अश्क़ाबाद

अश्गाबात (तुर्कमेन: Aşgabat; Ашгабат, उच्चारण: ɑʃʁɑˈbɑt,[3] फ़ारसी: عشق آباد), जिसे पहले १९१९ से १९२७ के बीच पोलटोरॉस्क (रूसी: Полтора́цк रूसी उच्चारण: [pəltɐˈratsk]) कहा जाता था, तुर्कमेनिस्तान की राजधानी और इसका सबसे बड़ा शहर है। यह मध्य एशिया में काराकुम रेगिस्तान और कोपेत दाग़ के पर्वतमाला के बीच स्थित है। यह ईरान-तुर्कमेनिस्तान सीमा के पास स्थित है।

अश्गाबात
Aşgabat (तुर्कमेन में)
कुंजिकला (दूसरी शताब्दी ई.पू.-लगभग १८३०)
असख़ाबाद (लगभग १८३०-१९१९) Асхабадъ (रूसी में)
पोलटोरॉस्क (१९१९-१९२७) Полторацк (रूसी में)
अशख़ाबाद (१९२७-१९९१) Ашхабад (रूसी में)
चित्र:Ashgabat Railway Station (5731113086).jpg
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अश्गाबात का आधिकारिक सील
सील
Official logo of अश्गाबात
Logo
Ashgabat is located in तुर्कमेनिस्तान
Ashgabat
Ashgabat
तुर्कमेनिस्तान में अश्क़ाबात का स्थान
Ashgabat is located in एशिया
Ashgabat
Ashgabat
Ashgabat (एशिया)
निर्देशांक: 37°56′N 58°22′E / 37.933°N 58.367°E / 37.933; 58.367 58°22′E / 37.933°N 58.367°E / 37.933; 58.367
देश Turkmenistan
स्थापित हुआ१८८१
शासन
 • प्रणालीअध्यक्षीय[1]
 • महापौरयाज़्तगान गिलीजो[2]
क्षेत्रफल
 • कुल४४० किमी2 (170 वर्गमील)
ऊँचाई२१९ मी (719 फीट)
जनसंख्या (२०१२)
 • कुल१०३१९९२
 • घनत्व2,300 किमी2 (6,100 वर्गमील)
डाक कोड७४४०००-७४४०४०
दूरभाष कोड(+993) 12
वाहन पंजीकरणAG
वेबसाइटwww.ashgabat.gov.tm
अश्गाबात का उपग्रह दृश्य

इस शहर को १८८१ में एक अहल तेके आदिवासी गाँव के तौर पर तबाह कर दिया गया था, और इसे १९२४ में तुर्कमेन सोवियत समाजवादी गणराज्य की राजधानी बना दी गई थी। शहर का ज़्यादातर हिस्सा १९४८ अश्गाबात भूकंप में तबाह हो गया था, पर इसे काफी हद तक सपरमुरात नियाज़ोव के "वाइट सिटी" शहरी नवीनीकरण आयोजन के दौरान फिर से बनाया गया है,[4] जिसके चलते स्मरणार्थी इमारत को कीमती सफ़ेद संगमरमर से ढक गए।[5] सोवियत युग का काराकुम नहर शहर के बीच से गुज़रता है, और आमू दरिया के पानी को पश्चिम से पूर्व की तरफ ले जाता है।[6] २०१९ से इस शहर को दुनिया में सबसे ऊँचे जीवन यापन की लागत वाले जगहों में से एक के तौर पर जाना जाता है, जो ज़्यादातर तुर्कमेनिस्तान के मुद्रास्फीति और आयात के मुश्किलों के चलते हुआ है।[7][8][9]

नाम

अश्गाबात को तुर्कमेन में Aşgabat, १९७९ से १९९१ तक रूसी में (रूसी: Ашхабад, रोमीयकरण: Ashkhabad), और फ़ारसी में Ešq-ābād (عشق‌آباد) कहा जाता है। १९९१ से पहले, इस शहर का नाम आम तौर पर अंग्रेजी में अशख़ाबाद के रूप में लिखा जाता था, जो रूसी रूप का एक लिप्यंतरण था। इसका अशख़ाबात और अश्गाबाद के रूप में भी उच्चारण किया गया है। १९१९ से १९२७ तक इस शहर का नाम एक स्थानीय क्रांतिकारी पावेल गैरासिमोविक पोलटोरस्की के ऊपर पोलटोरॉस्क था।[10] हालाँकि ऐसा माना जाता है कि इस नाम का सच में मतलब आधुनिक फ़ारसी में "प्यार का शहर" या "भक्ति का शहर" है, पर ऐसा भी हो सकता है कि इस नाम को लोक व्युत्पत्ति के ज़रिये बदल दिया गया है।[11]

इतिहास

अश्गाबात रेशम मार्ग पर एक शहर कुंजिकला के खंडहर पर बसा है, जिसे पहली बार दूसरी शताब्दी ई.पु. में एक शराब बनाने वाले गाँव के तौर पर देखा गया था और यह पहले शताब्दी ई.पु. में एक भूकंप (१९४८ अश्गाबात भूकंप के एक अग्रगामी) के चलते तबाह हो गया था। कुंजिकला को रेशम मार्ग पर बने फायदेमंद जगह के चलते फिर बनाया गया, और यह मंगोल द्वारा फिर तबाह कर दिए जाने तक ऐसे ही सँवरता रहा। उसके बाद यह एक छोटे गाँव के रूप में ज़िंदा रहा और फिर उन्नीसवीं सदी में रूसियों ने इस पर कब्ज़ा कर लिया।[12][13] कोसी, शहर के पास वाला एक उपनगर, जो २०१३ साल में शहर के अंदर शामिल हो गया था, राजधानी निसा को बचाने के लिए पार्थियाईयों द्वारा बनाए गए महल की जगह हो सकती है, जो १९७० युग और २०२० जैसे हाल ही के समय में खोजे गए मिट्टी के बर्तनों और दूसरे कलाकृतियों पर आधारित है।

