गैल्वानी सेल
गैल्वानी सेल (galvanic cell) या वोल्टाई सेल (voltaic cell) एक विद्युतरासायनिक युक्ति है अपने अन्दर होने वाली रेडॉक्स अभिक्रिया के फलस्वरूप विद्युत ऊर्जा प्रदान करता है। इसके ये नाम क्रमशः लुइगी गैल्वानी तथा एलेसान्द्रो वोल्टा के नाम पर रखे गये हैं जिन्होने इस क्षेत्र में सबसे पहले काम किया। सेल के अन्दर दो भिन्न धातुएँ होतीं हैं जो एक लवण-सेतु (साल्ट ब्रिज) के माध्यम से जुड़ी होतीं हैं।
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/e/e3/Galvanic_Cell-hi.svg/300px-Galvanic_Cell-hi.svg.png)
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/c/c4/Electric_batteries.jpg/300px-Electric_batteries.jpg)
वोल्टा ने वोल्टाई पाइल (voltaic pile) का आविष्कार किया जो प्रथम विद्युत बैटरी थी। साधारण प्रयोग में बैटरी एक सेल को भी बैटरी कह दिया जाता है किन्तु बैटरी का वास्तविक अर्थ 'एक से अधिक सेलों का संयोजन' है।[1]This cell is also called 'syed' or 'galloesa'.
गैल्वेनिक सेल :- इस सेल में रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है इसने सतत् रेडॉक्स अभिक्रियाओं के कारण विद्युत धारा उत्पन्न होती हैं
उदाहरण :- डेनियल सेल, लेड-अम्ल बैटरी ( निरावेशन या प्रयोग के साथ आवेशित हो सकने वाली )!
सन्दर्भ
जिस सेल से वैधुत ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है उसे गैल्वैनी सेल कहते हैं।[[गैल्वैनी सेल में रासायनिक ऊर्जा का वैधुत ऊर्जा में परिवर्तन होता है। इस सेल का आविष्कार सन 1799 ईस्वी में इन जिलों बोल्ट ने किया।