आबूगीदा

स्वर व्यंजन संयोजक लीपि "अबूगीदा"

आबूगीदा ऐसी लिपि को कहा जाता है जिसमें व्यंजन और स्वर को एक ईकाई में लिखा जाये। उदाहरण के लिए देवनागरी एक आबूगीदा है, क्योंकि "क" के व्यंजन और "ओ" के स्वर को एक ही ईकाई में मिलाकर "को" लिखा जाता है। इसी तरह इथियोपिआइरित्रिया की गीइज़ लिपि में "ड" को "ደ" लिखा जाता है और यदि "डी" लिखना हो तो "ई" का स्वर इसी अक्षर में मिलाकर "ዲ" बन जाता है। इसके विपरीत अंग्रेज़ी में प्रयोग होने वाली रोमन लिपि एक आबूगीदा नहीं है, क्योंकि "क" (k) के साथ "ई" (i) जोड़ने पर भी यह दोनों अलग-अलग अक्षर ही रहते हैं, यानि कि "ki"। आबूगीदा गीइज़ भाषा से आया है। ब्राह्मी परिवार की सभी लिपियाँ आबूगीदा हैं।[1]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

🔥 Top keywords: क्लियोपाट्रा ७ईद अल-अज़हानिर्जला एकादशीमुखपृष्ठविशेष:खोजभारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशभारत का केन्द्रीय मंत्रिमण्डलभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीकबीरॐ नमः शिवायप्रेमचंदतुलसीदासमौसमचिराग पासवानमहादेवी वर्मासुभाष चन्द्र बोसलोकसभा अध्यक्षखाटूश्यामजीभारतीय आम चुनाव, 2019हिन्दी की गिनतीनरेन्द्र मोदीभारत का संविधानइंस्टाग्राममुर्लिकांत पेटकररासायनिक तत्वों की सूचीसूरदासश्री संकटनाशनं गणेश स्तोत्रप्रेमानंद महाराजभारतीय आम चुनाव, 2024महात्मा गांधीभारतहनुमान चालीसाश्रीमद्भगवद्गीताभारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूचीभीमराव आम्बेडकररानी लक्ष्मीबाईसंज्ञा और उसके भेदउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूचीगायत्री मन्त्र