कातांगा प्रान्त

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में शहर
कातांगा प्रान्त
Katanga Province
मानचित्र जिसमें कातांगा प्रान्त Katanga Province हाइलाइटेड है
सूचना
राजधानी :लुबुमबाशी
क्षेत्रफल :४,९६,८७१ किमी²
जनसंख्या(२०१०):
 • घनत्व :
५६,०८,६८३
 ११/किमी²
उपविभागों के नाम:-
उपविभागों की संख्या:-
मुख्य भाषा(एँ):स्वाहीली, फ़्रान्सीसी


कातांगा प्रान्त (फ़्रान्सीसीअंग्रेज़ी: Katanga) अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के दक्षिण-पूर्व हिस्से में स्थित एक प्रान्त है।[1] इसके उत्तर में कासाइ-पश्चिमी, कासाइ-पूर्वी, मानिएमा और दक्षिण कीवू प्रान्त, पूर्व में तांगान्यीका झील (जिसके पार तान्ज़ानिया है), दक्षिण-पूर्व व दक्षिण में ज़ाम्बिया और पश्चिम में अंगोला हैं।

भूतपूर्व नाम

१९७१ से १९९७ तक, जब देश का नाम ज़ाईर था और उस पर मोबूटू सेसे सेको नामक तानाशाह का राज था, इस प्रान्त को 'शाबा प्रान्त' कहा जाता था। इस से भी पहले, कांगो पर बेल्जियम के राज के दौरान, इसका नाम 'एलिज़ाबेथविल' था, जिस नाम के साथ एक नगर की स्थापना १९१० ई. में हुई। इस शहर का नाम बदलकर 'लुबुमबाशी' कर दिया गया और अब यह यहाँ की राजधानी है।

विवरण

कातांगा का एक बड़ा भूभाग पठारी है जहाँ से मांगों नदी निकलकर पश्चिम में अंधमहासागर में गिरती है। इस पठार की औसत ऊँचाई ३,००० फुट है। कांगों और ज़ैंबेज़ी नदियों के जलविभाजक के रूप में यह पठारी भाग पैलियोज़ोइक चट्टानों द्वारा निर्मित है। प्रान्त के पठारी क्षेत्र में मवेशी-पालन और कृषि चलती है। कातांगा की जलवायु दक्षिण अफ्रीका की तरह है जिससे यहाँ की भौतिक परिस्थितियाँ मोटे अनाजों के उत्पादन और पशुपालन के लिए अनुकूल हैं। कांगों के अतिरिक्त बुकामा और लुआलाबा मुख्य नदियाँ हैं जिनसे यातायात होता है।[2]

खनिज व अन्य उद्योग

कातांगा प्रान्त के पूर्वी भाग में कई मूल्यवान खनिजों का उत्पादन होता है, जिनमें ताम्बा, हीरा, यूरेनियम, रेडियम, टीन और कोबॉल्ट शामिल हैं। कातांगा प्रदेश विश्व का प्रमुख यूरेनियम उत्पादक क्षेत्र है जहाँ चिंकोलोबी नामक खान से पर्याप्त मात्रा में यूरेनियम निकाला जाता है। कातांगा तथा ज़िम्बाब्वे के मध्य भाग में ताँबे का ११,५०,००,००० टन से भी अधिक भंडार है। इसके उत्पादन का महत्व विगत से, रेलों के निर्माण के कारण, अधिक बढ़ गया है।[2] लुबुमबाशी में ताम्रशोधक कारख़ाने हैं जहाँ ताँबा साफ किया जाता है। इसके अतिरिक्त ज़ेदोतविल, बुकाम और तेन्के मुख्य औद्योगिक नगर हैं। मोपरी झील के पास टिन का उत्पादन होता है। इनके अतिरिक्त पठारी ऊँची-नीची भूमि होने के कारण यहाँ जलविद्युत्‌ उत्पादन के लिए भी परिस्थितियाँ अनुकूल हैं और चूट्स कार्नेट में पर्याप्त मात्रा में जलविद्युत्‌ पैदा की जाती है। ज़िम्बाब्वे व ज़ाम्बिया को भी यहाँ से विद्युत्‌ आपूर्ति की जाती है।

अविकास

खनिज-धन के बावजूद प्रान्त के अधिकतर लोग निर्धन हैं। यहाँ का नवजात मृत्यु दर विश्व में सबसे ज़्यादा है - १००० में से १८४ शिशुओं का पाँच साल की आयु से पहले ही निधन हो जाता है।[3]

कुछ नज़ारे

सन्दर्भ

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