अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे तारा

एंड्रोमेडा के नक्षत्र में तारा

अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे, जिसका बायर नाम भी यही (α Andromedae या α And) है, देवयानी तारामंडल का सब से रोशन तारा है और पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ५४वाँ सब से रोशन तारा है। यह हमसे ९७ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) २.०६ है।[1] पृथ्वी से एक दिखने वाला यह तारा वास्तव में एक द्वितारा है जिसके दो तारे एक-दूसरे से बहुत कम दूरी पर एक-दूसरे की परिक्रमा कर रहे हैं। इनमें से ज़्यादा रोशन तारे के वातावरण विचित्र है: उसमें बहुत अधिक मात्रा में पारा और मैंगनीज़ पाए गए हैं और वह सब से रोशन ज्ञात पारा-मैंगनीज़ तारा है।[2]

अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे
देवयानी तारामंडल में अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे का स्थान

अन्य भाषाओँ में

अंग्रेज़ी में अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे को "ऐल्फ़ॅरैट्ज़" (Alpheratz) या "सिर्राह" (Sirrah) भी कहा जाता हैं। यह दोनों नाम अरबी भाषा के "सुर्रात अल-फ़रस" (سرة الفرس‎ से लिए गए हैं, जिसका अर्थ "घोड़े की नाभि" है। भारतीय खगोलशास्त्र में अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे और गामा पॅगासाई (γ Pegasi) तारों को इकठ्ठे उत्तरभाद्रपद नक्षत्र बुलाया जाता है।

तारे का ब्यौरा

  • अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे का मुख्य तारा एक B8 IVpMnHg श्रेणी का उपदानव तारा है, जिसमें Hg इस तारे में पारे की मौजूदगी और Mn मैंगनीज़ की मौजूदगी प्रदर्शित करता है। 'p' इस तारे को 'peculiar' (अजीब) का ख़िताब देता है। यह हमारे सूरज के द्रव्यमान (मास) का ३.६ गुना द्रव्यमान रखता है और इसकी चमक सूरज की चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) की २०० गुना है। इसका व्यास (डायामीटर) सूरज के व्यास का २.७ गुना है। इसकी सतह का तापमान १३,८०० कैल्विन अनुमानित किया गया है। पारे और मैंगनीज़ के आलावा इसमें ज़ीनॉन और गैलियम के रासायनिक तत्व पाए गए हैं। जब सन् १९०६ में वैज्ञानिकों को इस तारे के वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) का अध्ययन करने पर इन तत्वों की हाज़री का ज्ञान हुआ तो वह बहुत अचंभित हुए लेकिन अब ऐसे कई तारे देखे जा चुके हैं।
  • अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे का दूसरा तारे का द्रव्यमान सूरज के द्रव्यमान का १.७८ गुना और उसका व्यास सूरज के व्यास का १.६५ गुना है। यह एक A3 V श्रेणी का मुख्य अनुक्रम तारा है और इसका सतही तापमान ८,५०० कैल्विन है। इस तारे के वातावरण में बेरियम की उपस्थिति पाई गई है।
  • एक तीसरा G श्रेणी का तारा भी इस द्वितारे के साथ बहु तारा मंडल में नज़र आता है, लेकिन वास्तव में यह केवल उनके समीप पृथ्वी से देखने में लगता है हालांकि है नहीं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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