी बसों, ऑटोरिक्शा और निजी वाहनों पर आश्रित है।

रेल मार्ग

दिल्ली-गुवाहाटी रेलमार्ग से हटकर छपरा से कप्तानगंज के लिए जानेवाली रेललाईन पर गोपालगंज एक महत्वपूर्ण जंक्शन है। यह पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर मंडल में पड़ता है। जिले में थावे एक महत्वपूर्ण रेल जंक्शन है। थावे से सिवान के बीच बड़ी लाईन मौजूद है जो गोरखपुर जाती है। हथुआ से फुलवरिया एक नई रेल लाइन की शुरुआत हुई है। यहाँ से सिवान, छपरा, भटनी, वाराणसी (बनारस), गोरखपुर तक की रेलवे सेवा है।;वायु मार्ग: गोपालगंज का नजदीकी हवाई अड्डा सबेया (हथुआ) में है, लेकिन यहाँ से विमान सेवाएँ उपलब्ध नहीं है। राज्य की राजधानी पटना में जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र नागरिक हवाई अड्डा है जहाँ से दिल्‍ली, कोलकाता, राँची आदि शहरों के लिए इंडियन, स्पाइस जेट, किंगफिसर, जेटलाइट, इंडिगो आदि विमान सेवाएँ उपलब्ध हैं। गोपालगंज से छपरा पहुँचकर राष्ट्रीय राजमार्ग 19 द्वारा २१५ किलोमीटर दूर पटना हवाई अड्डा जाया जाता है। एक और नजदीकी हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में है, जो जिला मुख्यालय से लगभग १२० कि॰मी॰ है।

डाक सेवा

गोपालगंज में 41 डाकघर तथा 11 टेलिग्राफ केंद्र है जहाँ से सभी प्रकार की डाक सेवाएँ उपलब्ध हैं।

बैंकिंग सेवा

गोपालगंज में 8 राष्ट्रीयकृत तथा २ सहकारी बैक है। भारतीय स्टेट बैंक तथा केनरा बैंक, पंजाब नैशनल बैंक एटीएम,द गोपालगंज सेन्ट्रल कोऑपरेटिव बैंक,एचडीएफसी बैंक,तथा युको बैंक के एटीएम है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

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