जीयोप टेप की लड़ाई तक फ़ारस का हिस्सा रहा अश्क़ाबाद, अखल संधि की शर्तों के तहत रूसी साम्राज्य को सौंप दिया गया। शहर के ब्रिटिश-प्रभावित फ़ारस की सीमा के करीब होने के कारण रूस ने इस इलाके को विकसित किया, और 1881 से 1897 में जनसंख्या 2,500 से बढ़कर 19,400 (जिनमें से एक तिहाई फ़ारसी थे) हो गई।[14] 1908 में, अश्क़ाबाद में पहली बहाई प्रार्थनाघर बनाया गया, 1948 के भूकंप में यह बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और अंततः 1963 में इसे ध्वस्त कर दिया गया।[15] तुर्कमेनिस्तान में बहाई आस्था के समुदाय के काफी लोग अश्क़ाबाद में रहते हैं।

अश्क़ाबाद में सोवियत शासन दिसंबर 1917 में स्थापित हुआ। 1919 में, तुर्कस्तान स्वायत्त सोवियत समाजवादी गणराज्य के राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के सोवियत संघ के अध्यक्ष पावेल पोल्टरोरस्की के नाम पर, शहर का नाम बदलकर पोल्टोरात्स्क (पोलोरार्स्क) रख दिया गया। जब तुर्कमेन एसएसआर 1924 में स्थापित किया गया, पोल्टरेट्सक को उसकी राजधानी बनाई गई। 1927 में मूल नाम ("अश्खाबाद" के रूप में) पुनर्स्थापित किया गया।

जनसांख्यिकी

तुर्कमेनिस्तान के ज़्यादातर वासी संजातीय तुर्कमेन हैं और नापने योग्य उज़बेक और रूसियाँ की अल्पसंख्याएँ भी मौजूद हैं। और भी छोटे अल्पसंख्याएँ हैं कज़ाखों, तातारों, यूक्रेनियन, कुर्द (कोपेत दाग़ पर्वत के रहने वाले), आर्मीनियाई, अज़ेरि, बलोचों और पठानों की है। तुर्कमेनिस्तान में संजातीय रूसियों की संख्या १९३९ में १८.६% से १९८९ में ९.५% तक काम हो गई। २०१२ में यह बात निश्चित हो चुकी थी कि कई कारणों के चलते तुर्कमेनिस्तान की जनसंख्या काम होती जा रही है और यह पहले अंदाजा लगाए ५० लाख से कम है।[16] तुर्कमेनिस्तान के वासिओं को तुर्कमेनिस्तानी कहा जाता है।[17]

प्रथम बहाई प्रार्थनाघर 1908

जलवायु

दक्षिण में लगभग 25 किलोमीटर (16 मील) पर कोपेत दाग़ पर्वत श्रृंखला है, और उत्तरी सीमा पर काराकुम रेगिस्तान है, इस वजह से अश्क़ाबाद में गर्म, शुष्क ग्रीष्मकाल और ठंड़े, छोटी सर्दियों के साथ एक शुष्क रेगिस्तान जलवायु है। जुलाई में औसत उच्च तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस (100.9 डिग्री फ़ारेनहाइट) होता है। गर्मियों में रात का समय प्राय: गर्म होता हैं, जुलाई में औसत न्यूनतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस (75 डिग्री फ़ारेनहाइट) होता है। औसत जनवरी में उच्च तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस (47.5 डिग्री फारेनहाइट) होता है, और औसत निम्न तापमान -0.4 डिग्री सेल्सियस (31.3 डिग्री फारेनहाइट) होता है। अशगबत में सबसे उच्च तापमान 47.2 डिग्री सेल्सियस (117 डिग्री फ़ारेनहाइट), जून 2015 में दर्ज किया गया था। जनवरी 1969 में -24.1 डिग्री सेल्सियस (-11 डिग्री फ़ारेनहाइट) का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया था। क्षेत्र में कभी-कभार हिमपात भी देखने को मिलता है। वार्षिक वर्षा केवल 201 मिलीमीटर (7.91 इंच) होती है; जोकि अधिकतर मार्च और अप्रैल के महीनों में होती है।

अर्थव्यवस्था

यहाँ के मुख्य उद्योग सूती वस्त्र और धातु कला हैं। यह ट्रांस-कैस्पियन रेलवे का एक मुख्य स्टेशन है। अश्क़ाबाद में रोजगार का एक बड़ा प्रतिशत राज्य संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाता है; जैसे कि मंत्रालयों, अधोमुखी, और तुर्कमेनिस्तान सरकार के अन्य प्रशासनिक निकाय अपने विदेशी देशों के दूतावासों में राजनयिक या क्लर्क के रूप में काम करने वाले कई विदेशी नागरिक भी हैं। मध्य एशिया और फारस की खाड़ी के बीच माल के परिवहन को सुविधाजनक बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिवहन और पारगमन गलियारे बनाने के लिए, भारत, ओमान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान और कजाकिस्तान के बीच हुआ समझोता, अश्क़ाबाद के नाम पर ही, "अश्क़ाबाद समझौता" रखा गया है।

अश्क़ाबाद, पैनोरमा दृश्य

चित्र दीर्घा

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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