इटावा

इटावा (Etawah) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2]

इटावा
Etawah
सुमेर सिंग किला
सुमेर सिंग किला
इटावा is located in उत्तर प्रदेश
इटावा
इटावा
उत्तर प्रदेश में स्थिति
निर्देशांक: 26°46′N 79°02′E / 26.77°N 79.03°E / 26.77; 79.03 79°02′E / 26.77°N 79.03°E / 26.77; 79.03
ज़िलाइटावा ज़िला
राज्यउत्तर प्रदेश
देश भारत
जनसंख्या (2011)
 • कुल2,56,838
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
पिनकोड2060xx
दूरभाष कोड05688
वाहन पंजीकरणUP-75
लिंगानुपात896/1000 /
साक्षरता81.75%
वेबसाइटwww.etawah.nic.in

विवरण

इटावा एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। यह क्षेत्र दिल्ली-कलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग २ पर स्थित है। इटावा शहर, पश्चिमी मध्य उत्तर-प्रदेश राज्य के उत्तरी भारत में स्थित है। इटावा आगरा के दक्षिण-पूर्व में यमुना (जमुना) नदी के तट पर स्थित है। इस शहर में कई खड्ड हैं। जिनमें से एक पुराने शहर (दक्षिण) को शहर (उत्तर) से अलग करता है। पुल और तटबंध, दोनों हिस्सों को जोड़ते हैं।

इतिहास

इटावा में 16वीं शताब्दी में निर्मित जामी मस्जिद है, जिसका निर्माण एक ऊँचे आधार पर पुराने हिन्दू भवनों के अवशेषों से किया गया है। यहाँ हिन्दू मंदिरों से घिरे 15वीं शताब्दी के एक क़िले का अवशेष भी है। इटावा का पुराना नाम इष्टिकापुर कहा जाता है। हिन्दी के प्रसिद्ध कवि देव, इटावा निवासी थे। उन्होंने स्वयं ही लिखा है- 'द्यौसरिया कविदेव को नगर इटावी वास।

यातायात और परिवहन

वायु मार्ग

इटावा का सबसे निकटतम हवाई अड्डा आगरा और ग्वालियर में हैं।

रेल मार्ग

इटावा रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त इटावा ज़िले में अन्य 6 रेलवे स्टेशन सराय भूपत (8 किलोमीटर), जसवंतनगर (16 किलोमीटर), बलराय (26 किलोमीटर), एकदिल (10 किलोमीटर), समहो (28 किलोमीटर) और भरथना (19 किलोमीटर) स्थित है।

सड़क मार्ग

भारत के कई प्रमुख शहरों से इटावा सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। इटावा ज़िला ग्वालियर, आगरा, फर्रूखाबाद, मैनपुरी, कानपुर और जालौन आदि से सड़क मार्ग द्वारा पूरी तरह से जुड़ा हुआ है।

उद्योग और व्यापार

इस शहर में कपास और रेशम बुनाई के महत्त्वपूर्ण उद्योग व तिलहन मिलें हैं। जिले में धान मिलें भी बहुत बड़ी संख्या में हैं। इटावा घी का वितरण केंद्र भी है।

कृषि और खनिज

इटावा यमुना और इसकी सहायक नदियों द्वारा अपवाहित जलोढ़ भूभाग पर स्थित है और इस क्षेत्र की सिंचाई गंगा नहर प्रणाली की एक नहर द्वारा होती है। यहाँ की फ़सलों में गेहूँ, मकई, जौ और मोटा अनाज शामिल हैं। विशालकाय खड्डों के इस क्षेत्र में नदियों के किनारे मिट्टी के अपरदन की समस्या भी रहती है। पुनर्ग्रहण और कर लगाने संबंधी परियोजनाओं से कुछ भूमि वापस पाने में सहायता मिली है।

शिक्षण संस्थान

इटावा के शिक्षण संस्थानों में गवर्नमेंट इंटर कॉलेज, एच.एम.एस.इस्लामिया इंटर कॉलेज, कर्म क्षेत्र पी॰जी॰ कालेज, जनता कालेज बकेवर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी महाविद्यालय शामिल हैं।

पर्यटन

सुमेर सिंह का किला, चम्बल, जुगरामऊ गांव, टैक्सी मंदिर, बाबरपुर, बकेवर, चकरनगर, जसौहारन, अहीरपुर, प्रताप नगर और सरसईनावर आदि यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी इटावा काफ़ी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इटावा की जामा मसजिद प्राचीन बौद्ध या हिंदू मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई मालूम होती है। भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रुकमणी का मायका कुन्दनपुर जो की वर्तमान में कुदरकोट के नाम से जाना जाता है इसी जिले में है।यहाँ इटावा भिंड मार्ग के जंगलों में इस क्षेत्र का प्रसिद्ध कालीवाहन्न मंदिर है जहाँ प्रतिवर्ष भव्य आकर्षक मेले का आयोजन होता है जिसे देखने के लिए दूर दूर से पर्यटक आते है।

प्रमुख व्यक्तित्व

राजनीति

साहित्य

फिल्म

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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