अवुकाना बुद्ध प्रतिमा

अवुकाना बुद्ध प्रतिमा ( ( सुनें) /ˈəvʊkɑːnɑː prətɪmɑː/) (संस्कृतम्: अवुकाना प्रतिमा, अंग्रेज़ी: Avukana Buddha statue) मध्य श्रीलंका के केकीरवा विभाग में स्थित भगवान् बुद्ध की प्रतिमा है। ये प्रतिमा ४० फीट (१२ मी.) उन्नत (tall) है। विशाल ग्रेनाट् शिला में उत्कीर्ण ये प्रतिमा पाँचवी शतादी में बनाई गई, ऐसा अनुमान किया जाता है। अवुकाना प्रतिमा अभयमुद्रा के भिन्न स्वरूप को दर्शाती है। उस प्रतिमा में सुक्ष्म उत्कीर्णन किया गया है। मुख्यतया वस्त्र का सुष्ठु रूप से उत्कीर्णन करने में अधिक कार्य किया गया है ऐसा प्रत्यक्ष होता है। धातुसेन नामके राजा के समय में उत्कीर्ण ये प्रतिमा शिक्षक और विद्यार्थीओं में आयोजित स्पर्धा का फल है। सद्य वो स्थल पर्यटन के लिये उत्तम स्थल माना जाता है।

अवुकाना बुद्ध प्रतिमा
वर्षपांचवी शताब्दी
प्रकारशाला मूर्ति
स्थानकेकीरवा, श्रीलंका

स्थल और सज्जा

अवुकाना प्रतिमा मध्य श्रीलंका के केकीरवा विभाग में स्थित अवुकाना ग्राम में विद्यमान है। उस ग्राम का अपर नाम औकाना भी प्रसिद्ध है। प्रतिमा के सम्मुख काला वेवा नामका सरोवर है। बुद्ध प्रतिमा सरोवर की ओर अभिमुखी है। [1] विशाल ग्रेनैट शिल से निर्मित वो प्रतिमा को गिरिका (टीला) से भिन्न नहीं किया गया है, अपि तु गिरिका के सम्मुख स्थित भाग पर उत्कीर्णन करके पृष्ठ भाग गिरिका के साथ सँल्लग्न ही स्थापित किया गया है  [2]। ऐसा करने से प्रतिमा का आधार दृढ हो गया है और वो विशाल प्रतिमा दृढतया भूमि पर स्थित हो गई है [3]। परन्तु प्रतिमा का कमल आकार आसन का भिन्नतया उत्कीर्णन करके प्रतिमा के आधार के रूप में निर्मित किया गया है। आसन के बिना प्रतिमा का औन्नत्य ३८ फीट् १० इंच् (११.८४ मीटर) है। आसन का औन्नत्य गिन कर यदि प्रतिमा के सम्पूर्ण औन्नत्य को गिनते हैं, तो प्रतिमा का औन्नत्य ४२ फीट (१३ मीटर) होता है [4][5]। प्रतिमा के अग्र भाग में एक मन्दिर है। प्राचीन काल में उस मन्दिर में ही ये प्रतिमा प्रस्थापित हुई थी। आज भी वहाँ अनेक अवशेष उपबद्ध हैं।उस मन्दिर की भित्ति इंटो और चट्टानों से निर्मित है। उस मन्दिर की लम्बाई ७४ फीट (२३ मीटर) और विस्तार ६३ फीट (१९ मीटर) है [6]

वैशिष्ट्य

अवुकाना बौद्ध प्रतिमा

श्रीलंका की प्राचीन बौद्ध प्रतिमा में अवुकाना प्रतिमा का भी उल्लेख होता है [7]। ये प्रतिमा गान्धार औरअमरावती की शिल्पशैली में निर्मित है ऐसा स्पष्टतया जान पड़ता है। बुद्धमूर्ति के शरीर पर वस्त्रों को कुण्ठतया (tight) बनाये गया है। अतः बुद्ध की शरीराकृति स्पष्टतया देख सकते हैं। श्रीलंका की बौद्ध परम्परा के अनुसार बुद्ध प्रतिमा का दायां कन्धा वस्त्र से आच्छादित है, परन्तु बायां कन्धा अनावृत ह है। सावधान स्थिति में दिखाये गये बुद्ध के शरीर का दायं हस्त वस्त्र को धारण किये हुए हैं ऐसा आकृति का स्वरूप है। दायाँ हाथ कन्धे तक उठा कर के करतल को बायी ओर वक्रीकृत (मोड़ा) किया गया है [8][9]। जिस मुद्रा में बुद्ध प्रतिमा है, वो मुद्रा आशीर्वाद मुद्रा के रूप में प्रसिद्ध है। वो आशीर्मुद्रा अभयमुद्रा का ही एक प्रकार है [10]

उद्धरण

अधिक पठन के लिये

  • von Schroeder, Ulrich (1990)। Buddhist Sculptures of Sri Lanka. (752 p.; 1620 illustrations)। Hong Kong: Visual Dharma Publications, Ltd. ISBN 962-7049-05-0
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